मूल समस्याओं को नजरअंदाज कर डिजिटाइजेशन पर जोर से शिक्षक नाराज
लखनऊ। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल 14 जून को डिजिटाइजेशन की समस्या व अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मिला था। एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पर विभाग से जानकारी मांगी गई लेकिन अधिकारी उचित जवाब नहीं दे पाए हैं।
दूसरी तरफ परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस पर जोर लगाए हुए हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि हमने सीएम से शिक्षकों की मूल समस्याओं को हल करने के बाद डिजिटाइजेशन प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी।
लखनऊ परिषदीय स्कूलों में 15 जुलाई से टैबलेट पर चेहरा दिखाकर शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यानी फेस रिक्ाग्निशन सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगाई जाएगी। स्कूलों को इसके लिए टैबलेट दिए गए हैं और सिम खरीदने व इंटरनेट की सुविधा के लिए धन भी दिया जा चुका है। ऐसे में अब अधिकारी हर हाल में इस व्यवस्था को लागू कराने पर जोर दे रहे हैं। उधर शिक्षकों ने शर्त रखी है कि अगर वह किन्हीं कारणों से विलंब से पहुंचे तो उन्हें छूट दी जाए।
शिक्षकों ने मांग की है कि विलंब होने पर उन्हें पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। अर्द्ध अवकाश या फिर तीन दिन विलंब होने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की छूट दी जाए। उपस्थिति व मिड-डे मील सहित 12 रजिस्टर डिजिटल किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बादव कहते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षक दूर-दराज के क्षेत्रों से विद्यालय आते हैं।
तमाम परिषदीय स्कूल भी ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां पहुंचने में समय लगता है। किन्हीं कारणों से वह लेट हो जाएं ती पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। उपस्थिति सुबह विद्यालय खुलते समय और बंद होते समय लगाने की व्यवस्था की गई है।
शिक्षक माह में 2 दिन लेट हो जाता है तो उस पर कार्रवाई न की जाए। 3 दिन लेट होता है तो एक सीएल लगाने का नियम हो। हर माह में 2 हाफ सीएल की व्यवस्था होनी चाहिए। ~ विनय कुमार सिंह प्रांतीय अध्यक्ष, PSPSA
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि अगर कोई शिक्षक पांच मिनट भी दे से पहुंचता है तो उसका एक दिन का वेतन कट जाएगा। टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसे व्यावहारिक बनाया जाए। अर्जित अवकाश की सुविधा भी शिक्षकों को दी जाए।
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