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Friday, May 10, 2024

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रेच्युटी लाभ के लिए पात्र : त्रिपुरा हाई कोर्ट

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रेच्युटी लाभ के लिए पात्र : त्रिपुरा हाई कोर्ट

सेवानिवृत्त हो चुके लोगों पर भी लागू होगा यह फैसला

सेवानिवृत्ति के 30 दिनों के भीतर होना चाहिए भुगतान


अगरतल्ला । एक बेहद महत्वपूर्ण फैसले में त्रिपुरा हाई कोर्ट ने कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रेच्युटी लाभ पाने के पात्र हैं। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूर्वप्रभावी तिथि से ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत कवर किए जाएं।


जस्टिस एस. दत्त पुरकायस्थ की एकल पीठ के फैसले के मुताबिक, आइसीडीएस योजना के तहत कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायक सेवानिवृत्त होने के बाद ग्रेच्युटी धनराशि हासिल करने के पात्र होंगे और इसमें सेवानिवृत्त हो चुके लोग भी शामिल हैं। 


इस मामले में 22 याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम राय बर्मन ने बताया, 'अदालत ने 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के पक्ष में फैसला सुनाया है जिन्होंने ग्रेच्युटी लाभ पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने इस आधार पर हाई कोर्ट की शरण ली थी कि वे ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के कहत यह विशेष लाभ पाने के अधिकारी हैं।


 इससे पहले सभी याचिकाकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ प्राधिकारी सामाजिक कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग से यह लाभ देने का अनुरोध किया था, लेकिन विभाग ने उनका आग्रह ठुकरा दिया था।' हाई कोर्ट ने उस आदेश को भी रद कर दिया जिसके आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायकों को ग्रेच्युटी लाभ से वंचित किया गया था। बर्मन ने कहा, 'हाई कोर्ट ने विशेष तौर पर कहा है कि ग्रेच्युटी की धनराशि का भुगतान सेवानिवृत्ति 30 दिनों के भीतर कर दिया जाना चाहिए और इसमें देरी होने पर धनराशि में निर्धारित ब्याज दर से वृद्धि होगी। 


फैसले को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायकों की जीत बताते हुए उन्होंने कहा, 'आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायक बेहद कठिन जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं, लेकिन बदले में उन्हें जो भुगतान किया जाता है वह सम्मानजनक जीवन जीने के लिए पर्याप्त नहीं है।' 


बर्मन के मुताबिक, हाई कोर्ट गुजरात से जुड़े इसी तरह के मामले में पूर्व में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया, 'गुजरात से जुड़े इसी तरह के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी का लाभ अवश्य मिलना चाहिए। यह फैसला सभी राज्यों पर लागू था।

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