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Sunday, June 30, 2024

IIRF रैंकिंग में JNU ने मारी बाजी, ये हैं देश की टॉप 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी

IIRF रैंकिंग में JNU ने मारी बाजी, ये हैं देश की टॉप 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी


IIRF Ranking 2024: भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (Indian Institutional Ranking Framework) ने देश के टॉप केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को पहला स्थान मिला है, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) दूसरे स्थान पर है. ये फ्रेमवर्क देश के शिक्षण संस्थानों को रैंक करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है. यह रैंकिंग 7 परफॉरमेंस इंडिकेटर पर आधारित है.


इस लिस्ट में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने भी टॉप में रैंक हासिल की है. टॉप डीम्ड विश्वविद्यालयों में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) और होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं. वहीं, टॉप निजी विश्वविद्यालयों में अशोक विश्वविद्यालय, धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (डीए-आईआईसीटी) और शिव नादर विश्वविद्यालय शामिल हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को विशेष रूप से प्लेसमेंट परफॉरमेंस और टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेज एंड पेडागोजी में टॉप नंबर मिले हैं.


इस रैंकिंग के जरिए देश भर के एक हजार से ज्यादा संस्थानों का मूल्यांकन किया जाता है. जिसमें 300 से अधिक विश्वविद्यालय, 350 इंजीनियरिंग कॉलेज, 150 से अधिक बिजनेस स्कूल, 50 लॉ कॉलेज, 50 डिज़ाइन स्कूल, 50 आर्किटेक्चर कॉलेज और 100 से अधिक अंडर ग्रेजुएट कॉलेज शामिल हैं जो BBA और BCA प्रोग्राम ऑफर करते हैं. भारतीय संस्थान रैंकिंग ढांचा (IIRF) एक गैर-सरकारी संगठन है जो देश भर के शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करता है.


ये हैं टॉप 10 संस्थान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)
यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद (University of Hyderabad)
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (RPCAU)
पांडिचेरी विश्वविद्यालय (Pondicherry University)
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUP)
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय (CURAJ)


रैंकिंग में देखी जाती हैं ये बातें

प्लेसमेंट परफॉरमेंस
टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेस एन्ड पेडागोजी
रिसर्च
इंडस्ट्री इनकम एन्ड इंट्रीगेशन
प्लेसमेंट स्ट्रेटेजी एन्ड सपोर्ट
फ्यूचर ओरिएंटेशन
एक्सटर्नल परसेप्शन एन्ड इंटरनेशनल आउटलुक

परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने के संबंध में RSM का ज्ञापन

परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने के संबंध में RSM का ज्ञापन 


सीएम योगी ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि भेजने की शुरुआत की, 12 सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मिलेगी खातों में राशि

सीएम योगी ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि भेजने की शुरुआत की12 सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मिलेगी खातों में राशि


488 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को योजना का लाभ

छात्र-छात्राओं के खातों में पहुंचे 1056 करोड़


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे विद्यालय नवाचार और शोध के नए केंद्र के रूप में विकसित हों। छात्र-छात्राओं के अंदर कठिन चुनौतियों से जूझने का जज्बा हो, इसके लिए हम अपने आपको तैयार करें।

मुख्यमंत्री शनिवार को राजधानी के लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावी छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी व स्कूल बैग के लिए डीबीटी के माध्यम से बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए की राशि भेजने की प्रक्रिया की शुरुआत भी की।


योगी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोई भी छात्र स्कूल से वंचित न रह जाए। हम अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें, ये देश की सबसे बड़ी सेवा है। श्रीमद्भगवतगीता में तो किसी को शिक्षित करना सबसे पवित्र कार्य माना गया है। उन्होंने शिक्षकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि आप उस पवित्र कार्य से जुड़े हुए हैं। आपका आचरण एक शासकीय अधिकारी की तरह नहीं, बल्कि समाज के एक मार्गदर्शक के रूप में, एक शिक्षक के रूप में होना चाहिए।


नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं मेधावी छात्रः मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए नई पीढ़ी के सामने उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं कि अगर वो भी ऐसे ही परिश्रम करेंगे तो उन्हें भी सम्मान प्राप्त होगा।

योगी ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शॉर्टकट अपनाने वाला व्यक्ति कभी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता। 

Saturday, June 29, 2024

सत्र 2024-25 से बीएड (विशेष शिक्षा) के स्थान पर एकीकृत विशेष एवं समावेशी शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ISITEP) का होगा शुभारम्भ

सत्र 2024-25 से बीएड (विशेष शिक्षा) के स्थान पर एकीकृत विशेष एवं समावेशी शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ISITEP) का होगा शुभारम्भ 



डीएलएड में रेवड़ी की तरह नंबर बांट रहे निजी कॉलेज

लिखित में 15, आंतरिक मूल्यांकन में पूरे 25 अंक, डीएलएड में रेवड़ी की तरह नंबर बांट रहे निजी कॉलेज

● मूल्यांकन व्यवस्था में बदलाव के प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं
● प्रदेश के 2974 निजी डीएलएड कॉलेजों में की जा रही मनमानी


प्रयागराज : प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। पढ़ने-लिखने में कमजोर प्रशिक्षु प्रदेश के 2974 निजी कॉलेजों में से अधिकांश के संचालकों संग साठगांठ कर आंतरिक मूल्यांकन में पूरे अंक हासिल कर लेते हैं जिससे ईमानदारी के साथ पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से चार साल पहले मूल्यांकन की व्यवस्था में परिवर्तन का प्रस्ताव भेजा था जो अब तक लागू नहीं हो सका है।


वर्तमान में डीएलएड प्रशिक्षण के तहत पांच प्रश्नपत्रों हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व शांति शिक्षा एवं सतत विकास में 25-25 अंक की लिखित परीक्षा होती है जबकि 25-25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित हैं। तीन प्रश्नपत्रों सामाजिक अध्ययन, आरंभिक स्तर पर भाषा एवं गणित के पठन-लेखन क्षमता का विकास और शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन में 50-50 अंक की लिखित परीक्षा एवं आंतरिक मूल्यांकन होता है। इसके अलावा शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, कला एवं संगीत विषय में पूरे 50 अंक आंतरिक मूल्यांकन के मिलते हैं।


इस प्रकार लिखित परीक्षा के लिए 375 और आंतरिक मूल्यांकन के लिए 425 अंक निर्धारित हैं। निजी कॉलेज प्रशिक्षुओं से वसूली कर मनमाने तरीके से अंक बांटते हैं। यही कारण है कि लिखित परीक्षा में 25 में 15 और 16 अंक पाने वाले अभ्यर्थी आंतरिक मूल्यांकन में पूरे 25 अंक पाते हैं। कुछ कॉलेजों, छात्रों को अपवादस्वरूप छोड़ दें तो 90 प्रतिशत प्रशिक्षुओं के अंकपत्र पर यही अंक देखने को मिलते हैं।


मूल्यांकन में नरमी के बावजूद बड़ी संख्या में फेल

डीएलएड प्रशिक्षुओं की कॉपियों के मूल्यांकन में नरमी के बावजूद बड़ी संख्या में फेल हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर 15 मार्च को घोषित परिणाम को ही देखें। डीएलएड 2021 चतुर्थ सेमेस्टर में पंजीकृत 76667 प्रशिक्षुओं में से 45854 सफल थे, जबकि द्वितीय सेमेस्टर में पंजीकृत 36000 प्रशिक्षुओं में से 21279 (60.38 फीसदी) सफल हुए। दोनों सेमेस्टर में लगभग 40 फीसदी प्रशिक्षु फेल हो गए थे। डीएलएड 2022 द्वितीय सेमेस्टर में पंजीकृत 65478 प्रशिक्षुओं में से 44987 (69.50 प्रतिशत) पास हैं। इसमें 30 फीसदी फेल हो गए थे।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की? राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की?

प्रदेश में आरटीई से मान्यता लिए बगैर चल रहे स्कूलों पर हाईकोर्ट सख्त 

राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से बगैर मान्यता के चल रहे बेसिक स्कूलों के मामले में सख्त संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे स्कूलों पर क्या कारवाई की गई है? कोर्ट ने इस मामले में दाखिल जनहित याचिका पर चार हफ्ते में राज्य सरकार के अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी जिले के इदू की याचिका पर दिया। याचिका में ऐसे स्कूलों के चलाने का मुद्दा ठाया गया है जो आरटीई अधिनियम 2009 और इसके 2011 में बने नियमों के तहत बगैर मान्यता लिए चलाए जा रहे हैं।


 याची ने ऐसे सभी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। याची का कहना था कि बिना मान्यता वाले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है। इस मामले की खबरें प्रकाशित होने के बाद उसने शासन से इसकी शिकायत की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई।


याची ने याचिका में पहले सिर्फ लखीमपुर खीरी जिले में चल रहे ऐसे स्कूलों का मुद्दा उठाया था। लेकिन, कोर्ट ने मामले की अहमियत को देखते हुए संज्ञान लेकर याचिका का क्षेत्र पूरे प्रदेश के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट ने कहा प्रदेश में ऐसे बहुत स्कूल हैं जो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 18 में खास तौर पर प्रावधान है कि सरकारी स्कूलों के अलावा, ऐसा कोई भी स्कूल संबंधित प्राधिकारी से मान्यता लिए बगैर चलाया नहीं जायेगा।


कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका पर चार हफ्ते में अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को नियत की है।

Friday, June 28, 2024

बांदा बीएसए कार्यालय के MDM जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

बांदा बीएसए कार्यालय के MDM जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

यूपी के बांदा जिले में एंटी करप्शन टीम ने एमडीएम जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।


बांदा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार दोपहर टीम शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त शिक्षक को लेकर साथ पहुंची तो पूरे कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। आरोपी कर्मचारी को वाहन में बैठाकर टीम कोतवाली देहात थाने ले गई। आरोपी कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।


विकास खंड नरैनी क्षेत्र में तैनात रहे शिक्षक गंगा सागर पिछले वर्ष सेवानिवृत्त हुए थे। तैनाती के दौरान विद्यालय में रसोईया की नियुक्ति को लेकर मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक भाष्कर आसवानी ने उन्हें दो दिन पूर्व नोटिस भेजी थी। इससे सेवानिवृत्त शिक्षक काफी परेशान थे। पीड़ित गंगा सागर ने बताया कि डीसी भाष्कर आसवानी ने उनसे रिश्वत में दस हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने इसकी सूचना भ्रष्टाचार निवारण टीम को दी। गुरुवार को सुबह शिक्षक दस हजार रुपये लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे।


यहां उन्होंने रुपये जिला समन्वयक भाष्कर आसवानी को दिए। वह नोट गिन ही रहे थे कि प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह की अगुवाई में एंटी करप्शन की टीम ने छापा मारा। टीम को देखते ही उनके हाथ से दस हजार रुपये छूट कर नीचे गिर गए। पूरे आफिस में अफरा-तफरी मच गई। टीम के अधिकारी भाष्कर आसवानी को वाहन में अपने साथ कोतवाली देहात थाने ले गए। यहां डीसी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। 


टीम में निरीक्षक ओम प्रकाश सहित शिव कुमार शर्मा, अनिल कुमार, चंद्रपाल सिंह, अभिषेक सिंह, सचिन चौरसिया, नितिन कंचन व शारदा प्रसाद शामिल रहे। बीएसए प्रिंसी मौर्या से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। बीएसए की नाक तले पनप रहे भ्रष्टाचार को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रहीं।


उगाही से शिक्षक परेशान
शिकायतकर्ता शिक्षक गंगा सागर का कहना है कि एमडीएम जिला समन्वयक भास्कर आसवानी से काफी शिक्षक परेशान हैं। इसी तरह फर्जी कार्रवाई कर शिक्षकों से धन उगाही करते हैं और मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।

हाथरस के बीएसए कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते उठा ले गई विजिलेंस टीम, शिक्षक से 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप

हाथरस के बीएसए कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते उठा ले गई विजिलेंस टीम, शिक्षक से 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप


आगरा की विजिलेंस टीम हाथरस के बीएसए कार्यालय पहुंची। यहां पर तैनात बाबू को बीएसए कार्यालय से डायट जाते समय पकड़ कर अपने साथ आगरा ले गई। बताया जा रहा है कि बाबू पर एक शिक्षक से 30 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है।


कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के रमनपुर स्थित बीएसए कार्यालय के बाहर आगरा की विजिलेंस टीम ने बीएसए कार्यालय में तैनात एक बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। विजिलेंस उसे अपने साथ लेकर आगरा चली गई। सहायक अध्यापक द्वारा वेतन वृद्धि व प्रतिकूल प्रविष्टि हटाने के नाम पर बाबू द्वारा 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। कार्रवाई के बाद कार्यालय के कर्मचारी गेट पर ताला लगाकर चले गए।

 
सिद्धार्थ कुमार पुत्र हरस्वरूप सिंह निवासी नगला बाबू थाना मुरसान संविलयन विद्यालय चंदवारा विकासखंड मुरसान में सहायक अध्यापक है। सिद्धार्थ कुमार ने पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि उसके निलंबन काल की अवधि का वेतन, वेतनवृद्धि दिलाने व प्रतिकूल प्रविष्टि को हटाने की एवज में बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह द्वारा 30 हजार रुपये की मांग की गई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि 25 हजार रुपये बीएसए उपेंद्र गुप्ता व पांच हजार रुपये स्वयं के लिए हैं। 


27 जून को शिकायतकर्ता सिद्धार्थ कुमार ने आरोपी वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को बुलाया। 30 हजार रुपये लेकर बीएसए कार्यालय के पास पहुंचा। विजिलेंस की टीम ने वहीं से वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में लिपिक के खिलाफ थाना उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा सेक्टर आगरा में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। 


विजिलेंस की कार्रवाई से मची खलबली
रिश्वत लेते हुए लिपिक के गिरफ्तार होने की सूचना मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। कार्यालय के कर्मचारी कार्यालय छोड़कर चले गए। यहां तक कि बीएसए कार्यालय पर ताला लटका दिया गया। लिपिक के गिरफ्तार होने के बाद कार्यालय में सन्नाटा पसर गया। 

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।

नए राजकीय इंटर व हाईस्कूल के लिए 1617 पद सृजित


लखनऊ। शासन ने प्रदेश में 88 नए बने राजकीय इटर व हाईस्कूल विद्यालयों के लिए कुल 1,617 पदों का सृजन कर दिया है। इनमें 1,454 शैक्षिक 1,454 शैक्षिक और व 163 गैर शैक्षिक 163 गैर शैक्षिक पदों का हुआ सृजन पद शामिल हैं। शासन ने इनके लिए शैक्षिक अर्हता व भर्ती का स्रोत भी जारी किया है। 

जल्द ही इन विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू होगा। राजकीय इंटर कॉलेज (बालक-बालिका) में प्रधानाचार्य के 75, प्रवक्ता के 750, सहायक अध्यापक (एलटी) के 525 व कनिष्ठ सहायक के 150 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनकी भर्ती लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न माध्यमों से की जाएंगी। वहीं राजकीय हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 13, सहायक अध्यापक के 91, कनिष्ठ सहायक के 13 पद स्वीकृत किए गए हैं। 


माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के 401 पदों पर आउटसोर्सिंग से लोग रखे जाएंगे। 


माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।



BEO समूह ख या ग में? बीईओ संघ ने प्रमुख सचिव व निदेशक से मिलकर पूछा

BEO समूह ख या ग में? बीईओ संघ ने प्रमुख सचिव व निदेशक से मिलकर पूछा


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। कहने के लिए उनकी गिनती समूह ख के तहत होती है। किंतु जब तबादला किया जाता है तो उनको समूह ग का माना जाता है। इस विसंगति को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने प्रमुख सचिव और बेसिक शिक्षा निदेशक से मिलकर ज्ञापन दिया है। 

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार शुक्ल ने कहा कि कार्मिक विभाग की ओर से समूह ख व समूह ग के लिए तबादले की शर्त व मानक अलग-अलग हैं। शिक्षा निदेशालय यह स्पष्ट करे कि हम किस समूह में आते हैं और उसी के अनुरूप हमारे तबादले के लिए नियम भी प्रयोग किए जाएं। क्योंकि बीईओ के सेवा विवरण व अन्य अभिलेखों में शासन व विभाग के स्तर समूह को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है।


असमंजस : खंड शिक्षा अधिकारी समूह ख या ग में

लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। कहने के लिए उनकी गिनती समूह ख के तहत होती है, लेकिन जब तबादला किया जाता है तो उनको समूह ग का माना जाता है। इस विसंगति को दूर करने के - लिए उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने प्रमुख सचिव और बेसिक शिक्षा निदेशक से मिलकर ज्ञापन दिया है।

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार  शुक्ल ने कहा कि कार्मिक विभाग - की ओर से समूह ख व समूह ग के लिए तबादले की शर्त व मानक अलग-अलग हैं। शिक्षा निदेशालय यह स्पष्ट करे कि हम किस समूह में आते हैं और उसी के अनुरूप हमारे में तबादले के लिए नियम भी प्रयोग किए जाएं। ब्यूरो

बिजनौर बीएसए को प्रतिकूल प्रविष्टि का नोटिस, जिला समन्वयक (बालिका) के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने का मामला

राज्य परियोजना निदेशक ने बिजनौर बीएसए को प्रतिकूल प्रविष्टि का नोटिस, जिला समन्वयक (बालिका) के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने का मामला

बोले बीएसए, पुराने निदेशक की अनुमति लेकर ही कराया गया कार्य


बिजनौर। जिला समन्वयक बालिका के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने के मामले में राज्य परियोजना निदेशक ने बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में आरोप है कि जिला समन्वयक बालिका कार्यमुक्त होने के सात माह बाद भी विभागीय कार्य कर रहा है।


बेसिक शिक्षा विभाग के जिला परियोजना कार्यालय बिजनौर में अस्थायी रूप से सृजित पद जिला समन्वयक बालिका शिक्षा के पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। राज्य परियोजना निदेशक के पत्र अनुसार जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सात नवंबर 2023 में की गई संस्तुति के क्रम में उनके मूल विभाग माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में वापस किया गया था।


बीएसए कार्यालय से भी जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को कार्यमुक्त 14 नवंबर 23 को किया गया था। आरोप है कि जिला समन्वयक विभाग में सात माह तक कार्य करते रहे हैं। राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि कार्यमुक्त के बावजूद विभागीय कार्य किया कराया जाना शासनदेश तथा इस कार्यालय के पत्र की अवहेला है। शासकीय कार्य में उदासीनता तथा लापरवाही बरती जा रही है। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने बीएसए बिजनौर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 28 जून तक स्पष्टीकरण मांगा है।


शिक्षकों ने की डीसी की एमएलसी से शिकायत
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों ने जिला समन्वयक मित्रलाल गौतम की एमएलसी हरि सिंह ढिल्लो से शिकायत की थी। इसी क्रम में एमएलसी ने राज्य परियोजना निदेशक से शिकायत की थी।

निदेशक से अनुमति लेकर कराया गया कार्य
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि विभागीय कार्य के लिए गत राज्य परियोजना निदेशक से अनुमति लेकर ही कार्य कराया गया था। अब जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को कार्य मुक्त कर दिया गया है।



Thursday, June 27, 2024

समय से नहीं मिलतीं किताबें कैसे हो सीबीएसई से मुकाबला? प्रदेश भर से आए प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड एडेड स्कूलों की बताई समस्याएं

'समय से नहीं मिलतीं किताबें कैसे हो सीबीएसई से मुकाबला? प्रदेश भर से आए प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड एडेड स्कूलों की बताई समस्याएं 


लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद की बैठक में प्रदेश भर से आए एडेड कालेजों के प्रधानाचार्यों ने अपनी समस्याओं को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव के सामने रखा। प्रधानाचार्यों ने बताया कि यूपी बोर्ड के एडेड स्कूलों को जुलाई तक बेसिक शिक्षा विभाग से छठी से आठवीं कक्षा की सरकारी किताबें नहीं मिलतीं। नौवीं से 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताबें भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पातीं। 


इन स्कूलों में शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारियों की कमी और अन्य मूलभूत समस्याओं के चलते सीबीएसई और आइसीएसई स्कूलों से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है।


डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में आयोजित बैठक में परिषद के अध्यक्ष डा. हरेंद्र कुमार राय और मंत्री सुखपाल सिंह तोमर ने तदर्थ प्रधानाचार्यों को नियमित करने, फीस बढ़ाने का शासनादेश जारी करने, स्कूलों का बिजली बिल माफ करने, प्रधानाचार्यों को चिकित्सा सुविधा देने और प्रबंध समिति के हस्तक्षेप को खत्म करने, सिटीजन चार्टर लागू करने जैसी कई मांगें रखीं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव ने बताया कि फीस बढ़ोतरी की सैद्धांतिक सहमति बन गई है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। 15 अगस्त से सिटीजन चार्टर लागू करने की तैयारी भी की जा रही है।


सरकार एडेड स्कूलों को पहली बार भवन निर्माण के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दे रही है, जिसमें स्कूल 25 प्रतिशत स्थानीय या जनप्रतिनिधियों के निधि से व्यवस्था कर इस अनुदान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी किताबें और एनसीईआरटी आधारित सस्ती किताबें एडेड कालेजों को समय पर उपलब्ध कराई जाएंगी। बैठक में अलग-अलग जिलों से आए प्रधानाचार्यों ने जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रबंधकों से हो रही परेशानियों को भी बताया।

मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी का निर्णय शासनादेश के विपरीत, जिस शासनादेश को बनाया आधार, उससे जुड़ी योजनाएं हो चुकी हैं बंद

मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी का निर्णय शासनादेश के विपरीत

शिक्षकों ने जताई नाराजगी, बोले- जिस शासनादेश को बनाया आधार, उससे जुड़ी योजनाएं हो चुकी हैं बंद


लखनऊ। मदरसों में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने के लिए आदेश को टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत बताया। 


एसोसिएशन ने साफ किया है कि जिस शासनादेश को आधार बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है, उससे संबंधित योजनाएं बंद हो चुकी हैं। इस पर सवाल उठाते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पत्र भेज कर आदेश को वापस लेने की मांग की है।


दरअसल, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने प्रदेश के सभी मदरसों में शिक्षकों और छात्र- छात्राओं की हाजिरी बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने का आदेश जारी किया है। आदेश में प्रदेश के 560 मदरसों में शिक्षकों का वेतन बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद जारी करने को कहा गया है। 


मदरसा शिक्षा परिषद के पूर्व सदस्य एवं टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश पर नाराजगी जताते हुए अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि विभाग की निदेशक की ओर से जारी आदेश 12 जुलाई 1990 के वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत है। 


उन्होंने कहा कि इस आदेश को केंद्र सरकार के 25 अप्रैल 2017 के गजट नोटिफिकेशन को आधार बनाकर जारी किया है जो केंद्र सरकार की ओर से संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना व अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के पर्यवेक्षण के लिए जारी हुआ था। 

सामान्य तबादले के निर्देश न जारी होने से बेसिक शिक्षक निराश, सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं

सामान्य तबादले के निर्देश न जारी होने से बेसिक शिक्षक निराश

बेसिक के शिक्षकों को इस बार सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं

परस्पर तबादले के बाद समायोजन का आदेश जारी


लखनऊ। शासन ने हर विभाग में 30 जून तक आवश्यक तबादले करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत विभाग अपने स्तर से तबादले की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। किंतु बेसिक शिक्षा विभाग में अभी तक तबादला नीति व निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। इससे बेसिक विद्यालयों के शिक्षक निराश हैं। हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस बार सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं है।


बेसिक शिक्षा विभाग ने लंबे समय बाद पिछले साल शिक्षकों के सामान्य तबादले किए थे। इसमें 16,614 से ज्यादा शिक्षकों के तबादले हुए थे। वहीं, जनवरी 2024 में 20 हजार शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले हुए और हाल ही में एक से दूसरे जिले में 2,796 शिक्षकों के तबादले हुए। वहीं, अब जून खत्म होने में सिर्फ चार दिन बचे हैं लेकिन विभाग ने अभी तक सामान्य तबादले को लेकर कोई निर्देश नहीं जारी किया है। 


शिक्षकों का कहना है कि वह काफी समय से इंतजार कर रहे हैं, पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी के अनुसार विभाग परस्पर तबादले के बाद शिक्षकों के समायोजन (जहां ज्यादा और जहां कम शिक्षक हैं) का आदेश बुधवार को जारी कर दिया। वहीं फिलहाल सामान्य तबादले की कोई उम्मीद नहीं है।


वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि शिक्षकों की व्यवस्था अन्य कर्मचारियों से थोड़ी अलग है। शिक्षकों को तबादले की सुविधा दी जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया नहीं है। क्योंकि इसका सीधा असर पठन-पाठन पर पड़ता है। अभी सामान्य तबादले की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। जिन स्कूलों में ज्यादा और जिन स्कूलों में कम शिक्षक हैं, उनके समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।

Wednesday, June 26, 2024

झांसी बीएसए के स्टेनो को विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, वेतन बहाल करने के लिए टीचर से मांगी थी घूस

झांसी बीएसए के स्टेनो को विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, वेतन बहाल करने के लिए टीचर से मांगी थी घूस


झांसी : शिक्षा विभाग के स्टेनो को विजिलेंस ने 5 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. उसने शिक्षक से वेतन बहाल करने के एवज में घूस मांगी थी. 



विजिलेंस टीम के मुताबिक शिक्षा विभाग में बीएसए कार्यालय में तैनात स्टेनो सुरेश पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. पीड़ित की शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को स्टेनो सुरेश को रंगे हाथ दबोच लिया. 


टीम उससे पूछताछ कर रही है. लहचूरा थाना क्षेत्र निवासी अध्यापक मनोज कुमार ने आरोप लगाया था कि बीएसए का स्टेनो सुरेश बाबू उससे पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था.

यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित

यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित, 


बीएड प्रवेश परीक्षा में अलीगढ़ के मनोज पहले, प्रयागराज के शिवमंगल दूसरे और प्रतापगढ़ के पवन चौथे स्थान पर


झांसी। बुंदेलखंड  विश्वविद्यालय ने मंगलवार को बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। अलीगढ़ के मनोज कुमार ने 400 में 344.67 अंक प्राप्त कर प्रदेश में टॉप किया है। वहीं, 339.33 अंक हासिल कर प्रयागराज के शिवमंगल दूसरे और 338.66 अंक लाकर वाराणसी के नजीर अहमद तीसरे स्थान पर रहे। जबकि प्रतापगढ़ के पवन चौरसिया ने चौथा स्थान हासिल किया है। 


51 जिलों के 470 केंद्रों पर बीएड की प्रवेश परीक्षा कराई थी। परीक्षा के लिए 2,23,384 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें 102011 पुरुष और 121372 महिलाएं शामिल हैं। शासन ने बीयू प्रशासन को 30 जून तक परीक्षा परिणाम जारी करने के निर्देश दिए थे।


कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने बताया कि बीयू ने मंगलवार को रिजल्ट जारी कर दिया। दोनों पालियों की परीक्षा में शामिल हुए 1,93,062 अभ्यर्थियों की रैंकिंग जारी की गई है। अभ्यर्थी बीयू की वेबसाइट www.bujhansi.ac.in पर जाकर परिणाम देख सकते हैं। 


टॉप 20 में अलीगढ़ और जौनपुर के पांच-पांच अभ्यर्थी : बीयू ने जो टॉप 20 अभ्यर्थियों की सूची जारी की है, उसमें अलीगढ़ और जौनपुर के पांच-पांच अभ्यर्थी शामिल हैं। वहीं, आजमगढ़ और मिर्जापुर के दो-दो अभ्यर्थी शामिल हैं। झांसी मंडल में जालौन के अभ्यर्थी आदित्य गोस्वामी की 19वीं रैंक आई है।


टाप-10 सूची में छह तिन छात्रओं और चार छात्राओं ने जगह कोने बनाई है। शीर्ष से लेकर चार स्थान चन तक छात्रों का कब्जा है। प्रवेश परीक्षा बाले परिणाम में 89,103 पुरुष अभ्यर्थी लिए और 1,03,958 महिला अभ्यर्थी को रैंक जारी की गई है। सफल अभ्यर्थियों में 54 प्रतिशत महिलाएं और 46 प्रतिशत पुरुष हैं।


टाप-10 में पांच पिछड़ा वर्ग सेः राज्य की टाप-10 सूची में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का दबदबा रहा। टापर मनोज कुमार पिछड़ा वर्ग से हैं। साथ ही चार अन्य अभ्यर्थी भी इसी वर्ग से आते हैं। इसके अलावा टाप-10 में तीन सामान्य तथा दो अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। मेरिट में पहले 20 अभ्यर्थियों में पांच अलीगढ़ के हैं। इनमें टापर मनोज कुमार के साथ दीक्षा, अंजली राय, हर्षिता वाष्णैय, आवेश कुमार अलीगढ़ से हैं। आदित्य कुमार यादव, अमन यादव व प्रियांशु जायसवाल जौनपुर से हैं। टाप 20 में 14 छात्रों ने जगह बनाई तो छात्राओं की संख्या छह है।

उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना से वंचित रह गए करीब तीन लाख छात्रों को भुगतान का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना से वंचित रह गए करीब तीन लाख छात्रों को भुगतान का रास्ता साफ


लखनऊ। प्रदेश में छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना से वंचित रह गए करीब तीन लाख छात्रों को भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने इस संबंध में लाए गए प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इन छात्रों को वर्ष 2023-24 में समय से रिजल्ट जारी न होने और ट्रांजेक्शन फेल होने से भुगतान नहीं हो सका था। 


इस फैसले से सामान्य, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र लाभांवित होंगे। वित्त वर्ष 2023-24 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों के स्तर से डाटा में ऑनलाइन संशोधन के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी 2024 थी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने परीक्षा परिणाम अंतिम तिथि के बाद जारी किया। 

पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम से ट्रांजेक्शन फेल होने से भी छात्रों को भुगतान नहीं हो सका। इन छूटे छात्रों को भुगतान के लिए एक बार फिर पोर्टल खोलने और चालू वित्त वर्ष से व्यय की अनुमति कैबिनेट ने दी है।

Tuesday, June 25, 2024

बेसिक शिक्षा : 28 जून तक डीबीटी का कार्य पूरा करने का फरमान, 25 जून तक जनपदवार DBT की पेंडेंसी / प्रगति देखें

बेसिक शिक्षा : 28 जून तक डीबीटी का कार्य पूरा करने का फरमान, 25 जून तक जनपदवार DBT की पेंडेंसी / प्रगति देखें 


DBT संबंधी कार्यों की दिनांक 25.06.2024 तक की जनपदवार प्रगति संलग्न कर इस आशय से प्रेषित है कि प्रगति का अवलोकन कर BEOs एवं BSAs के स्तर पर लम्बित कार्यों को दिनांक 25.06.2024 तक तथा Teachers के स्तर पर लम्बित कार्यों को दिनांक 28.06.2024 तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।





बेसिक शिक्षा: 24 जून तक जनपदवार DBT की पेंडेंसी / प्रगति देखें 


तबादला न लेने वाले शिक्षकों को जबरन रिलीव करने का आरोप, बेसिक के शिक्षकों के परस्पर तबादले का मामला, नए नियमों से नाराज शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में

तबादला न लेने वाले शिक्षकों को जबरन रिलीव करने का आरोपबेसिक के शिक्षकों के परस्पर तबादले का मामला

नए नियमों से नाराज शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में परस्पर तबादलों को लेकर समस्या समाप्त होती नहीं दिख रही है। लंबे समय की मांग के बाद विभाग ने जब तबादला किया तो जिलों में भेजने की जगह सीधे स्कूल से स्कूल में तबादला कर दिया। इससे काफी शिक्षक तबादले के इच्छुक नहीं है। वहीं, विभाग ऐसे शिक्षकों को जबर्दस्ती रिलीव कर रहा है। इसे लेकर उनमें काफी नाराजगी है।


बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पिछले साल से एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की कवायद की जा रही है। दिसंबर-जनवरी में इसकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई, लेकिन जून में गर्मी की छुट्टियों में तबादले कहने की बात कही गई। लोकसभा चुनाव के बाद विभाग ने बची हुई कवायद पूरी कर हाल ही में लगभग 2800 शिक्षकों के परस्पर तबादले किए। किंतु तबादले जिलों में न करके स्कूल से स्कूल में कर दिए। 


इसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में उनको कोई लाभ नहीं हो रहा है, यही वजह है कि वह अपना परस्पर तबादला निरस्त कर रहे हैं। किंतु विभाग कई जिलों में परस्पर तबादला पाए शिक्षकों को जबर्दस्ती रिलीव कर दे रहा है। इतना ही नहीं चंदौली में कार्यमुक्त न होने वाले शिक्षकों का वेतन रोके जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। इससे भी शिक्षक परेशान हैं।


वहीं, परस्पर तबादले नियमों के विपरीत करने के मामले को लेकर काफी शिक्षक उच्च न्यायालय में भी गए हैं। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि शिक्षकों की शिकायत सही नहीं है। उनके आवेदन पर तबादले किए गए हैं। उनको रिलीव करने का निर्णय उच्च स्तर पर लिया गया है। ऑनलाइन हुई प्रक्रिया में कोई मैनुअल बदलाव नहीं किया जा सकता है।

Monday, June 24, 2024

डिजिटाइजेशन तथा ऑनलाइन उपस्थिति लिए जाने के पूर्व कई बदलाव किए जाने के संबंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने DGSE से रखी मांग

मांग : शिक्षकों को अर्जित व आधे दिन की छुट्टी स्वीकृत हो'

लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय विद्यालय 25 जून से खुल रहे हैं। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों-कर्मचारियों की ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर सख्ती कर रहा है। इससे पहले शिक्षकों ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मिलकर शिक्षकों को राहत देने की मांग की है।

उप्र जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश मिश्र के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दूरदराज, ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में विद्यालय में तीन दिन देरी से आने पर शिक्षकों-कार्मिकों को एक दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाए। शिक्षकों को अर्जित व आधे दिन का अवकाश दिया जाए। 

महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। परिषदीय शिक्षकों को भी माध्यमिक की भांति शत-प्रतिशत प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए। मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष-मंत्री को देने वाले विशेष अवकाश का अंकन मानव संपदा पर हो। संगठन की समस्याओं पर महानिदेशक ने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। 


डिजिटाइजेशन तथा ऑनलाइन उपस्थिति लिए जाने के पूर्व कई बदलाव किए जाने के संबंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने DGSE से रखी मांग


परिषदीय विद्यालयों में डिजिटलाइजेशन के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ का बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र, विभाग पर दोहरे मापदंड का लगाया आरोप

परिषदीय विद्यालयों में डिजिटलाइजेशन के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ का बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र, विभाग पर दोहरे मापदंड का लगाया आरोप



माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष-2024 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में परीक्षा केन्द्रों/ संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्य नियंत्रक, उप नियंत्रक, कक्षनिरीक्षकों इत्यादि एवं संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्यनियंत्रक, उपनियंत्रक इत्यादि के पारिश्रमिक देयकों के भुगतान हेतु बजट आवंटन किये जाने के सम्बन्ध में।

यूपी बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के लिए 23 करोड़ जारी


प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 में ड्यूटी करने वाले केंद्र व्यवस्थापकों, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापकों, कक्ष निरीक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों एवं संकलन केंद्रों के स्टाफ के पारिश्रमिक भुगतान के लिए 23.59 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। भुगतान संबंधित जिले के कोषागार से सीधे लाभार्थी के खाते में होगा। किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता मिलने पर पूरी जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षकों की होगी। समय से भुगतान न होने पर भी डीआइओएस ही दोषी माने जाएंगे।


माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष-2024 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में परीक्षा केन्द्रों/ संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्य नियंत्रक, उप नियंत्रक, कक्षनिरीक्षकों इत्यादि एवं संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्यनियंत्रक, उपनियंत्रक इत्यादि के पारिश्रमिक देयकों के भुगतान हेतु बजट आवंटन किये जाने के सम्बन्ध में।



हाईटेक होंगे प्रदेश के अनुदानित स्कूल, मोबाइल एप होगा विकसित

हाईटेक होंगे प्रदेश के अनुदानित स्कूल,  मोबाइल एप होगा विकसित


लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अनुदानित विद्यालयों के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। सीएम योगी की मंशा अनुसार तैयार कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने की कवायद तेज हो चुकी है। जल्द ही प्रदेश के अनुदानित विद्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ते हुए विद्यार्थियों व स्टाफ के आधार व अन्य जानकारियों को शामिल करते हुए मोबाइल एप विकसित किया जाएगा। यह जियो टैगिंग व टीचिंग स्टाफ मॉड्यूल समेत कई खूबियों वाला होगा।


समाज कल्याण विभाग ने उप्र इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को एप विकसित करने का जिम्मा सौंपा है। इसके लिए ई-निविदा के माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं।

बता दें कि इस ऑनलाइन मॉड्यूल बेस्ड मोबाइल एप से 60 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को ट्रैक करने और उनके डाटाबेस को वन स्टॉप डेस्टिनेशन के तौर पर एक्सेस करने का प्लेटफॉर्म तैयार हो जाएगा। इसमें उनकी जन्मतिथि, जेंडर, मोबाइल नंबर, पता, पारिवारिक पृष्ठिभूमि, सामाजिक एवं आर्थिक जानकारी, आधार, शामिल होंगे।


 स्टाफ व शिक्षकों की भी इसी प्रकार की जानकारियां अंकित होंगी। इसके साथ ही, विद्यालय का नाम व पूरा पता, प्रबंधन की जानकारी, लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड समेत विभिन्न प्रकार की जानकारियां अंकित होंगी।