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Friday, July 19, 2024

इस जिले में बीएसए का आदेश, जूते-चप्पल उतारकर कक्षा में प्रवेश करें

इस जिले में बीएसए का आदेश, जूते-चप्पल उतारकर कक्षा में प्रवेश करें

शिक्षकों के जींस और टी-शर्ट पहनकर जाने पर भी लगाई रोक

शिक्षण कार्य के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे


संभल : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बच्चों और शिक्षकों के कक्षा में जूते-चप्पल पहनकर जाने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है। कक्षाओं के बाहर जूते- चप्पल रखने की व्यवस्था की जाए। साथ ही शिक्षक स्कूल में जींस और टी शर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे और पढ़ाने के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल पर भी रोक रहेगी। बच्चे शिक्षकों से जय हिंद और नमस्ते बोलेंगे।

बीएसए ने डीएम के आदेश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया है कि वह अपने क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों और कार्यालयों में शिक्षकों को स्पष्ट कर दें कि अपरिहार्य परिस्थिति व विभागीय उच्चाधिकारियों के ही फोन रिसीव करेंगे। विद्यालय में बच्चों की कापियां जांचने के लिए केवल लाल स्याही वाली कलम का ही इस्तेमाल किया जाएगा। 

बच्चे शिक्षकों को गुरुजी और महिला शिक्षकों को दीदी अथवा बहनजी कहकर संबोधित करेंगे। विद्यालय के निरीक्षण के समय कोई भी अधिकारी प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। विद्यालय व कार्यालय पूर्ण रूप से तंबाकू उत्पाद एवं प्लास्टिक रहित रहेंगे। किसी भी दशा में प्लास्टिक की पानी की बोतल एवं बर्तन का प्रयोग न किया जाए। निरीक्षण के समय ऐसा पाए जाने पर संबंधित को अर्थदंड से दंडित किया जाएगा और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जाएगी। विद्यालयों/ कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी, सहायकों, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों भारतीय गणवेश परिधान ही पहने जाएं।



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बीएसए अलका शर्मा ने कहा कि पुरातन संस्कृति को धरातल पर उतारने के लिए यह कवायद शुरू की जा रही है। इस कदम से बच्चों के भीतर शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।


संभलः उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल शुरू की है। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में अब पुरातन संस्कृति को अपनाया जाएगा। अब विद्यालय में महिला शिक्षकों को "मैडम" की जगह "दीदी अथवा बहन जी" कहकर बुलाया जाएगा जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए "गुरुजी" शब्द का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षकों को "नमस्ते" या "जय हिंद" कहेंगे। डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने नई पहल को शुरू करते हुए परिषदीय विद्यालयों को आदेश जारी कर दिया है।


स्कूलों में दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक

संभल जिले की बीएसए अलका शर्मा ने बताया कि भारतीय संस्कृति की झलक परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों तक पहुंचे इसके लिए डीएम के निर्देश पर जिले भर के सभी परिषदीय विद्यालयों को एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत परिषदीय विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं को अब दीदी अथवा बहन जी कहकर संबोधित किया जाएगा जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए गुरुजी शब्द का इस्तेमाल होगा। 


अधिकारी भी टीचर को बहन जी और गुरुजी कहेंगे

उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों के अलावा स्कूल का निरीक्षण करने आने वाले अधिकारी भी शिक्षकों को दीदी, बहन जी और गुरु जी कहकर संबोधित करेंगे। इसके अलावा विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक पान ,सिगरेट, तंबाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करेगा। अगर कोई भी शिक्षक इनका इस्तेमाल करते पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं विद्यालय में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित रहेगा। अगर कोई भी इनका इस्तेमाल करता है तो उस पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी।



नमस्ते की जगह जय हिंद कहेंगे छात्र

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बताया कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अपने शिक्षकों को नमस्ते या फिर जय हिंद कहेंगे। उन्होंने बताया कि जय हिंद कहने से बच्चों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी। इससे बच्चे देश के लिए कुछ सोच पाएंगे इसके अलावा विद्यालय में आने वाले पुरुष और महिला शिक्षक जींस शर्ट आदि पहन कर नहीं आएंगे। बल्कि भारतीय परिधान पहनकर ही स्कूल में आएंगे। उन्होंने बताया कि विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है इसलिए जैसा आचरण हम मंदिर में करते हैं ऐसा ही आचरण विद्यालय में भी अपनाएं। 


क्लास में जाने से पहले निकलना होगा जूते और चप्पल

बीएसए ने बताया कि विद्यालय के कक्ष में शिक्षक और बच्चे जूते पहन कर नहीं जाएं बल्कि जूते या चप्पल कक्ष से बाहर निकाल कर ही भीतर जाएं। बीएसए ने बताया कि कोई भी अधिकारी किसी भी विद्यालय का निरीक्षण करने जाता है तो वह प्रधानाचार्य की कुर्सी पर नहीं बैठेगा बल्कि शिक्षकों से शिष्टाचार के साथ वार्ता करेगा।


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