DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, July 21, 2024

मदरसा छात्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का आदेश गैरकानूनी, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य संगठनों ने जताई नाराजगी

मदरसा छात्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का आदेश गैरकानूनी, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य संगठनों ने जताई नाराजगी


कहा, फैसले के खिलाफ अपनाएंगे लोकतांत्रिक रास्ता


लखनऊ। मदरसों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने के आदेश को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, ऑल इंडिया जमीयत उलमा-ए-हिंद सहित अन्य मुस्लिम संगठनों ने गैर कानूनी और मदरसों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया है। संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा कि अल्पसंख्यक विरोधी इस आदेश को बदलवाने के लिए कानूनी और लोकतांत्रिक रास्ते अपनाए जाएंगे।


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. कासिम रसूल इलियास ने कहा कि यूपी, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में दीनी मदरसों की पहचान खत्म करने, उन्हें बंद करने की कोशिशों की बोर्ड निंदा करता है। संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार का आदेश नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के विपरीत है। 


उन्होंने कहा कि अरबी मदरसे करोड़ों बच्चों को खाने और रहने की सहूलियत के साथ उन्हें मुफ्त शिक्षा देते हैं और मुस्लिम समाज को शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। कहा, मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों ने भी देश की आजादी ही नहीं, विकास में भी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। मुख्य सचिव का आदेश एकतरफा है जिससे लाखों बच्चों का नुकसान होगा। सभी ने शासन से फैसला वापस लेने की मांग की है।


ये है मामला

प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से अधिकारियों को मदरसा बोर्ड से गैर मान्यता प्राप्त 8449 मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है। इन मदरसों में दारुल उलूम देवबंद, दारुल उलूम नदवतुल उलमा, मजाहिरुल-उलूम सहारनपुर, जामिया सलफिया, बनारस, जामिया अशरफिया, मुबारकपुर, मदरसतुल इसलाह, सरायमीर, जामिया अल-फलाह, बिलरियागंज जैसे सदियों पुराने और बड़े मदरसे भी शामिल हैं। 

संगठनों का कहना है कि इस आदेश के बाद जिला प्रशासन ने मदरसों में पढ़ रहे गैर मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया है अब मुस्लिम छात्रों पर भी दबाव बनाया जा रहा है। यह निजी अधिकारों का उल्लंघन है। मध्य प्रदेश सरकार तो मदरसों के बच्चों को सरस्वती वंदना पढ़ने पर भी मजबूर कर रही है। कहा, संविधान ने अल्पसंख्यकों को अपनी शिक्षण संस्थाएं कायम करने और उनको चलाने का मौलिक अधिकार दिया है।

No comments:
Write comments