यूपी बोर्ड में छठी कक्षा से बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा देने की तैयारी, नई शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे कई बदलाव
क्रेडिट के आधार पर होगी विद्यार्थियों की ग्रेडिंग
प्रयागराज। यूपी बोर्ड के विद्यालयों में छठवीं से ही रोजगारपरक शिक्षा देने की तैयारी है। 12वीं तक की पढ़ाई में उसे किसी न किसी व्यावसायिक कोर्स में हुनरमंद बना दिया जाएगा। ताकि, वह 12वीं पास होने के बाद अपना रोजगार शुरू कर सके।
नई शिक्षा नीति 2020 और नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के अंतर्गत पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव व्यावसायिक शिक्षा के स्तर पर हो रहा है। उद्देश्य है कि हर बच्चे को किसी न किसी क्षेत्र में हुनरमंद बनाया जाए। हुनरमंद बनाने के लिए बच्चे को छठवीं से ही उसकी जानकारी दी जाए। छठवीं से 1। वीं तक बच्चे को तीन वर्ग में छावसायिक शिक्षा दी जाएगी।
इसमें इन विषयों के बारे छठवीं से 10वीं तक बेसिक शिक्षा दी जाएगी। उसके बाद 11वीं और 12वीं में इसमें से किसी एक विषय में विशेषज्ञता की पढ़ाई कराई जाएगी। व्यावसायिक विषय के अंतर्गत दसवीं तक 31 और इंटरमीडिएट मे 44 विषय हैं। एनसीईआरटी के स्तर पर इन विषयों का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
अगले महीने इसको लेकर पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान भोपाल में कार्यशाला होने वाली है। सभी व्यावसायिक विषयों के लिए वहीं से पाठ्यक्रम तैयार हो रहा है। तैयारी पूरी होने के बाद उसे यूपी बोर्ड समेत देश के अन्य बोर्ड में लागू कर दिया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद् इंटर में यह है व्यावसायिक विषय
फल एवं खाद्य संरक्षण, पाक शास्त्र, परिधान एवं सज्जा, धुलाई तथा रंगाई, जीवन रूपों के साथ कार्य करने के लिए पाकशास्त्र, कंफेक्शनरी, मधुमक्खी पालन, पौधशाला, खाद्य संरक्षण, फल संरक्षण, फसल सुरक्षा आदि पढ़ाया जाएगा। मशीनरी वर्ग में आटोमोबाइल, आइटी, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, सोलर सिस्टम, मोबाइल रिपेयरिंग, टेक्सटाइल डिजाइन, फोटोग्राफर, परिधान रचना एवं सज्जा, आशुलिपिक, टाइपिंग, मुद्रण, रेडियो एवं टेलीविजन, बुनाई तकनीक और सिलाई उनकी रुचि के अनुसार सिखाई जाएगी।
इसके अलावा सेवा प्रदाता वर्ग में हेल्थ केयर, खुदरा बेकिंग एवं कंफेक्सनरी, टेक्सटाइल डिजाइनिंग, बुनाई तकनीक, पुस्तकालय विज्ञान, रंगीन फोटोग्राफी, रेडियो एंड टेलीविजन, आटोमोबाइल, मुद्रण, मुधमक्खी पालन, सिलाई, फसल सुरक्षा सेवा, एकाउंटेंसी, बैंकिंग, आशुलिपिक, टंकण, घरेलू विद्युत उपकरणों की मरम्मत, खुदरा व्यापार, सुरक्षा, मोबाइल रिपेयररिंग, पर्यटन, आइटी, हेल्थ केयर, शिशु प्रबंधन, मेडिकल लेनोटरी, कुलाल विज्ञान (मिट्टी के बर्तन बनाना), डेयरी प्रौद्योगिकी, रेशम कीट पालन, बीजोत्पादन, भूमि संरक्षण, विपणन एवं विक्रय कला, सहकारिता, बीमा, कृत्रिम अंग अवयव तकनीक, इंब्राइडरी, हँड ब्लाक प्रिंटिंग एवं विजुटेबल ड्राइंग, मेटल क्राफ्ट, कंप्यूटर तकनीक एवं मेंटीनेंस।
व्यापार, सुरक्षा, आपदा प्रबंधक, पुस्तकालय विज्ञान, धुलाई रंगाई, बैंकिंग, एकाउंटेंसी और पर्यटन व आतिथ्य के बारे में पढ़ाया जाएगा।
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