उधार पर संचालित हो रहा मदरसा बोर्ड, आठ करोड़ से घटकर तीन करोड़ रुपये हुआ बजट, बकाया भुगतान करने पर संकट
दो साल में लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये का कर्जदार हो चुका है मदरसा बोर्ड
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद उधार के पैसे से चल रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके बजट में 5 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है। बोर्ड को मिल रहे आठ करोड़ रुपये की बजट में बीते दो साल से तीन - करोड़ रुपये ही स्वीकृत किए जा रहे हैं। ऐसे में बोर्ड पर दो साल में करीब 5.55 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है।
परिषद से प्रदेश भर में करीब 16,460 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त 560 मदरसे हैं। इन मदरसों में मुंशी-मौलवी हाई स्कूल समकक्ष, आलिम इंटर समकक्ष, कामिल स्नातक व फाजिल परास्नातक के समकक्ष पढ़ाई होती है। इनकी परीक्षाओं में लगभग डेढ़ लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं। इन परीक्षाओं को संचालित करने के लिए मदरसा बोर्ड को वर्ष 2022 तक आठ करोड़ रुपये का बजट मिलता था।
मदरसा बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2023 में यह बजट घटाकर तीन करोड़ रुपये कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि परीक्षाएं संचालित करने में प्रति परीक्षार्थी 287 से 290 रुपये का खर्च आता स है। वर्ष 2023 में 1,69,796 परीक्षार्थियों की परीक्षा कराने में बोर्ड को करीब चार करोड़ 92 लाख रुपये का खर्च आया था। वहीं, इस साल 1,41,115 परीक्षार्थियों की व परीक्षा संचालित करने में करीब चार व करोड़ पांच लाख रुपये खर्च हुआ। सरकार ने पिछले साल की तरह ही इस बार भी करीब तीन करोड़ रुपये का बजट ही स्वीकृत किया है। ऐसे में मदरसा बोर्ड के सामने बकाया व राशि का भुगतान करने की समस्या खड़ी हो गई है।
मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को नकलविहीन और सुगमता से संपन्न कराने में काफी पैसे खर्च आ रहा है। अब कम्पार्टमेंट परीक्षा भी संपन्न कराई जा रही है। ऐसे में बीते दो साल से बजट काफी कम हो गया है, वह भी समय से जारी नहीं हो रहा है। बजट बढ़वाने और समय से जारी करवाने की कोशिश कर रहे हैं। बजट बढ़ने के साथ ही बकाया का भी भुगतान किया जाएगा।
- डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद, चेयरमैन मदरसा बोर्ड
No comments:
Write comments