सरकारी टैबलेट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, अफसरों के फरमान पर बेसिक शिक्षकों में गुस्से का माहौल
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को विभाग की ओर से टैबलेट मुहैया कराए गए हैं ताकि उनके आने-जाने के समय पर राज्य स्तर तक निगरानी रखी जा सके। इस महीने से ऑनलाइन सेल्फी के साथ उपस्थिति प्रक्रिया लागू कर दी गई।
सूबे के ज्यादातर स्कूलों में हालांकि अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जिन स्कूलों में शुरू हुई है वहां से टैबलेट हैंग होने और ऑन न होने की बहुत शिकायतें सामने आ रही हैं। इसको लेकर शिक्षकों में रोष का माहौल है। उन्होंने विभाग पर परेशान करने का आरोप लगाया है।
शिक्षकों का कहना है कि विभाग की ओर से दिया गया टैबलेट बहुत ही घटिया गुणवत्ता का एवं 4 जी पर आधारित है। सेल्फी के लिए 2 मेगा पिक्सल का फ्रंट कैमरा, 3 जीबी रैम और 32 जीबी रोम दी गई है। इसमें जरूरी एप के अलावा ऑनलाइन कार्यों के लिए विभाग की ओर से 24 से भी अधिक एप डाउनलोड कराए गए हैं।
शिक्षकों का कहना है कि तकनीकी खामी के चलते उपस्थिति के लिए प्रेरणा पोर्टल ज्यादातर खुलता ही नहीं। यदि खुलता भी है तो फोटो अपलोड करना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों से इस समस्या के बारे में बताने पर वे शिक्षकों पर अपने मोबाइल से फोटो अपलोड करने का दबाव बना रहे हैं।
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