शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने अगले आदेशों तक टाला डिजिटल हाजिरी का निर्णय, कमेटी का किया गठन
मुख्यमंत्री ने किया हस्तक्षेप, अधिकारियों को दिए निर्देश
शिक्षा विभाग ने आठ जुलाई को शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी का आदेश जारी किया था। उसके बाद से ही शिक्षक इस फैसले का विरोध कर रहे थे। वे स्कूल जा रहे थे और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे थे। स्कूल समय के बाद धरना-प्रदर्शन भी कर रहे थे। दूसरी तरफ कई विपक्षी दलों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायक व मंत्री भी इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ आ गए थे। उन्होंने भी सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दो बार इस मामले में हस्तक्षेप किया और बातचीत से हल निकालने के आदेश अधिकारियों को दिए थे।
छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अच्छी शिक्षा दिए बगैर प्रधानमंत्री के 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता। - योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
मुख्य सचिव ने की शिक्षक संगठनों से मुलाकात
यूपी में शिक्षकों के लगातार प्रदर्शन के बाद माहौल को शांत करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल हुई। पूरे मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने खुद संभाली। उन्होंने शिक्षक संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात की। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को आश्वासन दिया कि उनकी स्थिति को जानने के बाद ही डिजिटल अटेंडेंस के आदेश को प्रभावी बनाया जाएगा।
लखनऊ । राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए डिजिटल हाजिरी की अनिवार्यता को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है। साथ ही उनकी समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का निर्णय किया है। यह कमेटी शिक्षा के सभी आयामों पर विचार कर सुधार के लिए सुझाव देगी।
मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग एवं शिक्षक संगठनों की बैठक हुई जिसमें डिजिटल हाजिरी को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखने का निर्णय किया गया। बताया जाता है कि यह आदेश आगामी दो माह तक प्रभावी रह सकता है।
इस दौरान बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शिक्षा जगत में बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। छात्रों गुणवत्तापरक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए बगैर वर्ष 2047 में प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य को नहीं प्राप्त किया जा सकता। बैठक में शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया।
शिक्षकों की दिक्कतों पर विशेषज्ञ कमेटी देगी रिपोर्ट
लखनऊ । राज्य सरकार ने डिजिटल हाजिरी से जुड़ी शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का निर्णय किया है। यह कमेटी शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस कमेटी में शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक संघ के सदस्य व शिक्षाविद् आदि शामिल होंगे। समिति शिक्षा के सभी आयामों पर विचार कर सुधार के लिए अपने सुझाव देगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ शनमुगा सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा समेत उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रेस विज्ञप्ति 👇
पत्र सूचना शाखा (मुख्य सचिव मीडिया कैम्प)
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ०प्र०
डिजिटल अटेंडेंस को अग्रिम आदेशों तक रखा जायेगा स्थगित
🔵 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग एवं शिक्षक संगठनों के साथ बैठक आयोजित की गई
🔵 बैठक में शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिये एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने का लिया गया निर्णय
🔵 समिति शिक्षा के सभी आयामों पर विचार कर सुधार हेतु देगी अपने सुझाव
दिनांकः 16 जुलाई, 2024 लखनऊः मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग एवं शिक्षक संगठनों के साथ बैठक आयोजित की गई। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शिक्षा जगत में ट्रांसफार्मेशनल चेंज की जरूरत है। छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिये बगैर वर्ष 2047 में मा. प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के लक्ष्य को नहीं प्राप्त किया जा सकता।
बैठक में शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिये एक एक्सपर्ट कमेटी को गठित करने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस कमेटी में शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक संघ के सदस्य व शिक्षाविद् आदि शामिल होंगे। समिति शिक्षा के सभी आयामों पर विचार कर सुधार हेतु अपने सुझाव देगी। डिजिटल अटेंडेंस को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखा जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ० शंमुगा सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा सुश्री कंचन वर्मा, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
बेसिक शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी पर रोक, चौतरफा विरोध के बाद बैकफुट पर यूपी सरकार, अब कमेटी करेगी अन्तिम निर्णय
उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचरों की डिजिटल हाजिरी का सिस्टम लागू किए जाने के बाद से भारी विरोध शुरू हो गया था. शिक्षकों ने सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया था. इसके बाद सरकार अब बैकफुट पर आ गई है.
Jul 16, 2024
लखनऊ: सरकारी टीचरों के डिजिटल हाजिरी का विरोध करने के बाद अब सरकार बैकफुट पर आ गई है. शासन की ओर से उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस को होल्ड कर दिया गया है. यानी अब सरकारी टीचरों की डिजिटल हाजिरी पर रोक लग गई है. अब यह सिस्टम लागू नहीं होगा. बेसिक शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो इस पूरे प्रकरण का निस्तारण करेगी.
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