मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए
25-30 हजार रुपये मानदेय पर रखने के प्रस्ताव का किया विरोध
लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से नाराजगी है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि हमें भीख नहीं सम्मान चाहिए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय सही नहीं है।
माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने कैबिनेट में आए प्रस्ताव पर कहा है कि मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं थी। जिस विद्यालय में हम सभी शिक्षक सम्मान के साथ 25 से 30 वर्षों तक कार्य कर चुके हैं, वहां पर 25 व 30 हजार मानदेय पर उसी विद्यालय में काम करने को कहा जा रहा है। जबकि चपरासी का वेतन इससे अधिक है। इससे तदर्थ शिक्षकों में काफी आक्रोश है।
समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि 53 दिन की याचना में उच्च अधिकारियों से जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, उसे कैबिनेट में नहीं रखा गया। यह प्रस्ताव उससे अलग है। यह स्वीकार नहीं है। प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह ने कहा कि सभी तदर्थ शिक्षक जो भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सदस्य हैं, लखनऊ में भाजपा कार्यालय में आकर प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने कहा कि कैबिनेट ने तदर्थ शिक्षकों का मानदेय प्रबंधक के खाते में जाने की बात कही है, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा। प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
गौरतलब है कि मंगलवार को हुई कैबिनेट में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर शिक्षकों को रखने की नीति को हरी झंडी दी थी। साथ ही 2254 तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर समायोजित करने पर भी सहमति दी गई थी।
2200 से ज्यादा तदर्थ शिक्षकों की मानदेय पर होगी पुनर्नियुक्ति
लखनऊ : योगी सरकार ने साल 2023 में सेवा से हटाए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिसका असर शिक्षण कार्य पर हो रहा है। शैक्षणिक कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से मुक्त किए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अस्थायी तौर पर पुनर्नियुक्ति का अवसर दिया जा रहा है, जो शिक्षक कक्षा 9 और 10 में पढ़ाएंगे उन्हें 25 हजार और जो लोग कक्षा 11-12 में पढ़ाएंगे उन्हें 30 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रबंधन को यह धनराशि दी जाएगी, अगर वे इससे ज्यादा देना चाहते हैं तो शिक्षकों अपने पास से दे सकते हैं।
जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश 9 नवम्बर 2023 द्वारा समाप्त की गईं, वे ही मानदेय शिक्षक के लिए पात्र होंगे। यथासम्भव मानदेय शिक्षक को उसी विद्यालय में रखा जाएगा, जिनमें वे तदर्थ शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं।
तदर्थ शिक्षकों की मानदेय शिक्षक में रखे जाने को कैबिनेट की मंजूरी
हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।
यूपी सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से मानदेय-शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया एवं कार्य निष्पादन शर्तें, 2024 को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश दिनांक 09 नवम्बर, 2023 द्वारा समाप्त की गयी हैं, वे ही मानदेय शिक्षक हेतु पात्र होंगे। मानदेय शिक्षक नितांत अस्थायी तौर पर रखे जाएंगे।
हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।
लखनऊः अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को कैबिनेट में मानदेय शिक्षकों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों के लिए नियम- कानून बनाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
अगर इस पर मुहर लगी तो 20 से 30 वर्षों तक अपनी सेवाएं दे चुके शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाएगा। बीते वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इनकी सेवाएं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खत्म कर दी थीं। ऐसे करीब तीन हजार शिक्षक हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।
वर्ष 1993 के बाद एडेड स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। वर्ष 2000 से 2004 के बीच एडेड स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर इन शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया। 11 नवंबर, 2023 को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऐसे 1,115 तदर्थ शिक्षक जिन्हें वेतन नहीं मिल रहा था उन्हें 17 महीने का बकाया वेतन देकर सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया था।
वहींजो शिक्षक पहले से वेतन पा रहे थे उन्हें भी निकाल दिया गया। शिक्षकों की अचानक सेवाएं समाप्त करने के कारण इसका विरोध शुरू हो गया। अब इन्हें मानदेय पर रखकर राहत देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्ताव आने की उम्मीद है।
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