13 सूत्री मांगपत्र DGSE को सौंपकर डिजिटाइजेशन से पूर्व शिक्षकों की विभिन्न ज्वलंत समस्याओं के निराकरण की RSM की मांग
▪️धरातल पर डिजिटाइजेशन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं से कराया अवगत
▪️समस्याओं का निराकरण होने तक जारी रहेगा आन लाइन उपस्थिति/ डिजिटाइजेशन का बहिष्कार
लखनऊ। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के विशेष आमंत्रण पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (प्रा०सं०) के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मा० महेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में महानिदेशक स्कूल शिक्षा के साथ बैठक की व 13 सूत्री ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की वर्तमान ज्वलंत समस्याओं से अवगत कराया।
डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति पर लंबी वार्ता हुई। जिसमें संगठन द्वारा इस व्यवस्था को धरातल पर लागू करने में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को बारीकी से विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया। वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। परंतु जब तक समाधान संबंधी कोई आदेश निर्गत नहीं होता है तब तक महासंघ का बहिष्कार एवं संघर्ष जारी रहेगा।संघर्ष की कार्ययोजना शीघ्र प्रदेश नेतृत्व द्वारा घोषित की जायेगी।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पंवार मौजूद रहे।
ज्ञापन में निम्नांकित मांगों को रखा गया
👉1- अन्य विभागों की भांति आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को भी न्यूनतम 15 ‘हाफ डे लीव अवकाश’ का विकल्प प्रदान किया जाये। जिससे आकस्मिकता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें।
👉2- बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईo एलo प्रदान किया जाये यदि ईo एलo प्रदान करने में कोई विशेष विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (P.L.) प्रदान किया जाये।
👉3- अन्य विभागों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय ‘प्रतिकर अवकाश’ का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदान किया जाये।
👉4- किसी आकस्मिक घटना अथवा आपदा की स्थिति में यदि शिक्षक/शिक्षामित्र/अनुदेशक/शिक्षणेत्तर कर्मचारी आगमन हेतु निर्धारित समय के पश्चात 01 घण्टे की अवधि तक माह में पाँच कार्य दिवस विलम्ब से पहुंचने पर अर्थात माह में अधिकतम 05 घन्टे तक विलम्ब से उपस्थित होने पर सम्बन्धित को अनुपस्थित न माना जाए। (दिनांक 07-07-2024 को महानिदेशक, स्कूल शिक्षा द्वारा V IMP/ व्यक्तिगत ध्यान अपेक्षित के रूप में प्रसारित संदेश में उल्लेखित 30 मिनट की शिथिलता समाहित)
👉5- बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षक/शिक्षामित्र/अनुदेशक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाये।
👉6- प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता तथा जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति से शिथिलता प्रदान करने का अधिकार प्रदान किया जाये।
👉7- ऑनलाइन उपस्थिति सहित पंजिकाओ का डिजिटाइजेशन सर्वर की उपलब्धता व टैबलेट के सुचारू संचालन के अधीन है। इसलिए एक समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने अथवा टैबलेट के खराब होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।
👉8- डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्णं,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था महानिदेशक कार्यालय से लेकर विद्यालय स्तर तक कार्य करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त घटक कार्यालयों पर समान रूप से लागू किया जाए।
👉9- शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाए तथा शिक्षकों/शिक्षिकाओं से लिए जाने वाले कार्यों की सूची जारी की जाए।
👉10- प्रमोशन/सामान्य स्थानान्तरण/पारस्परिक-जनपदीय/अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण/समायोजन शीघ्र ससमय कराए जाएं।
👉11- 17140/18150 लंबित प्रोन्नत वेतन विसंगति की समस्या शीघ्र निस्तारित की जाए।
👉12- शिक्षामित्र/अनुदेशकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए तथा शिक्षकों की भाँति पारस्परिक व सामान्य स्थानान्तरण सहित अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
👉13- रसोइयों से 11 माह का कार्य लिया जाता है परंतु 10 माह का ही मानदेय दिया जाता है। इसलिए रसोइयों को 11 माह का मानदेय दिया जाए।
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