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Tuesday, August 6, 2024

एससी-एसटी छात्रों को अब दाखिले के समय नहीं देनी पड़ेगी ट्यूशन फीस, योगी सरकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में करने जा रही बदलाव

एससी-एसटी छात्रों को अब दाखिले के समय नहीं देनी पड़ेगी ट्यूशन फीसयोगी सरकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में करने जा रही बदलाव


• आनलाइन आवेदन के समय फ्री शिप कार्ड होगा जेनरेट

• विद्यार्थियों को एडमिशन के समय कार्ड को जमा कराना होगा


लखनऊ: अब पैसे के अभाव में एससी-एसटी के युवा उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होंगे। प्रदेश सरकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में गरीब एससी-एसटी छात्र- छात्राओं को बड़ी राहत देने जा रही है। इन्हें दाखिले के समय ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ेगी। छात्रवृत्ति के आनलाइन आवेदन के समय ही अर्हता पूरी करने वाले छात्र- छात्राओं का फ्री शिप कार्ड जेनरेट हो जाएगा। इसे दाखिले के समय जमा करने पर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन फीस से मुक्ति मिल जाएगी। इन्हें सिर्फ दूसरे शुल्क देने पड़ेंगे। यह व्यवस्था वर्तमान शैक्षिक सत्र से ही लागू होगी। इसका लाभ 14 लाख से अधिक एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को मिलेगा।


यह सुविधा अभी सरकारी व एडेड कालेजों में मिलेगी। सरकार 2.50 लाख रुपये तक सालाना आय वाले - अनुसूचित जाति-जनजाति परिवारों के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की प्रतिपूर्ति करती है। पहले भी एससी-एसटी छात्रों को जीरो फीस पर दाखिले की व्यवस्था थी, किंतु योजना में बड़े पैमाने पर घपले सामने आने के बाद सरकार ने इसे खत्म कर दिया था। छात्र-छात्राओं को पूरी फीस जमा करनी होती थी, बाद में समाज कल्याण विभाग उन्हें शुल्क प्रतिपूर्ति करता था।


इस व्यवस्था में गरीब छात्र छात्राओं को दाखिले के लिए धनराशि उधार लेनी पड़ती थी। कई बार उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। सरकार ने इनकी समस्याओं को देखते हुए व्यवस्था में बदलाव करने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति के लिए आनलाइन आवेदन के समय छात्र को आय व जाति प्रमाण पत्र का नंबर भरना होगा। नंबर भरते ही इन प्रमाण पत्रों का लाइव सत्यापन हो जाएगा। आधार नंबर डालने पर आनलाइन प्रमाणीकरण के बाद फ्री शिप कार्ड जेनरेट हो जाएगा।


 जल्द ही सरकार इसकी नियमावली जारी करने जा रही है। सरकार दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए भी छात्रवृत्ति की व्यवस्था आसान करने जा रही है। दिव्यांग छात्रों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त छात्रवृत्ति दी जाती है। अब सरकार छात्रवृत्ति के पोर्टल को युनीक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) के साथ जोड़ने जा रही है।


प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति के पोर्टल को आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन से जोड़ने जा रही है। केंद्र सरकार की यह संस्था कक्षा 12 से ऊपर के कालेज को एक कोड देती है। ऐसे में कालेज को यह कोड छात्रवृत्ति के पोर्टल पर भरना होगा। फर्जी कालेजों को कोड आवंटित नहीं होता है। ऐसे में वह सिस्टम से बाहर हो जाएंगे। इसी प्रकार कक्षा एक से 12 तक के कालेजों का कोड यू-डायस से मिलता है।


बीटेक के छात्रों को होगी एक लाख रुपये तक की बचत

सरकार की इस योजना से बीटेक के छात्रों को ही 55 हजार से एक लाख रुपये तक ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ेगी। एमबीए व एमसीए में दाखिला लेने वाले युवाओं का भी 50 से 80 हजार रुपये तक शुल्क बचेगा। इसी प्रकार सरकारी कालेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को करीब 35 हजार रुपये तक की ट्यूशन फीस की बचत होगी।


फ्री शिप कार्ड एससी-एसटी युवाओं को बड़ी राहत प्रदान करेगा। सरकार फीस की गारंटी ले रही है। इस वर्ष से इसे सरकारी व एडेड कालेजों में लागू किया गया है। बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू होने के बाद अगले वर्ष से इसे निजी कालेजों में लागू किया जा सकता है। असीम अरुण, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)



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