बढ़ती गर्मी और उमस से परिषदीय स्कूलों से लगातार बच्चे बेहोश होने की आ रही खबरों के बीच शिक्षक संगठनों की समय परिवर्तन की मांग
विद्युत आपूर्ति की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में स्थिति और भी गंभीर
लखनऊ। प्रदेश में कई जगहों पर मंगलवार को उमस भरी गर्मी के कारण स्कूलों में 62 बच्चे चक्कर खाकर गिर गए। आनन फानन उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार होने पर सभी को घर भेज दिया गया। बच्चों ने घबराहट व पेट दर्द की शिकायत बताई। इनमें एटा के 33 रामपुर के सात संभल के चार प्रयागराज का एक, मथुरा के चार, सीतापुर व रायबरेली का एक-एक बच्चा व गोंडा में 12 छात्राएं व शिक्षिकाएं शामिल हैं। एटा के सकीट ब्लॉक क्षेत्र में गांव हरचंद्रपुर कलां स्थित केंद्रीय विद्यालय में सुबह प्रार्थना सभा के बाद धूप में कसरत कराने से 33 विद्यार्थी चक्कर खाकर गिर पड़े।
🔴 इन जिलों में घटनाएं
■ संभल के रजपुरा ब्लॉक के गांव केसरपुर में चार व जहानपुर के प्राथमिक विद्यालय में तीन बच्चे बीमार हो गए।
■ रामपुर के सैदनगर, स्वार, बिलासपुर और मिलक में सात से ज्यादा बच्चे बेहोश हो गए।
■ प्रयागराज में जीआईसी में दसवीं का छात्र सुजल सोनकर बेहोश हो गया था। अब तबीयत ठीक है।
■ मथुरा में नंदगांव के संकेत, विकासखंड चौमुंहा के भरना खुर्द, कोटवन व महुअल के परिषदीय विद्यालयों में बच्चे बेहोश हो गए।
■ गोंडा के परसपुर, पंडरीकृपाल और झंझरी ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों में 12 छात्राएं व शिक्षिकाएं गश खाकर कक्षा में गिर गईं।
■ रायबरेली के हरचंदपुर में एक छात्रा की गर्मी के चलते हालत खराब हो गई।
■ सीतापुर के महोली में भी एक छात्रा गर्मी के चलते स्कूल में बेहोश हो गई।
प्रतिदिन कई बच्चों के गर्मी के कारण बीमार होने की मिल रहीं खबरें
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में बीते कई दिनों से उमसभरी गर्मी के कारण हालात बेहद खराब हो चुके हैं। स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत आपूर्ति की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
गर्मी से बेहाल बच्चों की स्थिति ऐसी हो गई है कि विद्यालयों में कूलर और पंखों की अनुपलब्धता के कारण उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है। प्रतिदिन कई बच्चे गर्मी के कारण गश खाकर गिर रहे हैं और बेहोशी की हालत में पहुंच रहे हैं। विद्यालयों में आवश्यक सुविधाओं की कमी और प्रचंड गर्मी के कारण बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है।
शिक्षकों और शिक्षक संगठनों ने इस विकट स्थिति को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों के समय में परिवर्तन की मांग उठाई है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और इससे शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि स्कूल के समय को सुबह जल्दी किया जाए, ताकि बच्चे कम से कम गर्मी में पढ़ाई कर सकें।
अभिभावकों की भी चिंता बढ़ गई है और वे भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई हो। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के मद्देनजर यह जरूरी है कि प्रशासन जल्द ही ठोस कदम उठाए और परिषदीय विद्यालयों के समय में परिवर्तन करे। इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित नहीं होगी और उनकी सेहत भी सुरक्षित रहेगी।
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