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Wednesday, July 10, 2024

दूसरे दिन सूबे में एक भी शिक्षक ने नहीं लगाई ऑनलाइन हाजिरी, आदेश वापस लिये जाने की अफवाहों को शासन ने नकारा

दूसरे दिन सूबे में एक भी शिक्षक ने नहीं लगाई ऑनलाइन हाजिरी, आदेश वापस लिये जाने की अफवाहों को शासन ने नकारा

शिक्षक के देर से आने का असर कक्षाओं पर

लखनऊ। शिक्षकों के विरोध के बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने डिजिटल उपस्थिति के आदेश वापसी को अफवाह बताते हुए इसको बच्चों के हित के लिए बेहतर बताया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने कहा कि स्कूली बच्चे सभी हितधारको में सबसे महत्वपूर्ण हैं। यदि कोई शिक्षक एक या दो घंटे देरी से स्कूल आता है, तो कक्षा के दो पीरियड बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए शिक्षक उपस्थिति को मजबूत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस नेक प्रयास में कुछ असुविधाएं हो सकती हैं। हमें अपने स्कूली बच्चों की बेहतरी के लिए उन असुविधाओं को सहन करने की जरूरत है। ब्यूरो

10 जुलाई 2024
लखनऊ । प्राइमरी शिक्षकों ने सरकार की अपील को पूरी तरह से नकार दिया और मंगलवार को पूरे प्रदेश में एक भी शिक्षक ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। साथ ही दूसरे दिन भी काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य निपटाया। इस बीच लगातार दूसरे दिन भी कई जिलों में प्राइमरी शिक्षकों ने स्कूल समय के बाद धरना-प्रदर्शन कर आनलाइइन हाजिरी के आदेश को रद्द करने की मांग की। 


दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी नेताओं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव समेत कई नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की मांग पर विचार करने की मांग की है।


विपक्षी नेताओं और दलों ने शिक्षकों को दिया समर्थनः सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि शिक्षकों पर विश्वास करने से अच्छी पीढ़ी जन्म लेती है। वे इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने लिखा कि सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन कराने पर आमादा है जबकि सरकार अध्यापकों की वर्ष में 30 ईएल, और हाफ सीएल देने की मांग नहीं मान रही। वहीं धौरहरा के सपा सांसद आनंद भदौरिया ने लिखा कि शिक्षक राष्ट्र निर्मता है। उसे इस तरह के फैसलों से आहत न करें। नगीना के सांसद चन्द्रशेखर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 12 रजिस्टर डिजिटल बनाना पूर्णतया अनुचित और अव्यवहारिक प्रतीत होता है।


सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी लिखा मुख्यमंत्री को पत्रः भाजपा के एमएलसी अवधेश कुमार सिंह 'मंजू सिंह' ने मुख्मंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि इस नई व्यवस्था में विसंगतियां बताई गई है। शिक्षकों की समस्याओं का समाधान पर भी विचार होना चाहिए।


स्कूली बच्चों की बेहतरी के लिए आनलाइन हाजिरी जरूरीः सुंदरम

ऑनलाइन हाजिरी के आदेश वापस लिये जाने की अफवहों को नकारते हुए देर शाम सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमके शनमुगा सुंदरम् ने कहा है कि शिक्षकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे अगली पीढ़ी को पढ़ा रहे हैं और उसका विकास कर रहे हैं। इस नेक प्रयास में कुछ असुविधाएं हो सकती हैं। हमें बच्चों की बेहतरी के लिए असुविधाओं को सहन करने की जरूरत है।




छह लाख शिक्षकों में से 16 हजार ने ही लगाई आनलाइन हाजिरी

उपस्थिति में आधा घंटा समय बढ़ाने के बावजूद किया बहिष्कार

08 जुलाई 2024
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में सोमवार से शिक्षकों के लिए शुरू की नई आनलाइन उपस्थिति को व्यवस्था बहिष्कार के कारण पहले ही दिन चौपट रही। कुल 1,32.469 कियाालयों में पढ़ा को 6,09,282 शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से 16.015 बानी मात्र 2.6 प्रतिशत ने आनलाइन हाजिरी दर्ज कराई।


 14 जिले में एक भी शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति नहीं दर्ज कराई। भटेही में सर्वाधिक 14 प्रतिशत बानी 5,730 में से 1,058 शिक्षकों ने व्यवस्था का पालन किया। उपस्थिति के लिए आधा घंटे और मोहलत दिए जाने के बावजूद भी शिक्षकों ने काली प‌ट्टी बांधकर इसका विरोध किया। विभान को उम्मीद है कि आगे 15 दिनों में व्यवस्था पटरी पर आएगी। 


प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएना सुंदरम का कहना है कि शिक्षकों को सुबह आठ बजे को बजाए 8:30 बजे तक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की छूट दी गई है। ऐसे में उम्मीद है कि शिक्षक इस व्यवस्था का पालन करेंगे। देश के कई राज्यों में आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए यह जरूरी है।


 शिक्षकों ने अपनी समस्याएं भी गिनाई 
बड़ी संख्ना में विद्यालयों की मैपिंग ठीक न होने के कारण स्कूल में
उपस्थित होने के बावजूद भी उनकी अनलाइन लोकेशन कई किलोमीटर दूर दिखाई जा रही ज्वरण कई जिलों में जल जमव के है। बरसात के ज्वरण दिक्कत हो की है। या बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि शिक्षक लगातार अर्द्ध अवकाश, तीन दिन लगातार देर होने पर आकस्मिक अवकाश और अर्जित अवकाश देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। ऐसे में शिक्षक काली प‌ट्टी बांधकर विरोध जारी रखेंगे।


 प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शमां ने कहा कि शीतकालीन अवकाश चाले न दिया जाए लेकिन अर्जित अवकाश व द्वितीय शनिवार का अवकाश कर्मचारियों की तरह ही दिया जाए। शिक्षक अगर बेोड़ी थी देर से विद्यालय पहुंचेगा तो उसका पूरे दिन का वेतन कट जाएगा, यह गलत व्यवस्था है। अर्द्ध अवकाश की सुविधा मिलनी चाहिए। जिन 14 जिलों में एक भी शिक्षकों ने अनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर्ता उनमें बाराबंकी, संभल, सहारनपुर, गोरखपुर उन्नाव बदा गोंडा, बाराइच, महराजगंज, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर व संत कबीर नगर शामिल है।


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