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Monday, August 19, 2024

69000 शिक्षक भर्ती : आरक्षण के लाभ के साथ जारी होगी नई सूची, सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी यूपी सरकार

69000 शिक्षक भर्ती : आरक्षण के लाभ के साथ जारी होगी नई सूची, सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी सरकार


मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- किसी के साथ न होने देंगे अन्याय



लखनऊ। प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी। साथ ही किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय भी नहीं होने दिया जाएगा।


यह भी तय किया है कि कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तैयार की जाने वाली नई सूची में आरक्षण के पात्र सभी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलना सुनिश्चित हो और अन्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर रविवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाकर पूरे प्रकरण को समझने के बाद हाईकोर्ट के फैसले का पारदर्शिता से पालन करने का निर्देश दिया।


बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षण और इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में ही शिक्षक भर्ती की कार्यवाही को पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान में दी गई आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के सभी पात्र अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए। साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय भी नहीं होना चाहिए।


बता दें कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काफी समय से चल रहे 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में पुरानी सभी सूचियां रद्द करते हुए नए सिरे से सूची जारी करने का आदेश दिया है। इसके बाद से बेसिक शिक्षा विभाग और शासन स्तर पर मंथन के बाद रविवार को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की।


प्रभावित होने वालों के लिए भी प्रस्ताव तैयार करेगा विभाग

बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में यह भी चर्चा हुई की इस पर महाधिवक्ता से भी राय ली जाए। बेसिक शिक्षा विभाग आगे की कार्यवाही करेगा। वहीं विभाग नई सूची तैयार करेगा। साथ ही इससे जो लोग प्रभावित होंगे, उनके लिए क्या किया जाएगा, विभाग इसका भी प्रस्ताव तैयार करेगा।


युवाओं के भविष्य से नहीं होगा खिलवाड़ : संदीप

लखनऊ। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान है। कोर्ट के आदेश में हमें तीन माह का समय दिया है। न्यायालय के आदेश के क्रम में नए सिरे से सूची तैयार होगी। प्रदेश सरकार सबको साथ लेकर चलने का कार्य कर रही है। हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी व्यक्ति या युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। सबका भविष्य सुरक्षित रखेंगे। आज हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। 



69000 शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट के आदेश के बाद फैसला,  शिक्षक भर्ती की नई सूची बनेगीः योगी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में नई मेरिट लिस्ट बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग को सर्वोच्च न्यायालय के अवलोकन एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने हाल ही में 69000 शिक्षक भर्ती की चयन सूची निरस्त करते हुए तीन माह के अंदर नई मेरिट ने ये निर्देश भी दिए हैं कि किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने रविवार को इस मामले में अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस अहम बैठक पर अभ्यर्थियों के अलावा सभी दलों की नजरें लगी हुई थीं। इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा- 2019 की एक जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए थे।


कोर्ट जा सकते हैं अनारक्षित अभ्यर्थीः बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापक के 69 हजार पदों पर भर्ती के मामले में प्रदेश सरकार ने भले ही हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का फैसला ले लिया है, लेकिन अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। वे फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के विकल्प पर विधिक राय ले रहे हैं। अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार नई मेरिट लिस्ट बनाए जाने पर छह से सात हजार सहायक अध्यापकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। 


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