बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रतिमाह छह हजार रुपए के मानदेय पर रखे जाएंगे रिटायर शिक्षक
लखनऊ । आउट ऑफ़ स्कूल (स्कूल नहीं आने वाले) बच्चों का भविष्य अब रिटायर शिक्षक संवारेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने शारदा कार्यक्रम के तहत आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों को शिक्षित करने के लिए रिटायर शिक्षकों को मानदेय पर रखने का निर्णय किया है। जिस क्षेत्र में पांच से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे पाये जाएंगे उस क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में रिटायर शिक्षकों को अस्थाई रूप से मानदेय पर रखा जाएगा। इन रिटायर शिक्षकों को प्रतिमाह छह हजार मानदेय दिया जाएगा। ये रिटायर शिक्षक आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों को अगले महीने से 9 महीने तक विशेष शिक्षा प्रदान कर उन्हें दक्ष बनायेंगे।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षित करने के लिए रिटायर शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराने के निर्देश भी दिए हैं। ब्लॉक स्तर पर समिति बनाकर उसके माध्यम से इनका चयन होगा। आउट ऑफ स्कूल के तहत छह से 14 वर्ष के आयुवर्ग के उन बच्चों को शिक्षित किया जाएगा जो या तो पढ़ाई को बीच में ही छोड़ कर किसी काम में लग गए हैं या जो पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग ऐसे बच्चों का पता लगाकर उसे विशेष पढ़ाई के माध्यम से शिक्षित करेगा। यह कार्य विभाग की ओर से शुरू किए गए शारदा कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से इस बारे में उनसे संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
इन जिलों में स्कूल न जाने वाले बच्चे ज्यादा
मुरादाबाद, अमरोहा, शामली, मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, कानपुर, बहराइच, बलरामपुर, बलिया, वाराणसी, भदोही, कासगंज, बदायूं तथा गोण्डा हैं।
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