अब भिखारियों की तलाश करेंगे ग्वालियर के सरकारी टीचर, शिक्षा विभाग ने लगाई ड्यूटी
मध्य प्रदेश से आई इस खबर की चर्चा हो रही पूरे देश में
MP Teacher News: ग्वालियर के जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश का शिक्षकों ने विरोध किया है। उस आदेश में शिक्षकों को भिखारियों को ढूंढकर मुख्यधारा से जोड़ने का काम दिया गया है।हालांकि हाईकोर्ट का आदेश है कि शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यों में नहीं लगाना है।
ग्वालियर: अजब गजब वजहों की वजह से मध्य प्रदेश की चर्चा हमेशा होती है। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में शिक्षकों शराब के ठेकों की गिनती का काम दिया गया था। अब ग्वालियर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने आदेश में शिक्षकों को गजब काम दिया है। शिक्षकों को शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले भिखारियों को मुख्य धारा में लाना है। साथ ही जो बच्चे भिक्षावृत्ति में लगे हैं कि उनकी संख्या पता कर स्कूलों तक पहुंचाना है। इस फैसले का शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं।
ये है आदेश
दरअसल, ग्वालियर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अभियान का जिक्र करते हुए आदेश जारी किया है। इसके तहत हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल और कर्मचारियों को शामिल किया गया है। उनसे कहा गया है कि सड़क पर भिक्षावृत्ति की रोकथाम करें। साथ ही इससे जुड़े लोगों को मुख्यधारा में वापस लाएं।
शिक्षक कर रहे विरोध
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश का शिक्षक संगठन ग्वालियर में विरोध कर रहे हैं। साथ ही हाई कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया है, जिसमें यह कहा गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाए। इसके बावजूद शिक्षकों को इन कामों में लगाया जा रहा है। उनसे तमाम तरह के कार्य कराए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले महिला एवं बाल विकास विभाग की एक ऑनलाइन मीटिंग हुई थी। इसी मीटिंग में यह चर्चा हुई थी कि भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को स्कूल तक पहुंचाएं। साथ ही उन्हें मुख्यधारा से जोड़ें।
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