हाईकोर्ट ने पूछा – सरकार बताए, सुरक्षित स्कूली वाहनों के लिए क्या किया? सालभर में किए गए सुरक्षा उपायों के पालन का जिलेवार ब्योरा तलब
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के स्कूली वाहनों के सुरक्षा मानकों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने वाहनों की फिटनेस को लेकर साल भर में नियम कानूनों का पालन कराने के लिए की गई कार्रवाई का जिलेवार ब्योरा भी छह हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश वी द पीपल संस्था के महासचिव प्रिंस लेनिन की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा गया कि ऐसे वाहनों की फिटनेस की नियमित जांच और कारवाई होनी चहिए। यह बच्चों के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है। वाहनों की जांच में शिथिलता से स्कूली वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। ज्यादातर स्कूली वाहन पुराने और असुरक्षित हैं।
याची ने केंद्रीय मोटर वाहन कानून और संबंधित नियमों के तहत स्कूली वाहनों की फिटनेस की नियमित जांच और कारवाई के निर्देश देने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से स्कूली वाहनों की सुरक्षा को लेकर अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी देते हुए नया जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। इन वाहनों की सुरक्षा संबंधी कानून या नियमों व आदेशों के पालन की रिपोर्ट भी तलब की है। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
डेढ़ साल में सूबे में 211 हादसे, 24 बच्चों की मौत
लखनऊ। पूरे प्रदेश में डेढ़ साल में बच्चों को स्कूल ले जाने वाले 211 वाहन हादसों के शिकार हुए। इन हादसों में 24 बच्चों की जान चली गई। वहीं, 12 बच्चे दिव्यांग हो गए। परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी सेल ने जून 2022 से दिसंबर 2023 के बीच हुए हादसों का यह ब्योरा जुटाया है। ब्यूरो
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