69000 शिक्षक भर्ती : देर रात धरना स्थल से उठाए गए और सुबह फिर पहुंचे अभ्यर्थी
लखनऊ। निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर मंगलवार से 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना जारी है। अभ्यर्थी अपनी मांगों के समर्थन में देर रात तक धरने पर बैठे रहे। बारिश व अन्य समस्याओं को देखते हुए पुलिस ने सख्ती की। बस से सभी को बादशाह नगर स्टेशन पहुंचाया, जहां अभ्यर्थी रात भर रहे। वहीं सुबह फिर से अभ्यर्थी धरना स्थल पर पहुंच गए।
अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें शांतिपूर्ण धरना करने दिया जाए। हालांकि देर शाम अभ्यर्थियों ने शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने शासन के निर्देशानुसार समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। प्रदर्शन में शामिल फतेहपुर निवासी सारिका चौरसिया की अचानक तबीतय खराब हो गई। सहयोगियों की मदद से उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के बाद अन्य महिला अभ्यर्थियों के साथ सारिका को केडी धर्मशाला भेज दिया गया।
अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रशासन स्तर पर यहां किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। बारिश की वजह से कई अन्य अभ्यर्थियों की तबीयत खराब हो रही है।
69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी, राहत की मांग
लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी प्रदर्शन जारी रखा। बारिश के बावजूद अभ्यर्थी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिसर में धरने पर बैठे रहे। वे नई मेरिट सूची व भर्ती के लिए काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात रहा। एससीईआरटी कार्यालय व स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के गेट बंद कर दिए गए। सिर्फ अधिकारियों व कर्मचारियों को ही प्रवेश दिया गया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को अभी तक अधिकारी कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए हैं कि कब नई मेरिट सूची जारी होगी।
प्रदर्शनकारी अमरेन्द्र पटेल व विजय यादव का कहना है कि जब तक उनके हाथ में नई मेरिट सूची व काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करने का आदेश नहीं आ जाता, वे आंदोलन जारी रखेंगे। आखिर हाईकोर्ट के आदेश को लागू कराने में देर क्यों की जा रही है? जब सरकार की मंशा साफ है कि वह आरक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह लागू करेगी तो फिर देर क्यों हो रही है?
मंगलवार व बुधवार की आधी रात को प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को पुलिस ने धरने से उठाकर उन्हें राजधानी में दूर-दराज विभिन्न क्षेत्रों में जाकर छोड़ दिया था। ऐसे में बुधवार को अभ्यर्थियों ने रणनीति के तहत शाम साढ़े छह बजे तक ही प्रदर्शन किया और वे खुद उठकर अलग-अलग स्थानों पर चले गए।
अब वह गुरुवार को फिर यहां एकजुट होंगे और प्रदर्शन करेंगे। उधर नई मेरिट सूची बनने के बाद परिषदीय स्कूलों में जिन अनारक्षित श्रेणी के कार्यरत शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, वे भी गुरुवार से एससीईआरटी परिसर में आंदोलन शुरू करेंगे। शिक्षक सर्वेश प्रताप सिंह ने बताया कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग रखेंगे। सरकार ने उन्हें रोजी-रोटी दी है और वे चार वर्षों से सेवा कर रहे हैं। ऐसे में अब सरकार उनकी नौकरी बचाए।
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले को लेकर मंगलवार को अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदेशभर के युवा एकत्र हुए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभ्यर्थियों ने शासन से नियुक्ति प्रक्रिया का शेड्यूल जारी करने की मांग की है।
धरने में शामिल अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने बताया कि शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार जल्द इस प्रकरण का समाधान करे और एक शेड्यूल जारी करके बताए कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है।
कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची को रद्द करने का आदेश दिया है। सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने को कहा है। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है। हमारी मांग है कि सरकार चयन संबंधित प्रकिया का शेड्यूल जल्द से जल्द जारी करे।
शिक्षक भर्ती पर अदालत का फैसला लागू करे सरकार
■69000 शिक्षक भर्ती के समर्थन में 500 से अभ्यर्थियों का धरना शुरू
■ हाईकोर्ट के आदेश पर जल्द शेड्यूल जारी कर नियुक्ति करने की मांग
लखनऊ । 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने एक बार फिर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने मांग करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने धरने पर बैठ गए।
मंगलवार सुबह 10 बजे से अभ्यर्थियों ने पहुंचना शुरू कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, सरकार उसे जल्द लागू कर आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देकर नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें।
धरना प्रदर्शन में अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग से अन्याय कर नौकरी देने से वंचित कर दिया गया।
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