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Saturday, September 7, 2024

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

07 सितम्बर 2024
प्रयागराज । संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश में संचालित संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से शुक्रवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, डीआईओएस और निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं को छात्रवृत्ति के आवेदन की समय सारिणी भेजी गई है।

समय सारिणी के अनुसार छात्र-छात्राएं 25 सितंबर तक अपनी संस्था के प्रधानाचार्य को ऑफलाइन आवेदन देंगे। प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य 26 से 28 सितंबर के बीच आवेदन पत्रों की जांच करते हुए डीआईओएस को भेजेंगे। डीआईओएस के स्तर से 29 सितंबर से पांच अक्तूबर तक आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी। उसके बाद जनपद स्तरीय समिति से आवेदन पत्रों की स्वीकृति तथा संबंधित डीआईओएस की ओर से लाभार्थी के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि ट्रांसफर करने की अंतिम तिथि 12 अक्तूबर है।



अब संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति

03 सितम्बर 2024
प्रयागराज। संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को अब छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके लिए संशोधित छात्रवृत्ति योजना बनाई गई है। समाज कल्याण विभाग से यह छात्रवृत्ति दी जाएगी इसका आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर अलग से एक विंडो बनाई जाएगी।

आवेदन के लिए जल्द ही तिथि घोषित कर दी जाएगी। इससे पहले संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती थी, वह भी काफी कम थी। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 50 हजार रुपये वार्षिक होनी चाहिए थी।

अब संशोधित छात्रवृत्ति में आय सीमा खत्म कर दी गई है। प्रदेश सरकार का मानना है इसमें पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राएं अत्यंत निर्धन पारिवारिक पृष्ठभूमि के होते हैं। 



छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत विद्यार्थी अगले वर्ष से ऑनलाइन भरेंगे फार्म, इस बार ऑफलाइन मिलेगा वजीफा

छात्रवृत्ति बढ़ोतरी का आदेश जारी किया गया, दो किस्तों में भुगतान

 लखनऊ : संस्कृत स्कूलों व महाविद्यालयों के विद्यार्थी अगले वर्ष से छात्रवृत्ति के लिए आनलाइन आवेदन करेंगे। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) को इसके लिए 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई है। समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए प्रयोग किए जाने को एनआइसी की मदद से ही विद्यार्थियों का आनलाइन डाटा अपलोड किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने छात्रवृत्ति बढ़ाए जाने पर अपनी मुहर लगाई थी।

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार के मुताबिक नियमावली तैयार करने और आनलाइन आवेदन की व्यवस्था किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आफलाइन ही आवेदन करेंगे।

ऐसे विद्यार्थी जिन्हें परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और उनकी कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति हो वह ही इसके लिए पात्र होंगे। छात्रवृत्ति का भुगतान दो किस्तों में दशहरा व होली से पहले किया जाएगा। प्रश्थमा के छात्रों के लिए कक्षावार अलग- अलग वार्षिक छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। कक्षा छह व कक्षा सात के छात्रों को वार्षिक 600 रुपये, कक्षा आठ के छात्रों को वार्षिक 900 रुपये, पूर्व मध्यमा यानी कक्षा नौ व कक्षा 10 के छात्रों को 1,200 रुपये वार्षिक, उत्तर मध्यमा यानी कक्षा 11 व कक्षा 12 के छात्रों को साल भर में 1,800 रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी। शास्त्री यानी स्नातक में 2,400 रुपये और आचार्य यानी परास्नातक कक्षा के छात्रों को 3,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।



इस बार ऑफलाइन मिलेगा संस्कृत के छात्रों को वजीफा, संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शासनादेश जारी 

लखनऊ । संस्कृत छात्रों को संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। इसके अनुसार वर्ष 2024-25 में इसका भुगतान आफलाइन ही किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) से इसके लिए समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। छात्रवृत्ति के लिए नई नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित छात्रवृत्ति योजना की पारदर्शी आनलाइन प्रक्रिया को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना में लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल में अलग से विंडो बनाया जाए। इसके लिए एनआईसी को अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था के लिए वेतन के मद में प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये की अतिरिक्त बजट व्यवस्था कराई जाए। छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया के लिए एक समय सारिणी भी निर्धारित की जाए, जिसमें आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति खाते में ट्रांसफर करने तक की अंतिम तिथि निर्धारित की जाए



संस्कृत संस्थानों के 1.5 लाख छात्रों को मिलेगा नई छात्रवृत्ति योजना का लाभ, योगी सरकार ने 24 साल बाद संस्कृत छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई  6वीं से 12वीं तक के छात्रों की छात्रवृत्ति में तीन गुना वृद्धि

योगी सरकार ने ली संस्कृत के विद्यार्थियों की सुध, 24 साल बाद बढ़ाई गई छात्रवृत्ति 

11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों की मिली है स्वीकृति


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कैबिनेट के तहत राज्य के संस्कृत संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के फैसले का लाभ करीब 1.5 से ज्यादा छात्रों को मिलेगा। 24 साल बाद संस्कृत संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति में की गई वृद्धि से योगी सरकार ने न सिर्फ 2001 से चली आ रही व्यवस्था में बड़ा सुधार किया है बल्कि युवाओं को संस्कृति से जोड़ने की दिशा में भी अनूठी पहल की है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संस्कृत के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में तीन गुना तक इजाफा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। महत्वपूर्ण ये है कि पहली बार कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को भी छात्रवृत्ति से जोड़ा गया है। इसमें वार्षिक आय की शर्त को भी हटा लिया गया है, जिससे अब किसी भी आय वर्ग के विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने के लिए पात्र होंगे।


आचार्य के लिए मिलेगी 250 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति

वर्ष 2001 में संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की जो व्यवस्था थी, उसके अनुसार पूर्व मध्यमा (कक्षा 9-10) के छात्रों को 50 रुपये प्रतिमाह, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11-12) के छात्रों के लिए 80 रुपये प्रतिमाह, शास्त्री के लिए 80 और आचार्य के लिए 120 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते थे। योगी सरकार ने 24 साल बाद इस छात्रवृत्ति में संशोधन करते हुए इसमें तीन गुना तक वृद्धि की है।

सरकार का मानना है कि संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं निर्धन परिवारों से होते हैं, इसलिए अब नई व्यवस्था के तहत प्रथमा (कक्षा 6,7 और 8) के छात्रों को भी पहली बार छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। पहले की व्यवस्था में इन कक्षाओं के छात्रों को किसी भी तरह की छात्रवृत्ति की सुविधा नहीं थी। नई व्यवस्था में प्रथमा के कक्षा 6 एवं 7 के छात्रों के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। 

इसके साथ ही, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।


संस्कृत को उचित स्थान दिलाने के लिए निरंतर हो रहे प्रयास

योगी सरकार का विजन है कि संस्कृत को उचित स्थान मिलना चाहिए। सरकार लगातार संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान के लिए प्रयास कर रही है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार की योजना लागू की जा चुकी है। उप्र संस्कृत संस्थान की तरफ से निशुल्क कोचिंग भी दिलाई जा रही है।

 संस्कृत के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2019 से अब तक दो आईएएस, दो एसडीएम, एक डिप्टी एसपी, 3 नायब तहसीलदार सहित कुल 49 अभ्यर्थियों का विभिन्न सेवाओं में चयन हो चुका है। यही नहीं 11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों को मंजूरी मिली है।


संस्कृत भाषा का अध्ययन करने वाले निर्धन छात्रों के उत्साह के लिए छात्रवृत्ति को बढ़ा के उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रशंसनीय कार्य का श्रीकाशीविद्वत्परिषद् परिवार स्वागत करता है।-प्रो. रामनारायण द्विवेदी महामंत्री, श्रीकाशीविद्वत परिषद् वाराणसी

उत्तर प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को प्रोत्साहन हेतु छात्रवृत्ति की घोषणा से संस्कृत विद्यालयों में छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों से संभव हो पाया है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत बधाई व धन्यवाद । –विनोद कुमार मिश्रा, महामंत्री, माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति

इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तर प्रदेश लगातार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। यह निर्णय भी बहुत ही सराहनीय है। इससे संस्कृत के छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी और वे भी संस्कृत को आधुनिक युग की भाषा बनाने के लिये प्रेरित होंगे। –आचार्य सर्वेश शुक्ला, संस्थापक, श्री स्वामी आत्मानन्द संस्कृत शिक्षण संस्थाऩ, नैमिषारण्य, सीतापुर



संस्कृत स्कूल व कॉलेजों में 24 साल बाद बढ़ी छात्रवृत्ति, संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिपरिषद का अहम फैसला

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि करने का फैसला लिया गया। यह बढ़ोत्तरी 24 साल बाद की गई है। कैबिनेट ने वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 13 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।



कक्षा छह व सात के छात्रों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति 

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उनके विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रथमा (कक्षा 6 एवं 7) के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और मध्यमा (कक्षा 8) के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 , उत्तर मध्यमा के लिए 150 रुपये, शास्त्रत्त्ी के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।


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