मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी का निर्णय शासनादेश के विपरीत
शिक्षकों ने जताई नाराजगी, बोले- जिस शासनादेश को बनाया आधार, उससे जुड़ी योजनाएं हो चुकी हैं बंद
लखनऊ। मदरसों में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने के लिए आदेश को टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत बताया।
एसोसिएशन ने साफ किया है कि जिस शासनादेश को आधार बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है, उससे संबंधित योजनाएं बंद हो चुकी हैं। इस पर सवाल उठाते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पत्र भेज कर आदेश को वापस लेने की मांग की है।
दरअसल, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने प्रदेश के सभी मदरसों में शिक्षकों और छात्र- छात्राओं की हाजिरी बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने का आदेश जारी किया है। आदेश में प्रदेश के 560 मदरसों में शिक्षकों का वेतन बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद जारी करने को कहा गया है।
मदरसा शिक्षा परिषद के पूर्व सदस्य एवं टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश पर नाराजगी जताते हुए अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि विभाग की निदेशक की ओर से जारी आदेश 12 जुलाई 1990 के वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि इस आदेश को केंद्र सरकार के 25 अप्रैल 2017 के गजट नोटिफिकेशन को आधार बनाकर जारी किया है जो केंद्र सरकार की ओर से संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना व अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के पर्यवेक्षण के लिए जारी हुआ था।
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