अब सप्ताह में दो पीरिएड लाइब्रेरी के, पुस्तकालय का उपयोग बढ़ाने को DGSE का फरमान
■ बच्चों को लाइब्रेरी से पुस्तक ले जानी की देंगे सुविधा
■ छात्रों में पुस्तकालय के प्रति रुझान बढ़ाने की कोशिश
प्रयागराज । समग्र शिक्षा अभियान (माध्यमिक) के तहत प्रदेश के 2306 राजकीय विद्यालयों में पुस्तकालयों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्र-छात्राओं को सप्ताह में दो पीरिएड लाइब्रेरी में अध्ययन करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने नौ मई को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी किया है। शैक्षिक पंचाग में माहवार उल्लिखित विभिन्न दिवसों पर पुस्कालय में गतिविधियां कराई जाएंगी।
रीडिंग क्लब, प्रश्नोत्तरी क्लब, साहित्यिक क्लब, वाद-विवाद क्लब आदि के माध्यम से पुस्तकालय की गतिविधियों को सक्रियता बढ़ाएंगे। विद्यार्थियों और शिक्षकों को पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। कुछ निश्चित अवधि (अधिकतम 15 दिन) के लिए विद्यार्थियों को पुस्तक घर ले जाने की सुविधा भी प्रदान करने की व्यवस्था होगी। पुस्तकालय का दायित्व देखने वाले शिक्षक पुस्तकों की प्रदर्शनी, समारोह, प्रतियोगिताएं, पुस्तक मेले आदि का आयोजन भी करेंगे।
प्रत्येक स्कूल में गठित होगी छात्र पुस्तकालय समिति
छात्र-छात्राओं में पठन-पाठन के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय स्कूल में छात्र पुस्तकालय समिति भी गठित होगी। इसके अध्यक्ष प्रधानाचार्य होंगे और पुस्तकालयाध्यक्ष या इंचार्ज पुस्तक सहायक सदस्य सचिव बनाए जाएंगे। स्कूल में पढ़ाए जाने वाले तीन मुख्य शिक्षक के एक-एक शिक्षक और विभिन्न कक्षाओं से पुस्तकालय कप्तान चयनित पांच छात्र समिति के सदस्य होंगे। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के एक सदस्य समिति के आमंत्रित सदस्य होंगे। महीने में कम से कम एक बार समिति की बैठक होगी।
माध्यमिक विद्यालयों की लाइब्रेरी में बनेंगे रीडिंग कॉर्नर
लखनऊ। सूबे के माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों में छात्रों को पढ़ने के लिए रीडिंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। छात्र-छात्राओं में पढ़ने की प्रवृत्ति विकसित करने के उद्देश्य से ऐसी व्यवस्था की जाएगी। पुस्तकालयों के सुचारू संचालन के लिए विद्यालयों में स्टूडेंट लाइब्रेरी काउंसिल का गठन किया जाएगा। यह काउंसिल पुस्तकालयों का संचालन करेगी।
इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा का निर्देश पत्र सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि पुस्तकालय विद्यालय का महत्वपूर्ण अंग हैं। इसमें उपलब्ध सुविधाएं छात्रों के पढ़ने और समझने में सहयोग प्रदान करेंगी। साथ ही विद्यार्थियों की मौखिक एवं लिखित भाषा सुदृढ़ होगी। समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना और बजट में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय के सुदृढ़ीकरण के लिए यह व्यवस्था की गई है।
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