पहले बाबुओं की संपत्ति की हो जांच, फिर करें शिक्षकों से मांगे संपत्ति का हिसाब
बेसिक शिक्षा विभाग ने 31 जुलाई तक अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों से मांगा ब्योरा
आगरा। परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी बेशक कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई हो। लेकिन शिक्षकों के लिए हर दिन नई परेशानी खड़ी हो रही है। शासन के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने मानव संपदा पोर्टल पर अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों से अपनी संपत्ति का ब्योरा 31 जुलाई तक देने को कहा है। शिक्षक संगठनों ने शुक्रवार को इस पर रोष व्यक्त किया।
ऑनलाइन हाजिरी से फिलहाल राहत मिल गई है, पर 11 अन्य रजिस्टर को डिजिटल करने से लेकर प्रार्थना सभा में देरी से आने वाले कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिलाध्यक्ष तिलक पाल चाहर ने बताया कि शिक्षकों की आज तक एक भी पैसे की हेराफेरी की शिकायत नहीं आई है। अक्सर अधिकारी और बाबू रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं। इसलिए पहले उनसे डिटेल ली जाए।
लखनऊ। राजकीय शिक्षक संघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर शिक्षकों से उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगने पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा है कि राजकीय शिक्षकों को एसीपी की सुविधा नहीं दी जाती है। जबकि राज्य कर्मचारियों को यह लाभ दिया जाता है। महानिदेशक यह स्पष्ट करें कि राजकीय शिक्षक राज्य कर्मचारी की श्रेणी में आते हैं या नहीं?
शिक्षा विभाग के प्रदेश स्तरीय, मंडल व जिला अधिकारियों व उनके कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने का कष्ट करें।
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