उच्च शिक्षा निदेशालय में भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर डिग्री शिक्षकों ने खोला मोर्चा, लगाए आरोप, भ्रष्टाचार का केंद्र है निदेशालय, निरंकुश हैं अधिकारी
प्रयागराज। विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से उच्च शिक्षा निदेशालय के चक्कर लगा रहे शिक्षकों ने निदेशालय के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (फुफक्टा) के आह्वान पर प्रदेश भर के शिक्षकों ने निदेशालय में धरना दिया। आरोप लगाए कि निदेशालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है और यहां के अधिकारी निरंकुश हो गए हैं।
सामूहिक अवकाश लेकर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, रूहेलखंड विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, आजमगढ़ विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ, बलिया विश्वविद्यालय आदि के शिक्षकों ने धरने में शिरकत की। फफुक्टा के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र चौहान ने कहा कि निदेशालय के क्रियाकलापों से शिक्षक पीड़ित हैं और यहां के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं।
महामंत्री प्रो. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि अगर निदेशालय शिक्षकों की मांगें नहीं मानता है तो क्रमिक धरना प्रदर्शननाशशुरू किया जाएगा और शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे। अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 47 के तहत नियुक्त शिक्षकों स्थायीकरण न होने, राज्य कर्मियों की तरह शिक्षकों को चिकित्सीय व्यवस्था न मिलाने से शिक्षकों में नाराजगी है।
प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन (प्रसुआक्टा) के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार पचौरी ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष किए जाने और बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश वापस लेने की मांग की। युवा
शिक्षकों की तरफ से डॉ. अखिलेश मोदनवाल ने कहा जब-जब फुपुक्टा शिक्षक हितों को लेकर आवाहन करेगी, तब तक हम शिक्षक साथी निदेशालय से लेकर सचिवालय तक का घेराव करेंगे। धरना-प्रदर्शन में शिक्षक नेता डॉ. हिमांशु सिंह, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. शिव प्रकाश यादव, डॉ. गंगेश दीक्षित, डॉ. रवि चौरसिया, डॉ. श्योराज सिंह, डॉ. भारतेंदु मिश्र, डॉ. आरएम यादव, डॉ. एसके सिंह, डॉ. अनिल यादव, डॉ. अखिलेश राय आदि शामिल रहे।
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