मदरसों के बच्चों का दाखिला परिषदीय स्कूलों में कराने का दबाव बनाने का आरोप, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को जारी किए गए नोटिस पर जताई आपत्ति
बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आदेश वापस लेने की मांग की
लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्ददी की अगुवाई में बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को सीएम योगी से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव की ओर से प्रदेश के 8449 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संबंध में जारी किए गए आदेश पर आपत्ति दर्ज कराई।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को बताया कि शासन के आदेश के आधार पर जिला प्रशासन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को बेसिक शिक्षा के लिए स्कूलों में दाखिल कराने का दबाव बना रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मदरसों के संबंध में जारी आदेश को वापस लेने की मांग की।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. कासिम रसूल इलियास ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मदरसा बोर्ड से संबद्ध न होने की वजह से इन मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त बताया जा रहा है, जबकि ये मदरसे सालों से ट्रस्ट या सोसायटी के तहत स्थापित हैं। इनमें धार्मिक के साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मुख्य सचिव का आदेश संविधान के प्रावधानों के भी विपरीत है।
बोर्ड ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बीती 7 जून को मुख्य सचिव को जारी पत्र पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारिणी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास, एडवोकेट सऊद रईस के अलावा जीशान खान शामिल रहे।
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