विश्वविद्यालय और कॉलेज जातीय भेदभाव से निपटने को रहें सतर्क, UGC ने दिया शिक्षण संस्थानों को निर्देश
यूजीसी ने कहा-संस्थान बनाएं कमेटी, ब्योरा भी मांगा
कमेटी में एससी, एसटी, ओबीसी प्रतिनिधियों को करें शामिल
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले देश के सभी विश्वविद्यालयों और उससे जुड़े कालेजों को जातीय भेदभाव से निपटने को लेकर सतर्क किया है। इसके लिए सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने यहां एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया है, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से शामिल करने का सुझाव दिया है।
आयोग ने सभी संस्थानों से अपनी वेबसाइट पर इससे जुड़ी शिकायतों के लिए एक पेज भी तैयार करने को कहा है। आयोग ने यह कदम तब उठाया है, जब उच्च शिक्षण संस्थानों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। ऐसे में आयोग ने जातीय भेदभाव की घटनाओं से निपटने के लिए पुख्ता बंदोबस्त रखने को कहा है।
आयोग ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और प्राध्यापकों से भी विशेष सतर्कता रखने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित करने को भी कहा था कि प्राध्यापक ऐसी घटनाओं से खुद को दूर रखें। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों से कहा है कि वह शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान हुई ऐसी घटनाओं का ब्योरा मुहैया कराने को भी कहा है।
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