78 कालेज यूपी बीएड प्रवेश की पहली काउंसिलिंग से बाहर, जानिए क्यों?
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के संयोजन में बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रथम काउंसिलिंग चल रही है, लेकिन डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और संबद्ध कालेजों के अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है। अविवि के लगभग 78 कालेज प्रथम चरण की काउंसिलिंग से बाहर हो गए।
अभ्यर्थी इन कालेजों का नाम लाक करने के लिए पोर्टल पर खोजते रहे, लेकिन इन कालेजों का नाम पोर्टल पर नहीं दिखा। इससे अभ्यर्थियों को मायूसी ही हाथ लगी। इन कालेजों में लगभग पांच हजार सीटें हैं। दरअसल डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन कालेजों के नाम व उनकी सीटों का ब्योरा ही बीएड प्रवेश प्रक्रिया संचालित करने वाले बुंदेलखंड विवि को समय से नहीं भेजा। इसी वजह से इनका नाम व सीटों का ब्योरा संबंधित पोर्टल पर शो नहीं हो रहे हैं। इसमें सुलतानपुर, अंबेडकरनगर व अयोध्या के कालेज शामिल हैं।
अविवि से लगभग ढाई सौ बीएड कालेज संबद्ध हैं। सभी कालेजों की सीटों का ब्योरा प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही झांसी विवि को भेजा जाना था, लेकिन विवि प्रशासन इन कालेजों में मानक के अनुरूप शिक्षकों की पड़ताल करने में जुट गया। कम शिक्षक वाले कालेजों का नाम न भेजने का निर्णय हुआ। मुख्य नियंता ने कहा कि वह अधिकृत बयान नहीं दे सकते। मीडिया प्रभारी डा. विजयेंदु चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है।
अंतिम मौके पर भेज दिया कालेजों का ब्योरा
विवि प्रशासन ने कम अनुमोदित शिक्षकों का बहाना लेकर कालेजों के नाम पहले नहीं भेजे और बाद में इन्हें भेज भी दिया। इस अवधि में क्या शिक्षक अनुमोदित हो गये, अब यह सवाल चर्चा में है। ये पत्रावलियां संबद्धता विभाग से कुलसचिव कार्यालय होते हुए निस्तारण के लिए कुलपति कार्यालय जाती हैं। पर कुलपति से पहले अघोषित सुपर पावर कमेटी पत्रावलियों का गहन परीक्षण करती है। इसके बाद कुलपति का अनुमोदन होता है। फिर ईडीपी सेल में इनके नाम भेजे जाते हैं। इसमें मुख्य नियंता प्रो. एसएस मिश्र सहित कुछ अन्य सदस्य हैं। एबीवीपी के विभाग संगठन मंत्री अंकित भारतीय ने इसे गंभीर प्रकरण बताया
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