तबादला न लेने वाले शिक्षकों को जबरन रिलीव करने का आरोप, बेसिक के शिक्षकों के परस्पर तबादले का मामला
नए नियमों से नाराज शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में परस्पर तबादलों को लेकर समस्या समाप्त होती नहीं दिख रही है। लंबे समय की मांग के बाद विभाग ने जब तबादला किया तो जिलों में भेजने की जगह सीधे स्कूल से स्कूल में तबादला कर दिया। इससे काफी शिक्षक तबादले के इच्छुक नहीं है। वहीं, विभाग ऐसे शिक्षकों को जबर्दस्ती रिलीव कर रहा है। इसे लेकर उनमें काफी नाराजगी है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पिछले साल से एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की कवायद की जा रही है। दिसंबर-जनवरी में इसकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई, लेकिन जून में गर्मी की छुट्टियों में तबादले कहने की बात कही गई। लोकसभा चुनाव के बाद विभाग ने बची हुई कवायद पूरी कर हाल ही में लगभग 2800 शिक्षकों के परस्पर तबादले किए। किंतु तबादले जिलों में न करके स्कूल से स्कूल में कर दिए।
इसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में उनको कोई लाभ नहीं हो रहा है, यही वजह है कि वह अपना परस्पर तबादला निरस्त कर रहे हैं। किंतु विभाग कई जिलों में परस्पर तबादला पाए शिक्षकों को जबर्दस्ती रिलीव कर दे रहा है। इतना ही नहीं चंदौली में कार्यमुक्त न होने वाले शिक्षकों का वेतन रोके जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। इससे भी शिक्षक परेशान हैं।
वहीं, परस्पर तबादले नियमों के विपरीत करने के मामले को लेकर काफी शिक्षक उच्च न्यायालय में भी गए हैं। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि शिक्षकों की शिकायत सही नहीं है। उनके आवेदन पर तबादले किए गए हैं। उनको रिलीव करने का निर्णय उच्च स्तर पर लिया गया है। ऑनलाइन हुई प्रक्रिया में कोई मैनुअल बदलाव नहीं किया जा सकता है।
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