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Thursday, July 11, 2024

विशेष परिस्थिति में पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले भी ले सकते हैं स्टडी लीवः हाईकोर्ट

विशेष परिस्थिति में पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले भी ले सकते हैं स्टडी लीवः हाईकोर्ट


उच्च शिक्षा निदेशक का आदेश आदेश रद्द, कोर्ट ने कहा-एक माह के अंदर लें उचित फैसला

प्रयागराज। विशेष परिस्थिति में पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले भी - अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) लिया जा सकता है। हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने याची को इस आधार पर अध्ययन अवकाश देने से इन्कार कर दिया था कि उसकी सेवा पांच साल पूरी नहीं हुई है।


कोर्ट ने एक माह में कानून के अनुसार उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने प्रिया मिश्रा की याचिका पर यह आदेश दिया। याची प्रिया ने सहायक प्रोफेसर (समाजशास्त्र) के पद पर राजकीय बालिका स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबारी, आजमगढ़ में 29 जून 2021 कार्यभार ग्रहण किया था।


याची का स्थानांतरण 31 जून  2022 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय बालिका डिग्री महाविद्यालय, सेवापुरी, वाराणसी में कर दिया गया। याची उक्त महाविद्यालय में कार्यरत हैं। इस दौरान याची ने नौ जून 2023 को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। कहा कि सरकारी सेवा में नियुक्ति से पहले उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पीएचडी कर रही थीं।


उन्होंने नियमित शोध छात्रा के रूप में अपना पाठ्यक्रम और दो साल का कार्य पूरा कर लिया है। अपनी सेवाओं में शामिल होने से पहले याची ने शोध कार्य से दो साल की अवधि के लिए अस्थायी रूप से वापसी ली थी। यह अवधि 28 जून 2023 को समाप्त हो गई। याची ने 29 जून 2023 से 28 जून 2024 तक एक वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन अवकाश देने को आवेदन किया था। 


निदेशक, उच्च शिक्षा, यूपी, प्रयागराज ने चार अप्रैल 2023 के आदेश से आवेदन खारिज कर दिया। कहा गया कि वित्तीय पुस्तिका खंड दो के नियम 146 (ए) के प्रावधानों के अनुसार, अध्ययन अवकाश केवल उस सरकारी कर्मचारी को दिया जा सकता है, जिसकी सेवा कम से कम पांच साल पूरी हो चुकी हो। याची की सेवा पांच साल पूरी नहीं हुई। 


इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याची अधिवक्ता ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश फंडामेंटल रूल्स के नियम 84 के तहत राज्यपाल की ओर से यह प्रावधान है कि 'पांच वर्ष से कम सेवा वाले सरकारी कर्मचारियों को सामान्यतः अध्ययन अवकाश प्रदान नहीं किया जाना चाहिए।' दलील दी कि 'सामान्यतः' शब्द का प्रयोग यह दर्शाता है कि विशेष परिस्थितियों में पांच वर्ष की सेवा पूरी करने की आवश्यकता में छूट दी जा सकती है।

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