आंदोलन की राह पर यूपी के शिक्षामित्र, आज (12 अगस्त) सभी ज़िलों में बीएसए को सौंपेंगे ज्ञापन
शिक्षामित्रों ने समान कार्य-समान वेतन की मांग के लिए 5 सितंबर से लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की तैयारी की है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है।
उन्हें शिक्षामित्र के नाम से पुकारा जाता है, लेकिन वह भी वही काम करते हैं जो स्कूलों में शिक्षक कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षा देना। शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस सम्मान पाने का दिवस है, लेकिन गुरुजी की ही भूमिका में रहने वाले शिक्षामित्र इस बार शिक्षक दिवस से लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। इसके लिए जिला स्तर पर भी शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन सक्रिय हो गई है तथा जिले में शिक्षामित्रों से संपर्क किया जा रहा है।
इस संबंध में प्रदेश सरकार के समक्ष काफी वक्त से मांग की जा रही है। शिक्षामित्र 12 अगस्त को प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे। मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन में सरकार के समक्ष मांग रखी जाएगी। अगर शिक्षामित्रों की मांगें 20 अगस्त तक नहीं मानी गई तो प्रदेश में व्यापक आंदोलन होगा।
पांच सितंबर से लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी होगा। शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा सदन में दिए गए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि इससे प्रदेश के शिक्षामित्रों में रोष है।
यूपी: पांच सितंबर को लखनऊ में डेरा डालेंगे प्रदेश भर के शिक्षामित्र, समाधान न होने पर देंगे सामूहिक इस्तीफा
लखनऊ । Shikshamitra of UP: यूपी के शिक्षामित्र अब अपने वेतन के लिए संघर्ष का रास्ता चुनने जा रहे हैं। पूरे प्रदेश के शिक्षामित्र पांच सितंबर को लखनऊ में डेरा डालेंगे।
विधानसभा में बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि का कोई प्रस्ताव न होने की सूचना पर शिक्षामित्रों ने नाराजगी जताई है। कहा, यदि शिक्षामित्रों की समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार 30 अगस्त तक कोई पहल नहीं करती है तो पांच सितंबर को पूरे प्रदेश का शिक्षामित्र लखनऊ में डेरा डालेंगे। इसमें मांग किया जाएगा कि समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए या सरकार सामूहिक इस्तीफे को स्वीकार करे। रोज-रोज मरने से अच्छा है कि एक दिन ही व्यवस्था को समाप्त करके हमें मार दिया जाए।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि पूर्व में शिक्षामित्र के समस्याओं के निस्तारण के लिए कमेटी बनी थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। सदन में बार-बार एक ही बयान देना कि मानदेय 3,500 से 10 हजार रुपये कर दिया है। यह भी तो बताएं कि हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार के ऊपर निर्णय छोड़ दिया गया था। सरकार चाहती तो संवैधानिक रूप से शासनादेश में संशोधन करके पुनः शिक्षक बनाए रखती। पर, ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र अपना हक मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे।
समान कार्य, समान वेतन के लिए 5 सितंबर को लखनऊ में डेरा डालेंगे शिक्षामित्र
लखनऊ। बेसिक विद्यालय में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के चल रहे विरोध के बीच प्रदेश के शिक्षामित्र भी आंदोलन की राह पर हैं। शिक्षामित्रों ने समान कार्य समान वेतन के लिए एक बार फिर लखनऊ में डेरा डालने का एलान कर दिया है। इस बार वह अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र की प्रांतीय बैठक रविवार को प्रांतीय कार्यालय दारुलशफा में हुई। इसमें प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ सभी जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे। बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि 25 जुलाई को हर जिला मुख्यालय पर दोपहर दो बजे से एकत्रित होकर मृतक शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही अपनी मांग का मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को देंगे। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान ना किया गया तो पांच सितंबर को प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र लखनऊ में एकत्रित होकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
बैठक में प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार ने कहा कि संगठन द्वारा घोषित कार्यक्रम में एक-एक शिक्षामित्र को शामिल होना अति आवश्यक है। क्योंकि सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेश मिश्रा ने कहा कि लगातार सरकार व शासन के अधिकारियों से मुलाकात कर शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की जा रही है।
No comments:
Write comments