चार वर्ष बाद बेसिक शिक्षा परिषद में अपीलों पर शुरू हुई सुनवाई, परिषद मुख्यालय में नए सचिव सुरेन्द्र तिवारी ने संभाली कमान
प्रयागराज । शिक्षा निदेशालय स्थित सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में चार साल बाद हलचल बढ़ी है। नवनियुक्त प्रभारी सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने प्रदेशभर के शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से आने वाली अपील पर चार साल बाद शुक्रवार से सुनवाई शुरू की।
पहले दिन ही लगभग 50 प्रकरणों की सुनवाई करते हुए उन्होंने एक सप्ताह के अंदर नियम संगत निस्तारण के निर्देश दिए हैं। शनिवार को अवकाश के दिन भी भदोही की एक अपील पर सुनवाई के लिए मौजूद रहे। सुनवाई में बीएसए भदोही बीएन सिंह को भी बुलाया गया था।
परिषद मुख्यालय में सुनवाई शुरू होने से प्रदेशभर के 133035 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों में कार्यरत पांच लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
इससे पहले दो जुलाई 2020 से मार्च 2024 तक लगभग चार साल सचिव रहे प्रताप सिंह बघेल न तो कभी कार्यालय में बैठे न ही अपील पर सुनवाई की। हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बावजूद प्रताप सिंह बघेल ने परिषद मुख्यालय में बैठने की जहमत नहीं उठाई। प्रदेशभर के शिक्षक दौड़कर परिषद मुख्यालय आते, लेकिन निराशा ही हाथ लगती।
केस 1
बीएसए नोएडा ने कम्पोजिट विद्यालय भगवन्तपुर जेवर विकास खंड के इंचार्ज प्रधानाध्यापक लोकेश कुमार को 31 अगस्त 2022 को निलंबित कर दिया। जांच अधिकारी को साक्ष्य सहित जवाब देने के बावजूद उसकी अनदेखी कर दी गई। चार नवंबर 2022 को बीएसए ने बहाल तो किया लेकिन एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोक दी। इससे असंतुष्ट लोकेश कुमार ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक प्रथम मंडल मेरठ से 13 दिसंबर 2022 को अपील की, लेकिन उनके प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं हुआ। जिस पर लोकेश कुमार ने नौ जून 2023 को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से अपील की थी। नवनियुक्त प्रभारी सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की।
केस 2
अर्जुन नगर आगरा के आनंद कुमार वर्मा का चयन 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में हुआ था। नौ दिसंबर 2020 को काउंसिलिंग में शामिल होने के बावजूद उनकी नियुक्ति रोक दी गई थी। हाईकोर्ट ने 12 मार्च 2024 को आदेश दिया जिसका अनुपालन नहीं हो रहा था। इनके मामले की सुनवाई भी शुक्रवार को हुई।
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