यूपी के लगभग हर जिले से बेसिक शिक्षकों के संकुल प्रभारी पद से इस्तीफे दिए जाने की लगी झड़ी
शिक्षण कार्य के बजाए पोस्टमैन की तरह काम लिए जाने का आरोप
शिक्षकों का आरोप, बिना सहमति चार साल से हो रहा नवीनीकरण
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के हर जिले से बेसिक शिक्षकों ने संकुल प्रभारी पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, और यह प्रक्रिया रोज का रोज जोर पकड़ रही है। शिक्षकों का आरोप है कि निपुण लक्ष्य और शिक्षण कार्य के बजाए उनसे पोस्टमैन की तरह काम लिया जा रहा है। इतना ही नहीं, एक साल के लिए नियुक्ति होने के बावजूद पिछले चार साल से उनका नवीनीकरण हो रहा है।
वर्ष 2018 से शिक्षण संकुल पद बने थे। शिक्षकों को एक वर्ष की अवधि के लिए संकुल पद पर तैनाती दी गई थी। उस समय एक न्याय पंचायत में एक शिक्षक को इस काम के लिए लगाया गया था। यह संख्या अब पांच हो चुकी है। इनके ऊपर एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप) और एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) के पद हैं।
तैनाती के समय हर साल नवीनीकरण की व्यवस्था थी। पिछले चार साल से बिना सहमति के इनका नवीनीकरण किया जा रहा है। इसके विरोध में संकुल प्रभारियों ने सामूहिक रूप से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
इसके बाद अधिकारियों ने शिक्षकों को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इन शिक्षकों को यूडायस का डाटा कलेक्शन, चिट्ठी पहुंचाने जैसे काम करने पड़ रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति के लिए विद्यालय बंद होने के दो घंटे बाद तक ऑनलाइन रहना पड़ता है।
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