ई-ऑफिस करें लागू, फाइल लेकर न दौड़ें चपरासी-बाबू
प्रयागराज । उच्च शिक्षा विभाग के अधीन सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा निदेशालय, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय, उच्चतर शिक्षा अभियान और राज्य उच्च शिक्षा परिषद में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के आदेश हुए हैं।
शासन के उप सचिव एसपी मिश्र की ओर से 31 मई को उच्च शिक्षा निदेशक, विश्वविद्यालयों के कुलपति समेत अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वर्तमान में प्रचलित सभी पत्रावलियों के डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग का काम 30 जून तक पूरा कराकर पत्रावलियों का परिचालन ई- ऑफिस के माध्यम से किया जाए। नई पत्रावलियों का रखरखाव पूरी तरह से ई-ऑफिस पर किया जाए। बाबू और चपरासी फाइलों को लेकर एक से दूसरे कार्यालय का चक्कर न लगाएं। ई- ऑफिस पर प्रतिदिन मिलने वाले पत्र/डाक अंतरित करने की भी सुविधा है, लिहाजा इस मॉड्यूल का उपयोग डाक के बेहतर प्रबंधन एवं अनुश्रवण के लिए किया जाए।
उच्च शिक्षा निदेशालय में अब पेपरलेस वर्किंग, कर्मचारियों को फाइलों के बंडल से मुक्ति मिलेगी, अभिलेख डिजिटाइज करने के निर्देश
प्रयागराज। उच्च शिक्षा निदेशालय में अब पेपरलेस वर्किंग होगी। कर्मचारियों को फाइलों के बंडल से मुक्ति मिलेगी। इससे कार्यप्रणाली में सुधार होगा और कार्यों का निस्तारण निर्धारित अवधि में होगा।
इसके लिए निदेशालय में प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी कर्मचारियों का आईडी और पासवर्ड बनाया जा रहा है। वहीं, अफसरों के - डिजिटल सिग्नेचर बनवाए जा रहे हैं। 30 जून तक इस प्रक्रिया को पूरी करके ई-ऑफिस पर काम शुरू हो जाएगा।
पेपरलेस वर्किंग के लिए प्रदेश सरकार से 25 जून 2018 को नादेश जारी हुआ था कि सचिवालय, सभी निदेशालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों और जनपद स्तरीय कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को लागू किया जाए। इसके अंतर्गत सभी नई पत्रावलियां ई- ऑफिस पर तैयार होंगी।
उनका क्रियान्वयन ई-ऑफिस के माध्यम से ही होगा। 2018 में इसका पायलट प्रोजेक्ट लखनऊ और पीलीभीत में चला। सफल होने के बाद सभी जिलों में इसे लागू करने को कहा गया। सचिवालय और कुछ विभागों में ई-ऑफिस पर काम शुरू हो गया, लेकिन अधिकतर विभागों में इसे नहीं अपनाया गया।
पिछले महीने उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज को निर्देश दिया कि 30 जून तक निदेशालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाए। उनके आदेश के बाद प्रक्रिया में तेजी आई है।
सहायक निदेशक बीएल शर्मा ने बताया कि अगले महीने से लिपिकों को कंप्यूटर पर ही काम करना होगा और सभी की जवाबदेही तय होगी। अधिकारियों को कंप्यूटर पर ही मामले निस्तारित करने होंगे।
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