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Sunday, August 4, 2024

वर्षों से प्रमोशन का इंतजार, डेढ़ साल से मिल रही सिर्फ तारीख, अब तक वरिष्ठता सूची तैयार नहीं तैयार नहीं कर पाया बेसिक शिक्षा विभाग

वर्षों से प्रमोशन का इंतजार, डेढ़ साल से मिल रही सिर्फ तारीख, अब तक वरिष्ठता सूची तैयार नहीं तैयार नहीं कर पाया बेसिक शिक्षा विभाग

अब फिर बीएसए को आदेश कर मांगी अंतिम वरिष्ठता सूची


लखनऊ : प्रदेश के बेसिक शिक्षक वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। डेढ़ साल पहले प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन फिर तारीख पर तारीख मिल रही हैं। डेढ़ साल में विभाग अभी तक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी नहीं कर सका है। बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में एक बार फिर 27 जुलाई तक सभी बीएसए से वरिष्ठता सूची मांगी मांगी थी लेकिन अभी किसी जिले ने जारी नहीं की।


 बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन पहले जिला स्तर पर होते थे। कई जिले तो ऐसे हैं जहां 15-16 साल से प्रमोशन ही नहीं हुए हैं। लखनऊ में ही 2008 के बाद से प्रमोशन नहीं हुए। जिला स्तर पर 2016 तक प्रमोशन हुए। उसके बाद किसी जिले में प्रमोशन ही नहीं हुए। उसके बाद 2018 में प्रदेश भर में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन जूनियर टीईटी को लेकर पेंच फंस गया। 


प्राइमरी के सहायक अध्यापक का प्रमोशन प्राइमरी के हेड या फिर जूनियर के सहायक अध्यापक के पद पर होता है। इसी तरह प्राइमरी के हेड का प्रमोशन जूनियर के हेड पर होगा। प्राइमरी से जूनियर में जाने के लिए आरटीई के तहत अलग से जूनियर टीईटी जरूरी है। आरटीई लागू होने के बाद कुछ शिक्षकों ने तो टीईटी पूरी कर ली है। वहीं कुछ ने नहीं की है। इसी को लेकर मामला कोर्ट में पहुंच गया था। इससे प्रमोशन नहीं हो सके थे। 


कई बार भेजे रिमाइंडर

जिलों को कहा गया कि वे वरिष्ठता सूची तैयार करें। उसके बाद उन पर आपत्तियां मांगी जाएं और फिर अंतिम सूची जारी की जाए। इसके लिए तारीखें भी जारी की गईं। वे तारीखें निकल गईं। डेढ़ साल में कई बार बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलों को यह प्रक्रिया पूरी करने का रिमाइंडर दिया। फिर भी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। अब एक बार फिर सभी बीएसए को पत्र जारी किया गया है।

इस मामले पर कुछ शिक्षक कोर्ट गए हैं। कोर्ट के निर्देश पर ही वरिष्ठता सूची मांगी गई थी। कोर्ट जो भी आदेश देगा। उसे ध्यान में रखते हुए जल्द प्रमोशन की कार्यवाही की जाएगी। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव-बेसिक शिक्षा परिषद


आखिर कहां फंस रहा पेच?
खुद परिषद ने यह साफ नहीं किया है कि प्रमोशन के लिए जूनियर टीईटी जरूरी है या नहीं? इसको लेकर बीएसए भी भ्रमित हैं। पिछले साल जब प्रक्रिया शुरू की गई थी तो बीएसए ने अलग- अलग मानकों पर सूची तैयार करनी शुरू कर दी थीं। यह स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं की गई। जब प्रमोशन प्रक्रिया शुरू की गई तो उसी के साथ अंतरजनपदीय म्यूचुअल तबादले की प्रक्रिया भी साथ में शुरू की गई थी। ये तबादले हो चुके हैं। इस तरह शिक्षकों की वरिष्ठता फिर बदल गई। ऐसे में अंतिम सूची जारी करने से पहले एक अनंतिम सूची जारी करनी होगी और उस पर आपत्तियां मांगनी होंगी।



बेसिक शिक्षा विभाग ने 19 माह में 15 पत्र किए जारी, फिर भी नहीं हो पाया 35 हजार बेसिक शिक्षकों का प्रमोशन

🔵 करीब डेढ़ साल में सचिव स्तर से जिलों को जारी हो चुके 15 पत्र 
🔵 बिना प्रधानाध्यापक के चल रहे प्रदेश के 34054 बेसिक स्कूल


बेसिक शिक्षा विभाग साग में तैनात शिक्षकों के प्रमोशन के लिए बीते 19 महीने में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव जिला स्तर के लिए 15 पत्र जारी कर चुके हैं। इसके बाद भी प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। शिक्षक संघों का दावा है कि पूरे प्रदेश में करीब 35 हजार शिक्षकों का प्रमोशन लंबित है। प्रमोशन नहीं होने के कारण 34,054 स्कूलों में हेडमास्टर ही तैनात नहीं हैं।



नियम कानूनों में बार बार बदलाव के चलते बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के कई मामले हाईकोर्ट तक पहुंच गए। बीते वर्ष हाईकोर्ट ने नियम-कानूनों में बार-बार लगभग सभी रिटों का निस्तारण कर दिया। इसके बाद तेजी से प्रमोशन हो जाने चाहिए थे।

सचिव स्तर से जिला स्तर के लिए चिट्ठी-पत्री भी शुरू हो गई। इसे लेकर पत्र आते रहे और उन पर कार्रवाई होती रही। सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 24 जुलाई अब एक और पत्र जारी किया है। इस पत्र के जरिए प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापक पदों की वरिष्ठता सूची मांगी गई है। 



दर्जन बार आदेश, फिर भी बेसिक शिक्षकों की पदोन्नति शेष
प्रमोशन प्रक्रिया के लिए फिर शुरू हुई प्रक्रिया पर उठे प्रश्न

वर्ष 2008 शिक्षकों के बाद से नहीं मिली को पदोन्नति


प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाएं 15 वर्ष से पदोन्नति मिलने के इंतजार में हैं, लेकिन उनकी यह प्रतीक्षा खत्म नहीं हो रही है। अब 24 जुलाई को एक बार फिर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर शिक्षक/शिक्षिकाओं की अंतिम वरिष्ठता सूची मांगी है, लेकिन शिक्षक कह रहे हैं कि पदोन्नति मिल जाए, तब तो प्रयास के अर्थ हैं, वर्ना पत्रों के ढेर से लाभ नहीं मिलने वाला है।

अगर पदोन्नति देने के लिए वर्ष 2023 से किए जा रहे प्रयास को ही देखें तो अब तक दर्जन भर से ज्यादा बार आदेश दिए गए, लेकिन पदोन्नति मिलने का शिक्षकों का इंतजार खत्म नहीं हुआ। वर्ष 2008 के बाद से बेसिक शिक्षक-शिक्षिकाओं को पदोन्नति नहीं दी गई, जबकि कई बार मांग की गई। इधर, पदोन्नति की मांग को लेकर शिक्षकों के मुखर होने पर प्रक्रिया शुरू तो की गई, लेकिन पूरी नहीं हुई। वर्ष 2023 में 31 जनवरी को पदोन्नति दिए जाने के लिए वरिष्ठता सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए, लेकिन बात पदोन्नति पूरी होने तक नहीं पहुंची। इस संबंध में 19 फरवरी 2023 को फिर पत्र जारी किया गया। इस तरह अलग-अलग तिथियों में पत्र जारी करने का सिलसिला अब तक तक चल रहा है। 


अभी 24 जुलाई को जारी पत्र में परिषद सचिव ने पिछले पत्रों की जानकारी देते हुए सभी बीएसए से कहा है कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के पत्र का संज्ञान लें। यह भी बताया है कि 24 अप्रैल 2023 के पत्र के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर आपत्ति मांगकर अंतिम रूप से प्रकाशित कराते हुए पदोन्नति की कार्यवाही नियमानुसार पूर्ण करने के आदेश दिए गए थे। 


जिलों ने निर्देश के क्रम में कार्यवाही निश्चित रूप से पूर्ण कर ली होगी। ऐसे में जिलों में तैयार अंतिम वरिष्ठता सूची विशेष वाहक के माध्यम से 27 जुलाई तक परिषद कार्यालय में उपलब्ध कराने का समय दिया गया। मामले पर उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि प्रदेश भर के शिक्षक 2008 के बाद से पदोन्नति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस बार प्रक्रिया पूर्ण कराते हुए पदोन्नति दी जानी चाहिए, जिससे शिक्षकों को लाभ मिल सके।

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