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Sunday, July 7, 2024

यूपी सरकार का अनुदानित मदरसों के छात्र छात्राओं को अब प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाने का इरादा, सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल

यूपी सरकार का अनुदानित मदरसों के छात्र छात्राओं को अब प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाने का इरादा, सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल

यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन, मदरसा शिक्षक व प्रबंधक इस पहल से नाखुश


लखनऊ । यूपी सरकार का अनुदानित मदरसों के छात्र छात्राओं को अब प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाने का इरादा है। यूपी सरकार ने इसी मंशा के साथ सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया है। पर यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन, मदरसा शिक्षक व प्रबंधक इस पहल से नाखुश हैं।


इस बाबत हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के इस 22 मार्च को दिये गये आदेश और हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 4 अप्रैल को जारी शासनादेश के खिलाफ दायर की गयी पांच याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को होनी है। 


उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार अहमद जावेद का कहना है कि मदरसों को बंद करके उनमें पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को मुख्यधारा के स्कूलों में दाखिल करना उचित नहीं है। हां, अगर प्रदेश में जिस एक्ट से मदरसे संचालित होते हैं उस एक्ट में कुछ जरूरी बदलाव किये जा सकते हैं। 


उधर, मदरसों के शिक्षकों के संगठन आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारसि-ए-अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान सईदी का कहना है कि मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि प्राच्य भाषाओं के संरक्षण व पठन-पाठन के लिए संचालित होते हैं।

सरकारी टैबलेट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, अफसरों के फरमान पर बेसिक शिक्षकों में गुस्से का माहौल

सरकारी टैबलेट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, अफसरों के फरमान पर बेसिक शिक्षकों में गुस्से का माहौल


परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को विभाग की ओर से टैबलेट मुहैया कराए गए हैं ताकि उनके आने-जाने के समय पर राज्य स्तर तक निगरानी रखी जा सके। इस महीने से ऑनलाइन सेल्फी के साथ उपस्थिति प्रक्रिया लागू कर दी गई।


सूबे के ज्यादातर स्कूलों में हालांकि अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जिन स्कूलों में शुरू हुई है वहां से टैबलेट हैंग होने और ऑन  न होने की बहुत शिकायतें सामने आ रही हैं। इसको लेकर शिक्षकों में रोष का माहौल है। उन्होंने विभाग पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

शिक्षकों का कहना है कि विभाग की ओर से दिया गया टैबलेट बहुत ही घटिया गुणवत्ता का एवं 4 जी पर आधारित है। सेल्फी के लिए 2 मेगा पिक्सल का फ्रंट कैमरा, 3 जीबी रैम और 32 जीबी रोम दी गई है। इसमें जरूरी एप के अलावा ऑनलाइन कार्यों के लिए विभाग की ओर से 24 से भी अधिक एप डाउनलोड कराए गए हैं। 


शिक्षकों का कहना है कि तकनीकी खामी के चलते उपस्थिति के लिए प्रेरणा पोर्टल ज्यादातर खुलता ही नहीं। यदि खुलता भी है तो फोटो अपलोड  करना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों से इस समस्या के बारे में बताने पर वे शिक्षकों पर अपने मोबाइल से फोटो अपलोड करने का दबाव बना रहे हैं।

Saturday, July 6, 2024

CTET July 2024 के Admit Card हुए जारी, डाउनलोड करें डायरेक्ट लिंक से

CTET July 2024 के Admit Card हुए जारी, डाउनलोड करें डायरेक्ट लिंक से


CBSE CTET Admit Card 2024: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने जुलाई सत्र की परीक्षा के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) 2024 के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। जिन उम्मीदवारों ने सफलतापूर्वक पंजीकरण किया था, वे आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in. से सीटीईटी एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। सीटीईटी जुलाई 2024 का आयोजन 7 जुलाई को किया जाएगा।

🔴 एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।




CTET जुलाई 2024 एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए आवेदकों को अपने लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे कि आवेदन संख्या की आवश्यकता होगी। एडमिट कार्ड में परीक्षा स्थल का पता होगा जहां उम्मीदवार को उपस्थित होना है। इसके अलावा नाम, परीक्षा तिथि, परीक्षा समय, पेपर विवरण और परीक्षा-दिन के दिशा-निर्देश भी होंगे। उम्मीदवारों को परीक्षा के दिन परीक्षा केंद्र पर वैध सरकारी-अनुमोदित आईडी प्रूफ के साथ सीटेट हॉल टिकट 2024 ले जाना आवश्यक है।

🔴 एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।


🔵 ऑफिसियल साइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें।



मूल समस्याओं को नजरअंदाज कर डिजिटाइजेशन पर जोर से शिक्षक नाराज

मूल समस्याओं को नजरअंदाज कर डिजिटाइजेशन पर जोर से शिक्षक नाराज


लखनऊ। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल 14 जून को डिजिटाइजेशन की समस्या व अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मिला था। एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पर विभाग से जानकारी मांगी गई लेकिन अधिकारी उचित जवाब नहीं दे पाए हैं।

 दूसरी तरफ परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस पर जोर लगाए हुए हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि हमने सीएम से शिक्षकों की मूल समस्याओं को हल करने के बाद डिजिटाइजेशन प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी। 



डिजिटल हाज़िरी दर्ज करने को लेकर बेसिक शिक्षकों ने रखी शर्त, विरोध जारी

 लखनऊ परिषदीय स्कूलों में 15 जुलाई से टैबलेट पर चेहरा दिखाकर शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यानी फेस रिक्ाग्निशन सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगाई जाएगी। स्कूलों को इसके लिए टैबलेट दिए गए हैं और सिम खरीदने व इंटरनेट की सुविधा के लिए धन भी दिया जा चुका है। ऐसे में अब अधिकारी हर हाल में इस व्यवस्था को लागू कराने पर जोर दे रहे हैं। उधर शिक्षकों ने शर्त रखी है कि अगर वह किन्हीं कारणों से विलंब से पहुंचे तो उन्हें छूट दी जाए।


शिक्षकों ने मांग की है कि विलंब होने पर उन्हें पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। अर्द्ध अवकाश या फिर तीन दिन विलंब होने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की छूट दी जाए। उपस्थिति व मिड-डे मील सहित 12 रजिस्टर डिजिटल किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बादव कहते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षक दूर-दराज के क्षेत्रों से विद्यालय आते हैं।

 तमाम परिषदीय स्कूल भी ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां पहुंचने में समय लगता है। किन्हीं कारणों से वह लेट हो जाएं ती पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। उपस्थिति सुबह विद्यालय खुलते समय और बंद होते समय लगाने की व्यवस्था की गई है।

शिक्षक माह में 2 दिन लेट हो जाता है तो उस पर कार्रवाई न की जाए। 3 दिन लेट होता है तो एक सीएल लगाने का नियम हो। हर माह में 2 हाफ सीएल की व्यवस्था होनी चाहिए। ~ विनय कुमार सिंह प्रांतीय अध्यक्ष, PSPSA 

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि अगर कोई शिक्षक पांच मिनट भी दे से पहुंचता है तो उसका एक दिन का वेतन कट जाएगा। टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसे व्यावहारिक बनाया जाए। अर्जित अवकाश की सुविधा भी शिक्षकों को दी जाए।

छात्रवृत्ति के लिए घोषित हुईं आवेदन की तिथियां

छात्रवृत्ति के लिए घोषित हुईं आवेदन की तिथियां

10 जुलाई से पूर्व दशम के विद्यार्थी कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन 

शैक्षिक सत्र 2024-25 में पूर्व दशम (कक्षा नौ व 10) के विद्यार्थियों को छात्रवृति योजना से लाभान्वित करने के लिए समय सारिणी जारी की गई है। उच्च शिक्षा के विद्यार्थी 12 जुलाई और पूर्व दशम के विद्यार्थी 10 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के बाद पात्रता व नियम पूरा करने वाले विद्यार्थियों के खाते में धनराशि अंतरित की जाएगी।


छात्रवृत्ति योजना के तहत शैक्षिक सत्र 2024-25 में समाज कल्याण विभाग ने आवेदन समय सारिणी जारी कर दी है। अनुसूचित जाति के दशमोत्तर के विद्यार्थी (कक्षा 11 से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले) छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए पहले चारण में 12 जुलाई से 16 नवंबर तक, दूसरे चरण में 17 नवंबर से 31 दिसंबर और तीसरे चरण में एक जनवरी 2025 से 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। 


वहीं पूर्व दशम के विद्यार्थी (कक्षा नौ व 10) 10 जुलाई से दो सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। हार्डकॉपी विद्यालय में जमा करने की तारीख आवेदन पत्र भरने के सात दिन के अंदर और विलंब से आठ नवंबर 2024 तक होगी। विद्यालय आवेदन पत्र को ऑनलाइन सत्यापित व अग्रसारित 11 जुलाई से 18 नवंबर तक कर सकेंगे।

यूपी बोर्ड ने जारी किया स्क्रूटनी का परिणाम

यूपी बोर्ड : स्क्रूटनी का परिणाम किया घोषित

प्रयागराज । यूपी बोर्ड परीक्षा 2024 के स्क्रूटनी (सन्निरीक्षा) का रिजल्ट शुकवार को घोषित कर दिया गया है। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों ने परिषद की वेबसाइट www.upmsp.edu.in पर स्क्रूटनी का परिणाम अपलोड कर दिया है। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अपर सचिव विभा मिश्रा की ओर से जारी सूचना के मुताबिक स्क्रूटनी के लिए कुल 12,206 प्रत्यावेदन मिले थे, जिसमें से 3891 छात्र-छात्राओं के अंक में संशोधन हुआ है।

20 अप्रैल को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित किया गया था। उस समय यूपी बोर्ड ने कम अंक मिलने को लेकर परीक्षार्थियों से स्क्रूटनी के लिए आवेदन मांगे थे। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में हाईस्कूल के 2065 छात्र-छात्राओं और इंटरमीडिएट में 10,141 परीक्षार्थियों ने प्रत्यावेदन दिए थे। अपर सचिव ने उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी कराई। शुक्रवार को परिणाम घोषित कर दिया गया। 

उन्होंने बताया कि वेबसाइट पर उन्हीं परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक अपलोड किए गए हैं, जिनके अंक में परिवर्तन हुए हैं। जिन परीक्षार्थियों के परीक्षाफल ल में में संशोधन हुआ है, उनके संशोधित मुद्रित प्रमाणपत्र/अंकपत्र उनके जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से उनके विद्यालय में भेजे जाएंगे। ऐसे परीक्षार्थी पूर्व में निर्गत अंकपत्र/प्रमाणपत्र प्रधानाचार्य को वापस करते हुए अपना संशोधित अंकपत्र वहां से प्राप्त कर सकेंगे।



यूपी बोर्ड ने जारी किया स्क्रूटनी का परिणाम
 

प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के क्षेत्रीय कार्यालयों से स्क्रूटनी का परिणाम जारी कर दिया गया है। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर शुक्रवार की शाम को परिणाम का लिंक दे दिया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय वार परिणाम दिया गया है। अभ्यर्थी वहीं से अपने अनुक्रमांक देख ले। वेबसाइट पर केवल उन्हीं का अनुक्रमांक दिया गया है, जिनके अंक पत्र में संशोधन हुआ है।


यूपी बोर्ड का परिणाम जारी होने के बाद स्क्रूटनी के आवेदन आनलाइन लिए गए थे। बोर्ड की वेबसाइट पर 14 मई तक स्क्रूटनी के लिए 29,555 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था।


उसमें से हाईस्कूल के 4748 और इंटरमीडिएट 24,807 आवेदन आए। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, मेरठ और गोरखपुर में स्क्रूटनी हुई। स्क्रूटनी के दौरान कॉपी चेक नहीं होती है बल्कि नंबर जोड़ने में कहीं चूक होने पर उसे ठीक किया गया है। 


प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में कुल 12206 आवेदन आए थे। उससे से हाईस्कूल के 2065 और इंटरमीडिएट के 10141 आवेदन आए थे। इसमें से हाईस्कूल के 613 और इंटरमीडिएट के 3278 विद्यार्थियों के अंक पत्र में संशोधन हुआ है। अन्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है।


यूपी बोर्ड की क्षेत्रीय सचिव विभाग मिश्रा ने बताया कि बोर्ड की वेबसाइट जिनके अंक पत्र संशोधित हुए हैं, उनका अनुक्रमांक जारी किया गया है। इनके अंक पत्र संशोधित होकर इस महीने के अंत तक विद्यालयों में भेजे जाएंगे। 

यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट कम्पार्टमेंट/इम्प्रूवमेन्ट परीक्षा का आयोजन 20 जुलाई को

यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट कम्पार्टमेंट/इम्प्रूवमेन्ट परीक्षा का आयोजन 20 जुलाई को 




प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की इंप्रूवमेंट व कंपार्टमेंट परीक्षा 20 जुलाई को कराई जाएगी। इस परीक्षा में प्रदेश भर के 44,357 अभ्यर्थी बैठेंगे। परीक्षा के लिए डीआईओएस को जिला मुख्यालयों में केंद्र बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा प्रयोगात्मक व आंतरिक मूल्यांकन की परीक्षा 15 और 16 जुलाई को कराई जाएगी।


यूपी बोर्ड का परिणाम 20 अप्रैल को जारी कर दिया गया था। उसके बाद छह से 31 मई तक इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट के लिए यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इंप्रूवमेट के लिए हाईस्कूल के वह परीक्षार्थी आवेदन किए जो एक विषय में अनुत्तीर्ण थे या किसी विषय में नंबर कम थे।


कंपार्टमेंट के लिए वह परीक्षार्थी आवेदन किए जो कम से कम दो विषय में अनुत्तीर्ण थे। इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट के लिए हाईस्कूल के 20,729 और इंटरमीडिएट के 23,628 अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन किए थे। आवेदनों की जांच के बाद यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं।

Friday, July 5, 2024

बड़े स्कूलों में मर्ज होंगे बेसिक स्कूल? गौतमबुद्ध नगर से शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट, देशभर में लागू होगी ये व्यवस्‍था?

बेसिक को हाई स्कूलों में मिलाने की तैयारी? यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले में होगा अध्ययन

केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट कंसल्टेशन ऑफ स्कूल में जिले के चार स्कूल चिन्हित, प्रदेश के 75 जिलों में से गौतमबुद्ध नगर को चुना

बड़े स्कूलों में मर्ज होंगे बेसिक स्कूल?  गौतमबुद्ध नगर से शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट, देशभर में लागू होगी ये व्यवस्‍था?


उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूल आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज होंगे। केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट कंसल्टेशन ऑफ स्कूल के तहत यूपी के 75 जिलों में से ग्रेटर नोएडा के चार स्कूलों का चयन किया गया है। यहां प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इसे पूरे यूपी में लागू किया जाएगा।


यूपी में शिक्षा का स्तर उठाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके तहत बेसिक स्कूलों को उसके आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत फिलहाल ग्रेटर नोएडा के चार स्कूलों को चयनित किया गया है। यहां प्रयोग सफल होने के बाद इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएगा। इनको मर्ज कैसे किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार पायलट प्रोजेक्ट कंसल्टेशन ऑफ स्कूल के तहत अध्ययन करा रही है।


इसी के तहत गौतमबुद्ध नगर के चार बेसिक स्कूलों का चयन किया गया है। यहां पर भारत सरकार की टीम अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। उसके बाद प्रोजेक्ट को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केंद्र सरकार के अफसरों ने गौतम बुद्धनगर के अफसरों को निर्देशित किया है।


जिला बेसिक ‌शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार कंसल्टेशन ऑफ स्कूल नाम से पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेसिक स्कूलों को बड़े स्कूलों में मर्ज करने की तैयारी कर रही है। अध्ययन के लिए यूपी के गौतमबुद्ध नगर के चार स्कूल चयनित किए गए हैं। इन स्कूलों में 16 से 18 बच्चों का नामांकन है। स्कूलों के आसपास कक्षा एक से 12 तक के सरकारी स्कूलों को देखा जाएगा। छोटे स्कूलों को इन बड़ों स्कूलों में मर्ज किया जाएगा।


गौतमबुद्धनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने क्या बताया?
गौतम बुद्ध नगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट में हर प्रदेश से एक जिला चुना गया है। उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर को चुना हैं। भारत सरकार की टीम यहां आकर स्कूलों को मर्ज करने की स्टडी करेगी। विभाग सहयोगी के तौर पर काम करेगा। तीन माह में स्टडी रिपोर्ट पूरी की जाएगी। उसके बाद इस प्रोजेक्ट को देश भर में लागू किया जाएगा।

अध्ययन में नए स्कूल तक बच्चों के जाने की व्यवस्था और उनका नामांकन, साथ ही ऐसे होने पर किस-किस तरह की समस्या आएंगी। इन सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तीन माह के अंदर अध्ययन पूरा हो जाएगा। अफसरों ने बताया कि नए शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार अधिनियम को आसान बनाने के मकसद से प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। विलय होने से बेसिक स्कूलों पर हो रहा खर्च भी कम होगा।


मध्य प्रदेश का मॉडल भी रहा है चर्चा में
मध्य प्रदेश का ‘एक शाला-एक परिसर’ मॉडल भी काफी चर्चा में रहा है। इसके तहत जिन स्कूलों में 50 से कम छात्र, उनका बड़े स्कूल में विलय किया गया। नीति आयोग ने सभी राज्यों में इसे लागू करने की सिफारिश भी की थी, लेकिन इस समय सरकार अपने पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

बताते चले कि पूर्व में यूपी में भी संविलियन के जरिए एक परिसर में स्थित स्कूलों का आपस में मर्जर किया जा चुका है। 

स्थानांतरण/ समायोजन सम्बन्धी कई मांगों / बिंदुओं को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने परिषद सचिव को लिखा पत्र

स्थानांतरण/ समायोजन सम्बन्धी कई मांगों / बिंदुओं को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने परिषद सचिव को लिखा पत्र 


Thursday, July 4, 2024

मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए

मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए

25-30 हजार रुपये मानदेय पर रखने के प्रस्ताव का किया विरोध


लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से नाराजगी है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि हमें भीख नहीं सम्मान चाहिए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय सही नहीं है।


माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने कैबिनेट में आए प्रस्ताव पर कहा है कि मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं थी। जिस विद्यालय में हम सभी शिक्षक सम्मान के साथ 25 से 30 वर्षों तक कार्य कर चुके हैं, वहां पर 25 व 30 हजार मानदेय पर उसी विद्यालय में काम करने को कहा जा रहा है। जबकि चपरासी का वेतन इससे अधिक है। इससे तदर्थ शिक्षकों में काफी आक्रोश है।

समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि 53 दिन की याचना में उच्च अधिकारियों से जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, उसे कैबिनेट में नहीं रखा गया। यह प्रस्ताव उससे अलग है। यह स्वीकार नहीं है। प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह ने कहा कि सभी तदर्थ शिक्षक जो भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सदस्य हैं, लखनऊ में भाजपा कार्यालय में आकर प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।

प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने कहा कि कैबिनेट ने तदर्थ शिक्षकों का मानदेय प्रबंधक के खाते में जाने की बात कही है, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा। प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

गौरतलब है कि मंगलवार को हुई कैबिनेट में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर शिक्षकों को रखने की नीति को हरी झंडी दी थी। साथ ही 2254 तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर समायोजित करने पर भी सहमति दी गई थी। 



2200 से ज्यादा तदर्थ शिक्षकों की मानदेय पर होगी पुनर्नियुक्ति

लखनऊ : योगी सरकार ने साल 2023 में सेवा से हटाए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिसका असर शिक्षण कार्य पर हो रहा है। शैक्षणिक कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से मुक्त किए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अस्थायी तौर पर पुनर्नियुक्ति का अवसर दिया जा रहा है, जो शिक्षक कक्षा 9 और 10 में पढ़ाएंगे उन्हें 25 हजार और जो लोग कक्षा 11-12 में पढ़ाएंगे उन्हें 30 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रबंधन को यह धनराशि दी जाएगी, अगर वे इससे ज्यादा देना चाहते हैं तो शिक्षकों अपने पास से दे सकते हैं। 

जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश 9 नवम्बर 2023 द्वारा समाप्त की गईं, वे ही मानदेय शिक्षक के लिए पात्र होंगे। यथासम्भव मानदेय शिक्षक को उसी विद्यालय में रखा जाएगा, जिनमें वे तदर्थ शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं।



तदर्थ शिक्षकों की मानदेय शिक्षक में रखे जाने को कैबिनेट की मंजूरी

हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।


यूपी सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से मानदेय-शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया एवं कार्य निष्पादन शर्तें, 2024 को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश दिनांक 09 नवम्बर, 2023 द्वारा समाप्त की गयी हैं, वे ही मानदेय शिक्षक हेतु पात्र होंगे। मानदेय शिक्षक नितांत अस्थायी तौर पर रखे जाएंगे।

हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।




अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की तैयारी

लखनऊः अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को कैबिनेट में मानदेय शिक्षकों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों के लिए नियम- कानून बनाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।

 अगर इस पर मुहर लगी तो 20 से 30 वर्षों तक अपनी सेवाएं दे चुके शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाएगा। बीते वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इनकी सेवाएं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खत्म कर दी थीं। ऐसे करीब तीन हजार शिक्षक हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।


वर्ष 1993 के बाद एडेड स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। वर्ष 2000 से 2004 के बीच एडेड स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर इन शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया। 11 नवंबर, 2023 को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऐसे 1,115 तदर्थ शिक्षक जिन्हें वेतन नहीं मिल रहा था उन्हें 17 महीने का बकाया वेतन देकर सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया था। 

वहींजो शिक्षक पहले से वेतन पा रहे थे उन्हें भी निकाल दिया गया। शिक्षकों की अचानक सेवाएं समाप्त करने के कारण इसका विरोध शुरू हो गया। अब इन्हें मानदेय पर रखकर राहत देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्ताव आने की उम्मीद है।

Wednesday, July 3, 2024

कक्षा एक और दो के छात्रों के बस्ते खाली, नहीं मिलीं निःशुल्क किताबें

कक्षा एक और दो के छात्रों के बस्ते खाली, नहीं मिलीं निःशुल्क किताबें


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक कक्षा एक व कक्षा दो के 42 लाख विद्यार्थियों के बस्ते खाली हैं। इन्हें अभी तक निश्शुल्क पाठ्य-पुस्तकें नहीं मिली हैं। लखनऊ, बलिया व देवरिया सहित तमाम जिलों में मुख्यालय तक किताबें पहुंचा दी गई हैं, लेकिन यहां से विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य अभी बाकी है। 


अभी यहां से खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय और फिर वहां से न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों (एनपीआरसी) तक फिर विद्यालय पहुंचेंगी। वहीं कार्य पुस्तिकाओं की छपाई का काम अब शुरू हुआ है।

राज्य पाठ्य-पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी का कहना है कि पाठ्य-पुस्तकें तेजी से जिलों में पहुंचाई जा रही हैं। जिले तक पहुंचने के बाद वहां के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें विद्यालय तक पहुंचाएं। किसी भी कीमत पर शिक्षक किताबें ढोकर स्कूल नहीं ले जाएंगे। फिलहाल विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है और किताबें पहुंचना अभी बाकी है। 

वहीं कक्षा एक व कक्षा दो के विद्यार्थियों को दो-दो अभ्यास पुस्तिकाएं भी दी जानी है, लेकिन अब इनकी छपाई का कार्य शुरू हो पाया है। ऐसे में अभी 15 दिन बाद ही ये विद्यालय तक पहुंच पाएंगी। कक्षा एक व कक्षा दो में इस शैक्षिक सत्र 2024- 25 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। फिर मार्च में चुनाव आचार संहिता लगने के कारण टेंडर की प्रक्रिया में देरी हुई। 

चुनाव आयोग की अनुमति के बाद टेंडर किया गया और फिर छपाई शुरू हुई। ऐसे में छात्रों को कठिनाई हो रही है। एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हुआ था। गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू हो गई है।

Tuesday, July 2, 2024

देखें डिजिटल छात्र उपस्थिति का जनपदवार आंकड़ा (1 जुलाई 2024)

देखें डिजिटल छात्र उपस्थिति का जनपदवार आंकड़ा (1 जुलाई 2024) 


शासनादेश के क्रम में पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किए हैं । इसके साथ ही यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए गए हैं तथा ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
 
तत्क्रम में दिनांक 1 July , 2024 के डाटा विश्लेषण से निम्न बिन्दु संज्ञान में आए हैं

👉 डिजिटल छात्र उपस्थिति पंजिका में किसी भी जनपद में छात्र उपस्थिति 25% से अधिक नहीं प्राप्त हुई है । 

👉  छात्र उपस्थिति 10% या अधिक वाले जनपद : हमीरपुर, कौशांबी, बागपत, हापुड़ , प्रयागराज, भदोही, ललितपुर, एटा, लखनऊ, हाथरस, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मैनपुरी, संत कबीर नगर, अमरोहा, कासगंज, अंबेडकरनगर, फर्रुखाबाद में छात्र उपस्थिति 10% या अधिक प्राप्त हुई है । 

👉 जनपद: बदायूँ, बहराइच एवं उन्नाव में छात्र उपस्थिति 0% प्राप्त हुई है ।

यह अत्यंत खेद का विषय है कि राज्य परियोजना कार्यालय स्तर से निरंतर निर्देशित किए जाने के बाद भी अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है । तत्सम्बन्धी जनपदवार सूची संलग्न है।

अतः आपका व्यक्तिगत ध्यान आकृष्ट करते हुए निर्देशित किया जाता है कि दैनिक अनुश्रवण करते हुए डिजिटल पंजिकाओं का शत प्रतिशत प्रयोग सुनिश्चित कराएं ।

 समस्त AD BASIC को निर्देशित किया जाता है कि अपने मण्डल के जनपदों का दैनिक अनुश्रवण करते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराएं।


महानिदेशक
स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश


परिषदीय शिक्षकों के लिए जारी की गई स्थानांतरण/समायोजन नीति में व्यापक कमियों को दूर किये जाने तथा स्थानान्तरण/समायोजन किये जाने के पूर्व पदोन्नति किये जाने के सम्बंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का महनिदेशक को मांगपत्र

परिषदीय  शिक्षकों के लिए जारी की गई स्थानांतरण/समायोजन नीति में व्यापक कमियों को दूर किये जाने तथा स्थानान्तरण/समायोजन किये जाने के पूर्व पदोन्नति किये जाने के सम्बंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का महनिदेशक को मांगपत्र 



एडेड माध्यमिक विद्यालयों के 1898 शिक्षकों का तबादला, यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी किया स्थानांतरण आदेश

एडेड माध्यमिक विद्यालयों के 1898 शिक्षकों का तबादला, यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी किया स्थानांतरण आदेश


प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के 1898 प्रवक्ताओं, सहायक अध्यापकों और प्रधानाचार्यों का स्थानांतरण कर दिया गया है। इन सभी का स्थानांतरण आदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट https://upmsp.edu.in पर जारी कर दिया गया है। जिनका स्थानांतरण हुआ है, उन्हें वेबसाइट से आदेश डाउनलोड करने कहा गया है। इसी आदेश के आधार पर वह कार्यमुक्त होकर कार्यभार ग्रहण कर सकेंगे।


एडेड विद्यालयों में स्थानांतरण के लिए 14 से 27 जून तक आवेदन लिए गए थे। आवेदन ऑफलाइन लिए गए। वैसे इसके लिए आवेदन प्रक्रिया वर्षभर चलती रहती है। शासन से स्थानांतरण नीति आने तक शिक्षा निदेशालय में आठ सौ आवेदन आ चुके थे। शासनादेश आने के बाद निदेशालय में आवेदकों की भीड़ लग गई। 

निर्धारित तिथि तक करीब दो हजार आवेदन जमा हुए। इन आवेदनों की जांच के बाद अब स्थानांतरण किया गया। क्योंकि, यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी, इसलिए आदेश जारी करने के लिए तीन दिन तक अफसरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। 

अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

• आज से शुरू होगी प्रक्रिया, 19 जुलाई को जारी होगा स्थानांतरण

प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के अंतः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही विरोध शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 31 मार्च तक विद्यालयों में हुए छात्र नामांकन के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है और इसी आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। 

इसके विपरीत शिक्षकों ने कहा है कि अप्रैल में अधिक संख्या में प्रवेश हुए हैं तथा जुलाई तक प्रवेश की समयसीमा होने के कारण और भी प्रवेश होंगे। इस तरह मार्च के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से अधिक विद्यार्थी होने के बावजूद शिक्षक कम हो जाएंगे। इस कारण पूर्व की तरह सितंबर के छात्र अनुपात में शिक्षक चिह्नित किए जाएं। अगर मांग नहीं मानी गई तो शिक्षक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

आदेश के अनुसार अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन की प्रक्रिया दो जुलाई से शुरू होगी। शिक्षकों को 25 विकल्पों के साथ आवेदन करना होगा, जिसका सत्यापन किया जाएगा। स्थानांतरण के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। 

बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि स्थानांतरण आदेश की जारी समय सारिणी में कई बिंदुओं पर शिक्षकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। कई गांव नगर पालिका/नगर निगम सीमा में आ जाने के कारण नगरीय क्षेत्र में हो गए हैं। ऐसे में नगरीय सीमा में शामिल हुए गांवों के विद्यालयों को नगरीय सीमा में मानकर प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा कई और विसंगतियां बताते हुए शिक्षक जल्द परिषद सचिव की ओर से जारी ही हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे



अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन की समय सारिणी जारी होते ही कई बिंदुओं पर बेसिक शिक्षकों का विरोध शुरू

• 30 सितंबर के नामांकन पर छात्र अनुपात तय करने की मांग
• नगर पालिका क्षेत्र में आए विद्यालय की गिनती नगर में हो


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए तैयारी कर ली गई है। इसके लिए परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने समय सारिणी जारी कर दी है, लेकिन इसी के साथ शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। 

कहा है कि मार्च तक के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से विषमता और बढ़ जाएगी, क्योंकि 30 मार्च के बाद विद्यालयों में नामांकन बढ़ गए हैं। इस तरह अधिक छात्र संख्या के बजाय पुराने नामांकन के आधार पर स्थानांतरण किए जाने से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इसके अलावा नगर पालिका के सीमा विस्तार वाले क्षेत्र के विद्यालयों को नगर क्षेत्र में शामिल कर लिया जाता तो बहुत शिक्षक समायोजन से बच जाते। इसके अलावा कई और बिंदुओं पर भी विरोध है।

स्थानांतरण के लिए जारी निर्देश में परिषद सचिव ने कहा है कि छात्र अनुपात में अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों से आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरण किए जाएंगे। इसके लिए मार्च माह तक हुए छात्र नामांकन को आधार माना गया है। 

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने शिक्षकों की मांग के अनुसार पूर्व की तरह 30 सितंबर 2024 तक होने वाले नामांकन के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात तय करने को कहा है। इससे छात्र संख्या के अनुपात में विद्यालय को शिक्षक मिल सकेंगे। इससे पठन-पाठन सुचारु चल सकेगा।

 चूंकि समायोजन में जूनियर शिक्षक प्रभावित होंगे, इसलिए मांग की गई है कि वरिष्ठ शिक्षकों का समायोजन हो, क्योंकि जूनियर का ही समायोजन होता रहा तो वह जहां जाएंगे, जूनियर ही रहेंगे। हर जगह छात्र संख्या कम होने पर जूनियर को ही हटाया जाता रहेगा।



कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करने से विसंगति
परिषदीय शिक्षकों के समायोजन में फंसेगा पेच, जानिए क्यों? 

प्रयागराज । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने नए सत्र में जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के चलते शिक्षकों के समायोजन में पेच फंसने के आसार हैं। इसका मुख्य कारण कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करना और 30 सितंबर के बजाय 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों के आधार पर समायोजन किया जाना है।

विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहले समायोजन में 30 सितंबर तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या मानी जाती थी लेकिन अब 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या के आधार पर स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। मार्च में प्राथमिक में कक्षा पांच और उच्च प्राथमिक में कक्षा आठ के छात्र बाहर हो जाते हैं। शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से 31 मार्च तक होने के चलते छात्रों की संख्या स्कूल में कम होना लाजिमी है। 


छात्र संख्या कम होने पर उन विद्यालय के शिक्षकों का समायोजन किसी अन्य विद्यालय में हो सकता है। फिर वह शिक्षक इस प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती देने के लिए बाध्य होगा। जूनियर हाईस्कूलों में यानी कक्षा 6 से 8 तक में इस बार कॉमर्स से स्नातक शिक्षकों को मानव सम्पदा पोर्टल पर सब्जेक्ट मैपिंग में गणित-विज्ञान में दिखाया गया है जबकि उनकी नियुक्ति सामाजिक विषय के शिक्षक के तौर पर होती है। इसके चलते समायोजन का लाभ न पाने वाले विज्ञान गणित शिक्षक प्रक्रिया को चुनौती दे सकते हैं।

Monday, July 1, 2024

यूपी बोर्ड : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों का प्रवेश पांच अगस्त तक, बोर्ड सचिव ने जारी की अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी

यूपी बोर्ड : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों का प्रवेश पांच अगस्त तक

● बोर्ड सचिव ने जारी की अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी
● पंजीकृत छात्र-छात्राओं के आवेदन upmsp.edu.in पर किए जाएंगे अपलोड




प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा 2025 की तैयारी शुरू कर दी है। विद्यालय खुलने के साथ यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी घोषित कर दी। पांच अगस्त तक प्रवेश लिए जाएंगे। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने नए सत्र की समय सारिणी जारी कर दी है। सचिव के मुताबिक, 10वीं एवं 12वीं की कृषि भाग-एक की परीक्षा में शामिल होने वाले पंजीकृत छात्रों के आवेदन ४स्रे२स्र्र. ी४ि. ल्ल पर ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे।


हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं से प्राप्त परीक्षा शुल्क 10 अगस्त तक प्रधानाचार्य कोषागार में जमा करा सकेंगे। शुल्क की सूचना एवं छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरण वेबसाइट पर 16 अगस्त तक अपलोड किए जाएंगे। 10 अगस्त के बाद 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क 16 अगस्त तक जमा होगा, जिसकी सूचना और शैक्षिक विवरण 20 अगस्त तक अपलोड किए जा सकेंगे।

इसका परीक्षण 21 से 31 अगस्त तक होगा। त्रुटि को एक से 10 सितंबर मध्य रात्रि तक सुधारने का अवसर रहेगा। 30 सितंबर तक कक्षा नौ से 12 तक के पंजीकृत अभ्यर्थियों की फोटोयुक्त नामावली एवं संबंधित कोषपत्र की एक प्रति परिषद के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए डीआइओएस कार्यालय में प्रधानाचार्यों को जमा करनी होगी।


कंपार्टमेंट के छात्र 20 अगस्त तक ले सकेंगे दाखिला

बोर्ड ने कक्षा नौ व 11 के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण का कार्यक्रम जारी किया है। परीक्षा वर्ष 2026 एवं वर्ष 2025 की कृषि भाग-एक की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 11वीं के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण आवेदन परिषद की वेबसाइट upmsp. edu. in पर अपलोड किए जाएंगे। हाईस्कूल कंपार्टमेंट परीक्षा उत्तीर्ण एवं सन्निरीक्षा (स्क्रूटनी) में उत्तीर्ण अभ्यर्थी कक्षा-11 में 20 अगस्त तक प्रवेश ले सकेंगे। कक्षा नौ व 11 के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण शुल्क 50 रुपये कोषागार में चालान के माध्यम से जमा करने तथा पंजीकरण की सूचना व विवरण परिषद की वेबसाइट पर 25 अगस्त की मध्य रात्रि तक अपलोड किए जा सकेंगे। अपलोड विवरणों की जांच 26 अगस्त से पांच सितंबर तक होगी। इसमें मिली त्रुटि छह से 20 सितंबर की मध्य रात्रि तक सुधारी जा सकेगी।