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Thursday, August 8, 2024

बेसिक शिक्षकों के ट्रांसफर-समायोजन की प्रक्रिया स्पष्ट करने का निर्देश आज फिर होगी सुनवाई, तब तक तबादला आदेश जारी करने पर रोक

बेसिक शिक्षकों के ट्रांसफर-समायोजन की प्रक्रिया स्पष्ट करने का निर्देश 

आज फिर होगी सुनवाई, तब तक बेसिक स्कूलों के अध्यापकों के तबादले पर रोक

हाई कोर्ट ने कहा, बेसिक शिक्षा परिषद व अपर मुख्य सचिव दें व्यक्तिगत शपथपत्र




प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के स्थानांतरण व समायोजन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज व अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) से व्यक्तिगत हलफनामे में छात्र-अध्यापक अनुपात पर सरप्लस अध्यापकों की पहचान, उनके समायोजन एवं उन्हें चिन्हित करने का तरीका स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। 

साथ ही याचिका की अगली सुनवाई तिथि आठ अगस्त तक स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने प्रयागराज की नीरजा व 50 अन्य सहायक अध्यापकों की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।


याचीगण का कहना है कि स्थानांतरण व समायोजन के गोविंद कौशिक व 116 अन्य के ऐसे ही केस में हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) से जानकारी लेकर याचिका निस्तारित कर दी थी और कार्यवाही छह सप्ताह में पूरी करने का निर्देश दिया था। निदेशक ने कोर्ट को बताया था कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम 10 के अनुरूप सत्र 2024-


25 जो 11 अप्रैल 2024 से शुरू हुआ है, में 30 जून तक स्कूलों में छात्र संख्या व अध्यापक के अनुपात को आधार मानकर समायोजन तथा स्थानांतरण किया जाएगा। कोर्ट ने तब छह सप्ताह में लिस्ट तैयार करने का आदेश देते हुए कहा था कि फिर से वाद कारण उत्पन्न हो तो दोबारा कोर्ट आ सकते हैं।

खंडपीठ ने कहा, 'उम्मीद थी कि राज्य प्राधिकारी छात्र-अध्यापक अनुपात के अनुसार सरप्लस अध्यापकों का पता कर जिले में वरिष्ठता के अनुसार तैनाती का पुनर्निधारण कर लेंगे।'




अगली सुनवाई तक समायोजन प्रक्रिया के तहत किसी तरह के स्थानांतरण आदेश जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक, देखें कोर्ट ऑर्डर

एक और रिट पर आया कोर्ट का ऑर्डर 👇



यूपी में बेसिक शिक्षकों के समायोजन पर रोक, हाईकोर्ट ने पूछा-  प्रक्रिया पूरी करने में इतनी जल्दबाजी क्यों?


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों के समायोजन और स्थानांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में बेसिक शिक्षा सचिव प्रयागराज को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा है कि पूरी कार्यवाही इतनी जल्दबाजी में क्यों की जा रही है। नीरजा और 50 अन्य अध्यापकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए या आदेश न्यायमूर्ति एस सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने दिया है।

याचीगण का पक्ष रख रहे हैं अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने कोर्ट को बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में छात्र अध्यापक अनुपात के आधार पर शिक्षकों के जिले के भीतर ही समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। कोर्ट को बताया गया की सबसे पहले 30 जून 2024 की स्थिति के अनुसार विद्यालयों में छात्र अध्यापक अनुपात तय किया जाएगा। उसके लिए वास्तविक प्रयास किए जाएंगे तथा इसके आधार पर यह तय होगा कि किस-किस विद्यालय में अध्यापकों की संख्या छात्रों के अनुपात में अधिक है और कहां कम है। इसके बाद उन शिक्षकों की पहचान की जाएगी जिनको समायोजित किया जाना है। यह जिले में उनकी वरिष्ठता के आधार पर तय होगा।

याचियो के अधिवक्ता ने बेसिक शिक्षा सचिव के 31 जुलाई 2024 के पत्र का हवाला देकर कहा कि सारी प्रक्रिया 6 सप्ताह में पूरी करने का निर्णय लिया गया। जिससे पता चलता है कि विद्यालयों में पदों की संख्या तय करने और समायोजित किए जाने वाले अध्यापकों की पहचान के लिए बहुत कम समय दिया गया है।

परिषद के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से इस मामले में लिखित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय की मांग की। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टिया सारी कार्यवाही बहुत जल्दबाजी में की जा रही है। इस मामले में मात्र लिखित जानकारी देना पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव प्रयागराज को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही अगली सुनवाई तक किसी अध्यापक के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।



अगली सुनवाई तक समायोजन प्रक्रिया के तहत किसी तरह के स्थानांतरण आदेश जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक, देखें कोर्ट ऑर्डर 

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