विशेषज्ञों की राय से होगा यूपी बोर्ड हाईस्कूल के पैटर्न में बदलाव, हाईस्कूल में त्रिभाषा फार्मूला लागू करने पर मंथन
● छह की बजाय दस विषय की परीक्षा लेने का है प्रस्ताव
● हाईस्कूल में त्रिभाषा फार्मूला लागू करने पर भी मंथन
● सुझावों पर विशेषज्ञों से विचार के बाद शासन से ली जाएगी मंजूरी
प्रयागराज । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में कक्षा नौ व दस में बदलाव करने से पहले यूपी बोर्ड विशेषज्ञों की राय लेगा। कक्षा नौ में 2025-26 सत्र से छह की बजाय दस विषयों की परीक्षा लेने और त्रिभाषा फॉर्मूला समेत अन्य बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए बोर्ड ने 29 जून तक छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों आदि हितधारकों से सुझाव मांगे थे। सुझाव मिलने के बाद बोर्ड अब सीबीएसई, एनसीईआरटी समेत शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत और काम कर चुके चुनिंदा विद्वानों की कार्यशाला बोर्ड मुख्यालय में आयोजित करेगा, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में सुझावों को लागू करने और पठन-पाठन का माहौल बेहतर बनाने की रूपरेखा तय की जा सके।
बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि जो भी बदलाव लागू किया जाए वह छात्र-छात्राओं पर अतिरिक्त दबाव न बनाए और अन्य बोर्ड की तुलना में यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर हो सके। नए प्रस्तावित पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को कला शिक्षा क्षेत्र के तहत चित्रकला, रंजन कला, संगीत गायन या संगीत वादन में से किसी एक विषय का चयन करना होगा। शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा के तहत नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा समाजोपयोगी उत्पादक एवं समाजसेवा कार्य सभी के लिए अनिवार्य होगा। व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत 31 विषयों में से एक का चयन करना होगा।
सात विषयों के आधार पर बनेगी मेरिट
वैसे तो बोर्ड दस विषयों की परीक्षा लेगा, लेकिन मेरिट सात विषयों के आधार पर ही बनेगी। इनमें तीन भाषाएं, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंतर्विषयक क्षेत्र (गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर, कृषि या पर्यावरण विज्ञान में से कोई एक) शामिल है। शारीरिक, कला एवं व्यावसायिक शिक्षा में 30 नंबर की लिखित परीक्षा होगी एवं 70 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन होगा। शेष विषयों में 80 नंबर की लिखित परीक्षा और 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन होगा। इसके अलावा कई अन्य बदलाव लागू करने पर मंथन चल रहा है।
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