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Tuesday, July 16, 2024

ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ जिलों में हुआ तगड़ा प्रदर्शन, पहले मांगें पूरी हो तभी होगी कोई बात


ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ जिलों में हुआ तगड़ा प्रदर्शन

■ पहले मांगें पूरी हो तभी होगी कोई बात
■ अतिरिक्त प्रभारों से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी
■ शिक्षकों से कहा, विभागीय व्हाट्सऐप ग्रुप से हट जाएं


लखनऊ । ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ शिक्षकों का आन्दोलन दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने जिला मुख्यालयों पर शिक्षक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया। वहीं शिक्षकों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की उत्तर प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक से मुलाकात की और शिक्षकों की वाजिब मांगों को तत्काल करने की मांग दुहराई।



पूरा दूसरी तरफ लगातार चाथे दिन भी शिक्षकों ने संकुल प्रभारी समेत अपने अन्य अतिरिक्त प्रभारों से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी रखा। राजधानी लखनऊ में 14 संगठनों के संयुक्त मंच 'शिक्षक, शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा' ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर नारेबाजी और संगठन की मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्री ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। 

मोर्चे के प्रांतीय संयोजक योगेश त्यागी, सुनील पांडेय, अनिल यादव, विजय बंधु, सन्तोष तिवारी, दिलीप चौहान, सुलोचना मौर्या ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षक आनलाइन का विरोध नहीं कर रहे हैं। मीडिया में हमारी छवि कतई खराब न की जाए।


मांगें पूरी हो तभी होगी कोई बातः शिक्षक नेताओं ने कहा कि सबसे पहले हमारी मांगों को पूरा किया जाए।

29 जुलाई को लखनऊ में धरना-प्रदर्शन का ऐलान

संयुक्त मोर्चा के संयोजक मण्डल के सदस्यों ने ऐलान किया है कि विभाग ने अगर ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश वापस नहीं लिए तो आगामी 29 जुलाई को प्रदेश भर के शिक्षक, शिक्षा मित्र तथा अनुदेशक लखनऊ पहुंच कर स्कूल शिक्षा महानिदेशक कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

पदोन्नति बीरबल की खिचड़ी हो गई  है। समायोजन, अन्तर्जनपदीय/अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण हर वर्ष परछाई की तरह आती है और चली जाती है। हमारे विद्यालयों को कान्वेंट समझ कर कानून लागू किए जा रहे हैं।

सभी जिलों में प्रदर्शन का दावाः देर शाम को संयुक्त मोर्चा के कमोबेश सभी पदाधिकारियों ने बयान जारी कर दावा किया कि डिजिटल उपस्थिति के विरोध में जौनपुर, बरेली, औरैया, झांसी, फिरोजाबाद, गोण्डा, बलरामपुर, बाराबंकी, रामपुर, कन्नौज, चित्रकूट, कुशीनगर, पीलीभीत, फर्रुखाबाद, ललितपुर, हाथरस, प्रतापगढ़, इटावा सहित अन्य जिलों में भी प्रदर्शन किया


शिक्षक अड़े : मांगे मानी जाने तक नहीं लगाएंगे डिजिटल अटेंडेंस, संयुक्त मोर्चा की ओर से पूरे प्रदेश में मार्च निकालकर जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन

मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में ईएल, सीएल, हॉफडे और मेडिकल देने की मांग

कहा, 29 जुलाई को शिक्षक लखनऊ में महानिदेशक कार्यालय पर देंगे धरना


लखनऊ। प्रदेश भर में डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में आंदोलन कर रहे बेसिक के शिक्षकों ने सोमवार को एकजुटता दिखाई। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले स्कूल समय के बाद सभी जिलों में शिक्षक जुलूस के रूप में जिला मुख्यालय पहुंचे। शिक्षकों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। इसमें कहा गया है कि उनकी ईएल, सीएल, हॉफडे और मेडिकल जैसी मांगे मानी जाने तक डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार करते रहेंगे। वहीं, विभागीय असहयोग के तहत अलग-अलग जिलों में हजारों शिक्षकों ने शिक्षक संकुल के पद से सामूहिक इस्तीफा दिया।



शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर जौनपुर, बरेली, औरैया, झांसी, फिरोजाबाद, गोंडा, बलरामपुर, बाराबंकी, रामपुर, कन्नौज, चित्रकूट, कुशीनगर, पीलीभीत, फर्रुखाबाद, ललितपुर, हाथरस व प्रतापगढ़ आदि जिलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने पैदल मार्च निकालकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। इनका नेतृत्व प्राथमिक शिक्षक संघ, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, अटेवा, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघ व विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया।


संयुक्त मोर्चा के संयोजक व यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि आंदोलन की अगली कड़ी में अगले तीन दिन जिला स्तर पर शिक्षक जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देंगे। इसी बीच प्रदेश भर में शिक्षकों से विभागीय असहयोग की भी अपील की गई है। प्रतिनियुक्ति के पद एआरपी और शिक्षक संकुल के पद पर कार्य कर रहे अन्य शिक्षक भी जल्द त्यागपत्र सौंपेंगे। उन्होंने शिक्षकों से यह भी आह्वान किया है कि वे विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप से हट जाएं। किसी भी प्रकार की विभागीय सूचना अपने निजी फोन के माध्यम से न दें। 


शिक्षकों ने कहा कि उनकी छवि न खराब की जाए। वह अपनी मांग रखने के साथ ही नियमित पठन पाठन करा रहे हैं। शासन उनकी मांगों पर पहले विचार करे, फिर डिजिटाइजेशन की बात करे। आज यदि किसी शिक्षक को शादी करनी हो तो उसे मेडिकल लीव लेनी पड़ती है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील पांडेय, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष योगेश त्यागी, अटेवा के अध्यक्ष विजय बंधु, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षक अब अपनी मांगों के समर्थन में 29 जुलाई को लखनऊ में महानिदेशक कार्यालय पर धरना देंगे।

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