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Tuesday, July 2, 2024

अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

• आज से शुरू होगी प्रक्रिया, 19 जुलाई को जारी होगा स्थानांतरण

प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के अंतः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही विरोध शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 31 मार्च तक विद्यालयों में हुए छात्र नामांकन के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है और इसी आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। 

इसके विपरीत शिक्षकों ने कहा है कि अप्रैल में अधिक संख्या में प्रवेश हुए हैं तथा जुलाई तक प्रवेश की समयसीमा होने के कारण और भी प्रवेश होंगे। इस तरह मार्च के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से अधिक विद्यार्थी होने के बावजूद शिक्षक कम हो जाएंगे। इस कारण पूर्व की तरह सितंबर के छात्र अनुपात में शिक्षक चिह्नित किए जाएं। अगर मांग नहीं मानी गई तो शिक्षक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

आदेश के अनुसार अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन की प्रक्रिया दो जुलाई से शुरू होगी। शिक्षकों को 25 विकल्पों के साथ आवेदन करना होगा, जिसका सत्यापन किया जाएगा। स्थानांतरण के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। 

बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि स्थानांतरण आदेश की जारी समय सारिणी में कई बिंदुओं पर शिक्षकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। कई गांव नगर पालिका/नगर निगम सीमा में आ जाने के कारण नगरीय क्षेत्र में हो गए हैं। ऐसे में नगरीय सीमा में शामिल हुए गांवों के विद्यालयों को नगरीय सीमा में मानकर प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा कई और विसंगतियां बताते हुए शिक्षक जल्द परिषद सचिव की ओर से जारी ही हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे



अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन की समय सारिणी जारी होते ही कई बिंदुओं पर बेसिक शिक्षकों का विरोध शुरू

• 30 सितंबर के नामांकन पर छात्र अनुपात तय करने की मांग
• नगर पालिका क्षेत्र में आए विद्यालय की गिनती नगर में हो


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए तैयारी कर ली गई है। इसके लिए परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने समय सारिणी जारी कर दी है, लेकिन इसी के साथ शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। 

कहा है कि मार्च तक के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से विषमता और बढ़ जाएगी, क्योंकि 30 मार्च के बाद विद्यालयों में नामांकन बढ़ गए हैं। इस तरह अधिक छात्र संख्या के बजाय पुराने नामांकन के आधार पर स्थानांतरण किए जाने से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इसके अलावा नगर पालिका के सीमा विस्तार वाले क्षेत्र के विद्यालयों को नगर क्षेत्र में शामिल कर लिया जाता तो बहुत शिक्षक समायोजन से बच जाते। इसके अलावा कई और बिंदुओं पर भी विरोध है।

स्थानांतरण के लिए जारी निर्देश में परिषद सचिव ने कहा है कि छात्र अनुपात में अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों से आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरण किए जाएंगे। इसके लिए मार्च माह तक हुए छात्र नामांकन को आधार माना गया है। 

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने शिक्षकों की मांग के अनुसार पूर्व की तरह 30 सितंबर 2024 तक होने वाले नामांकन के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात तय करने को कहा है। इससे छात्र संख्या के अनुपात में विद्यालय को शिक्षक मिल सकेंगे। इससे पठन-पाठन सुचारु चल सकेगा।

 चूंकि समायोजन में जूनियर शिक्षक प्रभावित होंगे, इसलिए मांग की गई है कि वरिष्ठ शिक्षकों का समायोजन हो, क्योंकि जूनियर का ही समायोजन होता रहा तो वह जहां जाएंगे, जूनियर ही रहेंगे। हर जगह छात्र संख्या कम होने पर जूनियर को ही हटाया जाता रहेगा।



कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करने से विसंगति
परिषदीय शिक्षकों के समायोजन में फंसेगा पेच, जानिए क्यों? 

प्रयागराज । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने नए सत्र में जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के चलते शिक्षकों के समायोजन में पेच फंसने के आसार हैं। इसका मुख्य कारण कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करना और 30 सितंबर के बजाय 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों के आधार पर समायोजन किया जाना है।

विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहले समायोजन में 30 सितंबर तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या मानी जाती थी लेकिन अब 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या के आधार पर स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। मार्च में प्राथमिक में कक्षा पांच और उच्च प्राथमिक में कक्षा आठ के छात्र बाहर हो जाते हैं। शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से 31 मार्च तक होने के चलते छात्रों की संख्या स्कूल में कम होना लाजिमी है। 


छात्र संख्या कम होने पर उन विद्यालय के शिक्षकों का समायोजन किसी अन्य विद्यालय में हो सकता है। फिर वह शिक्षक इस प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती देने के लिए बाध्य होगा। जूनियर हाईस्कूलों में यानी कक्षा 6 से 8 तक में इस बार कॉमर्स से स्नातक शिक्षकों को मानव सम्पदा पोर्टल पर सब्जेक्ट मैपिंग में गणित-विज्ञान में दिखाया गया है जबकि उनकी नियुक्ति सामाजिक विषय के शिक्षक के तौर पर होती है। इसके चलते समायोजन का लाभ न पाने वाले विज्ञान गणित शिक्षक प्रक्रिया को चुनौती दे सकते हैं।

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