प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र टुकड़ों में रिजल्ट आने से परेशान
पॉलीटेक्निक में कई चक्र में प्रवेश और टुकड़ों में परिणाम आने से छात्र हो रहे आक्रोशित
सोशल साइट पर छात्रों ने जताया आक्रोश
पुनर्मूल्यांकन परिणाम का एक हिस्सा ही जारी किया
जिन छात्रों का परिणाम नहीं आया वे अब दुविधा में हैं
17 मई को पुनर्मूल्यांकन के परिणाम का एक हिस्सा जारी किया था
22 अगस्त 2023 को काउंसलिंग शुरू हुई 29 दिसंबर तक चली
लखनऊ । प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक में पढ़ाई कर रहे छात्र प्रावधिक शिक्षा परिषद के तरीकों से परेशान हो गए हैं। पहले पॉलीटेक्निक में प्रवेश टुकड़ों में लिए गए और अब पुनर्मूल्यांकन परिणाम भी लगातार टुकड़ों में जारी किए जा रहे हैं।
जिन छात्रों का परिणाम जारी हुआ है वो लगाातर सोशल साइट पर सही रिजल्ट जारी नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं और जिनका परिणाम जारी नहीं हुआ वो दुविधा में हैं कि आगामी सम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म बिना रिजल्ट के कैसे भरें।
प्राविधिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट देखते-देखते और कार्यालय पर चक्कर लगा लगा कर पॉलीटेक्निक विषम सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके छात्र परेशान हो चुके हैं। क्योंकि छात्रों ने कम अंक आने पर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। अभी तक बोर्ड सिर्फ 20 प्रतिशत पुनर्मूल्यांकन के आवेदन का परिणाम ही जारी कर पाया है और बाकी 80 फीसदी परिणाम अभी भी अधर में है। जानकारी के अनुसार इससे पूर्व की परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन परिणाम भी टुकड़ों में ही जारी किए थे।
विभागीय सूत्रों की मानें तो स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की कापियां एक अलग समिति से तीन-तीन बार जांच करायी जा रही हैं। पिछले सत्र की वार्षिक परीक्षा बाद भी स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन के परिणाम में इसी के चलते देरी हुई थी। स्क्रूटनी के परिणाम दीपावली पर जारी हुए थे लेकिन पुनर्मूल्यांकन के परिणाम में तीन महीने लगे। बता दें कि शासन ने कापी की तीन बार जांच कराई। इसमें नंबर बढ़ने व घटने पर पहले कापी जांचने वाले 400 शिक्षकों को डिबार कर दिया था।
प्रवेश काउंसलिंग भी टुकड़ों में पूरी की गई
सत्र 2023-24 की प्रवेश काउंसलिंग भी टुकड़ों में हुई थी। 22 अगस्त 2023 को काउंसलिंग शुरू हुई और पांच सितंबर से कक्षाएं लगाने के निर्देश मिल गए लेकिन 29 दिसंबर तक काउंसलिंग चली। अक्टूबर में दो अन्य चरण में काउंसलिंग के बाद भी सीटें नहीं भरी। 17 दिसंबर में फिर दो अन्य चरणों में काउंसलिंग करायी थी। जिन छात्रों का प्रवेश अगस्त माह में हुआ और जिनका दिसम्बर में दोनों की पढ़ाई एक सेमेस्टर में हुई।
सोशल साइट पर छात्रों ने जताया आक्रोश
छात्रों का आरोप है कि पुनर्मूल्यांकन परिणाम ऐसे ही जारी करना है तो बोर्ड को पुनर्मूल्यांकन आवेदन बंद कर देना चाहिए। प्रत्येक विषय के लिए पांच सौ रुपए शुल्क देना होता है। जिस प्रकार परीक्षा की कापियां जांची जाती हैं छात्रों को एक से लेकर तीन विषय में आवेदन करना होता है। जिससे समय और पैसा बर्बाद होता है। छात्र-छात्राओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी समस्याएं प्रमुखता से उठाई।
बता दें कि बोर्ड ने विषम सेमेस्टर परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन के परिणाम का एक हिस्सा 17 मई को जारी कर दिया था। रिजल्ट जारी होने के बाद सोशल साइट पर बड़ी संख्या में छात्रों ने नाराजगी जतायी। छात्रों का आरोप था कि कापियां बिना जांचे परिणाम जारी कर दिया गया है क्योंकि अधिकांश छात्रों के परिणाम में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। इससे साफ होता है कि परिणाम बिना जांचे जारी हुआ।
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