इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को मिलेगा आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
लखनऊ। इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को आपदा से बचाव के लिए दक्ष बनाया जाएगा। कॉलेजों में आपदा बचाव की विशेष टीम गठित की जाएगी। समय-समय पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। टीम में दो छात्र-छात्राओं के साथ अग्निशमन विभाग के एक कर्मचारी भी शामिल रहेंगे।
माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को आपदा से बचाव की जानकारी देने के लिए आपदा प्रबंधन समिति का गठन होगा। समिति के अध्यक्ष विद्यालय के प्रधानाचार्य होंगे। इसके अलावा दो छात्र-छात्राओं के साथ क्षेत्रीय अग्निशमन केंद्र एक कर्मचारी भी समिति में शामिल किया जाएगा। विद्यार्थियों को गैस सिलिंडर को बुझाने, कुंए में उतरने, कमरे में आग लगने के बाद बुझाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आपदा बचाव के नियमों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों की मदद आपदा बचाव के लिए ली जाएगी। समिति इंटर के विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की ओर से सभी विद्यालय के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर आपदा प्रबंधन समिति का गठन करने का निर्देश दिया गया है। जुलाई माह से प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन समिति बनने से विद्यार्थियों को आपदा व उससे बचाव के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। अग्निशमन विभाग के कर्मचारी समय-समय पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित भी करेंगे। विद्यालयों को समिति गठन के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है।
माध्यमिक विद्यालयों में आपदा प्रबंधन के लिए बनेगी विशेष टीम, जिला व विद्यालय स्तर पर स्कूल सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी का होगा गठन
माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को आपदा से बचाव की जानकारी देने के लिए विशेष टीम गठित होगी। इसी क्रम में माध्यमिक विद्यालयों को भी छात्रों को आपदा प्रबंधन के लिए तैयार किया जा रहा है।
माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को आपदा की जानकारी देने के लिए जिला व विद्यालय स्तर पर स्कूल सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी का गठन किया जा रहा है। विद्यालय आपदा प्रबंधन समिति में प्रधानाचार्य को अध्यक्ष, उप प्रधानाचार्य या वरिष्ठ शिक्षक के साथ ही डीआईओएस सदस्य के तौर पर - शामिल होंगे। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट - एवं गाइड, क्लास मॉनिटर में से एक से चार सदस्य लिए जाएंगे। वहीं, आपदा विशेषज्ञ, नजदीकी - अग्निशमन केंद्र व नजदीकी पुलिस स्टेशन का एक-एक कर्मी, एक स्थानीय चिकित्सक व नागरिक सुरक्षा से एक वार्डन प्रतिनिधि सदस्य के तौर पर शामिल होगा। इसी तरह से - विद्यालय स्तर पर उप समितियों का गठन होगा।
जिसमें जागरूकता सृजन एवं चेतावनी और सूचना प्रसार टीम में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक सहित दो छात्र, दो छात्राओं को शामिल किया जाएगा। खोजी व बचाव दल में एक शिक्षक भी होगा।
अग्नि बचाव दल में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक, दो छात्र, दो छात्राओं के साथ ही अग्निशमन केंद्र का एक कर्मी शामिल होगा। प्राथमिक उपचार टीम में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक, दो छात्र, दो छात्राएं व एक चिकित्सक शामिल किया जाएगा। बस सुरक्षा दल में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक, दो छात्र व दो छात्राओं के साथ ही एक महिला व एक पुरुष पुलिसकर्मी शामिल होगा। स्थल सुरक्षा दल में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक सहित दो छात्र व दो छात्राओं सहित थानाध्यक्ष शामिल होंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश पर माध्यमिक विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था के आकलन की कवायद हुई तेज
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर न्यायालय के निर्देश पर विभाग ने कवायद तेज कर दी है। विभाग ने सभी डीआईओएस से जिला स्तर पर स्कूल प्रबंधक, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक कर इसकी न्यायालय के आदेश समीक्षा करने पर माध्यमिक शिक्षा में कवायद तेज के निर्देश दिए हैं।
विभाग ने कहा है कि इन बैठक के जरिये विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था का आकलन किया जाए। गैर संरचनात्मक सुरक्षा उपाय के तहत विद्यालयों के फर्नीचर, अलमारी, ब्लैक बोर्ड, सीलिंग फैन आदि के गिरने की आशंका न रहे, इसके लिए जरूरी निरीक्षण कर लिया जाए।
प्रयोगशाला में रखे रसायन व अन्य ज्वलनशील पदार्थ का रखरखाव भी ठीक से किया जाए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इसके लिए पूर्व में हुई बैठक के अनुसार एक प्रारूप जारी करते हुए सभी जिलों से सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी जानकारी भी मांगी है।
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