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Monday, August 26, 2024

NPS पूरी तरह लागू नहीं, UPS पर संशय, 19 वर्ष बाद भी यूपी के हजारों शिक्षकों के वेतन से नहीं हो रही कटौती

NPS पूरी तरह लागू नहीं, UPS पर संशय, 19 वर्ष बाद भी यूपी के हजारों शिक्षकों के वेतन से नहीं हो रही कटौती


प्रयागराज :  केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी तो दे दी है लेकिन यह भी हकीकत है कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) 19 साल बाद भी पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी है। ऐसे में यूपीएस के लागू होने को लेकर कर्मचारियों में संशय की स्थिति बनी हुई है।


 शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रयागराज में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एनपीएस से आच्छादित 9893 शिक्षकों-कर्मचारियों में से 2911 का प्रान (परमानेंट रिटासरमेंट एकाउंट नंबर) आज तक आवंटित नहीं हो सका है।


जिन 6982 शिक्षकों-कर्मचारियों के प्रान आवंटित है उनमें से भी 1830 के अंशदान की कटौती शुरू नहीं हो सकी है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी सैकड़ों शिक्षकों व कर्मचारियों के प्रान आवंटित नहीं है। कुछ जिलों को छोड़कर एडेड कॉलेजों से संबद्ध प्राइमरी और सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों-कर्मियों के अंशदान की कटौती आज तक शुरू नहीं हो सकी है। 2017 में शासनादेश जारी होने के सात साल बाद भी एनपीएस के तहत अग्रिम धन निकासी की सुविधा नहीं मिल सकी है।


पुरानी पेंशन योजना से यूपीएस की तुलना नहीं

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विरोध किया है। प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने कहा है कि ओपीएस से तुलना नहीं की जा सकती है। ओपीएस में वेतन से जीपीएफ में 10 प्रतिशत अंशदान की सुनिश्चित ब्याज के साथ वापसी है जबकि यूपीएस वेतन से होने वाली 10 फीसदी कटौती की वापसी पर मौन है। 

ओपीएस में पूर्ण पेंशन (वेतन का 50 प्रतिशत) 20 वर्ष की सेवा पर है, जबकि यूपीएस में 25 वर्ष की सेवा पर है। ओपीएस में ग्रेच्युटी प्रति छमाही सेवा पर एक माह के वेतन का 25 प्रतिशत है, जबकि यूपीएस में 10 फीसदी की बात की गई है। ओपीएस में कर्मचारी की मृत्यु पर आश्रित को 10 वर्ष तक कर्मचारी के अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मिलता है, जबकि यूपीएस में 30 फीसदी देने की बात कही गई है।


एनपीएस का शासनादेश लागू होने के 19 साल बाद भी इसे कर्मचारियों ने पूरी तरह स्वीकार नहीं किया और न ही विभाग उसमें संशोधन कर पाया है। अब यूपीएस को एक अप्रैल 2025 से लागू किया जा रहा है। सरकार एनपीएस को बदलकर ओपीएस क्यों नहीं कर सकती। कर्मचारियों के लिए केवल ओपीएस ही हितकारी है। देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ

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