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Sunday, June 16, 2024

मौखिक आदेश से रोक दी गई ढाई सौ शिक्षकों की नियुक्ति, 12460 शिक्षक भर्ती का मामला

मौखिक आदेश से रोक दी गई ढाई सौ शिक्षकों की नियुक्ति, 12460 शिक्षक भर्ती का मामला




प्रयागराज । परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्ति पत्र पाने वाले 5856 सहायक अध्यापकों की एक तरफ तैनाती की प्रक्रिया चल रही है तो वहीं चयन सूची में शामिल ढाई सौ से अधिक अभ्यर्थी भटक रहे हैं।

शून्य जनपद विवाद का निपटारा होने के बाद रिक्त 6470 पदों पर नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर जिलों में 30 दिसंबर 2023 और सात जनवरी 2024 को क्रमशः 1796 और 4060 कुल 5856 नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि नियुक्ति के लिए आयोजित काउंसिलिंग के दौरान बेसिक शिक्षा परिषद के पूर्व सचिव के मौखिक आदेश पर मामूली कारणों से उन्हें बाहर कर दिया गया।


12460 शिक्षक भर्ती में कई जिलों के अभ्यर्थी परेशान जाति व निवास प्रमाणपत्र की मूल प्रति के कारण अटके


केस 1
12460 शिक्षक भर्ती में पांच जनवरी को काउंसिलिंग के दौरान भदोही जिले में 31 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। इन अभ्यर्थियों ने इस वर्ष का जाति व निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था, जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आवेदन के समय यानि वर्ष 2016 का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की बात कहकर लौटा दिया। कुमारी सुनिता, नेहा कुशवाहा, नीलम, उजाला जायसवाल, अनीता देवी, दुर्गेश कुमार समेत 31 अभ्यर्थियों ने अगले दिन शपथपत्र के साथ पुराने प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद से ये अभ्यर्थी प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक के चक्कर काट रहे हैं। भदोही के ही कई अन्य अभ्यर्थियों को इन्हीं कारणों से नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया।


केस 2
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली से डीएड विशेष शिक्षा में प्रशिक्षित आशीष शुक्ला और पिंकी मिश्रा को अमेठी जिले में नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। इन दोनों ने इंटर के बाद 2013 में डीएड किया और उसके बाद 2016 में स्नातक किया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन में इंटर के बाद ही डीएड विशेष शिक्षा करने का प्रावधान है और डीएड विशेष शिक्षा को मान्य करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।

इन मामलों के निस्तारण के लिए संबंधित जिलों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया गया था, लेकिन छह महीना बीतने के बावजूद निस्तारण नहीं हुआ और अभ्यर्थी भटक रहे हैं।

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