Sunday, June 30, 2024
सीएम योगी ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि भेजने की शुरुआत की, 12 सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मिलेगी खातों में राशि
Saturday, June 29, 2024
डीएलएड में रेवड़ी की तरह नंबर बांट रहे निजी कॉलेज
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की? राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की?
प्रदेश में आरटीई से मान्यता लिए बगैर चल रहे स्कूलों पर हाईकोर्ट सख्त
राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से बगैर मान्यता के चल रहे बेसिक स्कूलों के मामले में सख्त संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे स्कूलों पर क्या कारवाई की गई है? कोर्ट ने इस मामले में दाखिल जनहित याचिका पर चार हफ्ते में राज्य सरकार के अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी जिले के इदू की याचिका पर दिया। याचिका में ऐसे स्कूलों के चलाने का मुद्दा ठाया गया है जो आरटीई अधिनियम 2009 और इसके 2011 में बने नियमों के तहत बगैर मान्यता लिए चलाए जा रहे हैं।
याची ने ऐसे सभी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। याची का कहना था कि बिना मान्यता वाले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है। इस मामले की खबरें प्रकाशित होने के बाद उसने शासन से इसकी शिकायत की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई।
याची ने याचिका में पहले सिर्फ लखीमपुर खीरी जिले में चल रहे ऐसे स्कूलों का मुद्दा उठाया था। लेकिन, कोर्ट ने मामले की अहमियत को देखते हुए संज्ञान लेकर याचिका का क्षेत्र पूरे प्रदेश के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट ने कहा प्रदेश में ऐसे बहुत स्कूल हैं जो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 18 में खास तौर पर प्रावधान है कि सरकारी स्कूलों के अलावा, ऐसा कोई भी स्कूल संबंधित प्राधिकारी से मान्यता लिए बगैर चलाया नहीं जायेगा।
कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका पर चार हफ्ते में अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को नियत की है।
Friday, June 28, 2024
बांदा बीएसए कार्यालय के MDM जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार
हाथरस के बीएसए कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते उठा ले गई विजिलेंस टीम, शिक्षक से 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप
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माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।
नए राजकीय इंटर व हाईस्कूल के लिए 1617 पद सृजित
लखनऊ। शासन ने प्रदेश में 88 नए बने राजकीय इटर व हाईस्कूल विद्यालयों के लिए कुल 1,617 पदों का सृजन कर दिया है। इनमें 1,454 शैक्षिक 1,454 शैक्षिक और व 163 गैर शैक्षिक 163 गैर शैक्षिक पदों का हुआ सृजन पद शामिल हैं। शासन ने इनके लिए शैक्षिक अर्हता व भर्ती का स्रोत भी जारी किया है।
जल्द ही इन विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू होगा। राजकीय इंटर कॉलेज (बालक-बालिका) में प्रधानाचार्य के 75, प्रवक्ता के 750, सहायक अध्यापक (एलटी) के 525 व कनिष्ठ सहायक के 150 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनकी भर्ती लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न माध्यमों से की जाएंगी। वहीं राजकीय हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 13, सहायक अध्यापक के 91, कनिष्ठ सहायक के 13 पद स्वीकृत किए गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के 401 पदों पर आउटसोर्सिंग से लोग रखे जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।