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Saturday, August 10, 2024

Jai Hind in Haryana Schools : स्कूल में बच्चे ‘गुड मॉर्निंग’ की जगह बोलेंगे ‘जय हिंद, इस राज्य में 15 अगस्त से लागू होगा नियम

Jai Hind in Haryana Schools
स्कूल में बच्चे ‘गुड मॉर्निंग’ की जगह बोलेंगे ‘जय हिंद, इस राज्य में 15 अगस्त से लागू होगा नियम

हरियाणा के स्कूलों में अब छात्र गुड मॉर्निंग की जगह बोलेंगे जय हिंद, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, बताये ये कारण


Jai Hind in Haryana Schools: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्र और अध्यापक अब गुड मॉर्निंग नहीं बल्कि जय हिंद बोलेंगे. हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. 15 अगस्त से ये आदेश लागू करने के लिए कहा गया है. इसके पीछे शिक्षा विभाग ने कई कारण बताये हैं.


चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों में देश भक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'गुड मॉर्निंग के स्थान पर 'जय हिन्द' को अभिवादन के रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है. इसके पीछे विद्यार्थियों में प्रतिदिन राष्ट्रीय एकता की भावना और देश के समृद्ध इतिहास के प्रति सम्मान के साथ प्रेरित करने की सोच को बताया गया है.हरियाणा के स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. 


ये आदेश जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी समेत स्कूल मुखिया एवं स्कूल प्रभारियों को भेज दिए गये हैं.शिक्षा मंत्री ने 31 जुलाई को की थी अपीलपंचकूला सेक्टर-3 स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 31 जुलाई 2024 को आयोजित टीजीटी अध्यापकों के राज्य स्तरीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम में प्रदेश की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने बच्चों को भारतीय संस्कार देने की बात कही थी. इसी दौरान उन्होंने स्कूल में बच्चों को गुड मॉर्निंग के बजाय जय हिंद बोलना सिखाने की बात कही थी.



नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था नारा
'जय हिन्द का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया और इसे लोकप्रिय बनाया गया था. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन के दौरान आजाद हिन्द फौज का गठन कर 'जय हिन्द' का नारा दिया था. स्वतंत्रता के बाद 'जय हिन्द' को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अभिवादन के रूप में अपनाया गया, जो राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है.




विद्यालयों में 'जय हिन्द' अभिवादन का महत्त्व

देशभक्तिः स्कूल शिक्षा निदेशालय के जारी आदेशों में कहा गया है कि 'जय हिन्द' अभिवादन विद्यार्थियों में राष्ट्रीय गौरव और एकता की एक मजबूत भावना पैदा करता है. ये प्रत्येक भारतीय के रूप में उनकी पहचान और देश के भविष्य में संभावित योगदान का दैनिक स्मरण करवाता है.

राष्ट्र के प्रति सम्मानः देश भक्तिपूर्ण अभिवादन 'जय हिन्द' देश और उसके मूल्यों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करता है. यह विद्यार्थियों को स्वतंत्रता के लिए दिए बलिदानों की प्रशंसा करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

एकता को बढ़ावा: 'जय हिन्द' क्षेत्रीय, भाषायी और सांस्कृतिक मतभेदों से परे है, जो विविध पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के मध्य एकता को बढ़ावा देता है.

अनुशासन और सम्मान को बढ़ावा: भारत में सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस बल, जिनकी सेवाएं अनुशासित हैं, उनके द्वारा 'जय हिन्द' को अभिवादन के रूप में लागू किया गया है.

अनुशासनः 'जय हिन्द' जैसे अभिवादन का नियमित उपयोग विद्यार्थियों में अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देगा.

परंपरा के प्रति सम्मान: दैनिक दिनचर्या में पारंपरिक अभिवादन को शामिल करने से सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय परंपराओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा मिलता है.

प्रेरणा: यह अभिवादन प्रेरणा और प्रेरक दोनों है, जो विद्यार्थियों को राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने की उनकी क्षमता की याद दिलाता है.

भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा: 'जय हिन्द' युवा भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, जो उन्हें राष्ट्र के विकास में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है.

एकजुट करने वाली शक्ति: भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में 'जय हिन्द' एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करता है, जो लोगों को उनके मतभेदों के बावजूद एक साथ लाता है और एक सामूहिक राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करता है.


स्कूल शिक्षा निदेशालय का आग्रह
स्कूल शिक्षा निदेशालय, हरियाणा द्वारा आग्रह किया गया है कि सभी स्कूल प्रमुख अपने क्षेत्राधिकार के विद्यालयों में 'जय हिन्द' को अभिवादन के रूप में लागू करवाएं, ताकि विद्यार्थी और अध्यापक 'गुड मॉर्निंग' इत्यादि अभिवादन के स्थान पर 'जय हिन्द को अपनाएं. आदेश दिए गए हैं कि 15 अगस्त 2024 से पूर्व यह सूचना/निर्देश सभी विद्यालयों को सम्प्रेषित करते हुए विद्यालय स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण से पूर्व इसकी अनुपालना सुनिश्चित करें और इस ओदश का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए.

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