पुरानी पेंशन के लिए संगठनों का जारी रहेगा संघर्ष
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि लंबे आंदोलन और पुरानी पेंशन की बहाली की मांग पर एनपीएस को यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) में बदलना लंबे आंदोलन का ही परिणाम है। इसी तरह आगे चलकर पुरानी पेंशन भी मिलेगी।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पूर्व में शिक्षक-कर्मचारी के संयुक्त व चरणबद्ध आंदोलनों के परिणामस्वरूप पीएम मोदी और एनजेसीए (नेशनल ज्वाइंट कमेटी ऑफ एक्शन) के केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता हुई है। निश्चित ही यह कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है। उम्मीद है कि अब पुरानी पेंशन बहाली का सकारात्मक हल निकलेगा। एनपीएस को यूपीएस में बदलकर पीएम ने अभी खिड़की खोली है। इस सकारात्मक रुख से पुरानी पेंशन के दरवाजे भी खुलने के संकेत हैं।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के चेयरमैन संतोष तिवारी ने कहा कि हमें तो पुरानी पेंशन ही चाहिए। इससे इतर कुछ भी स्वीकार नहीं है। अन्य योजना लाकर कर्मियों को भ्रमित न किया जाए।
UPS से संतुष्ट नहीं दिख रहे उत्तर प्रदेश के शिक्षक और कर्मचारी
लखनऊ । केंद्र सरकार द्वारा लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) से उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मी संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। कर्मचारी नेता और संगठन अब भी पुरानी पेंशन को ही बेहतर बताते हुए उसे लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी नेताओं को यूपीएस में कई खामियां नजर आ रही हैं।
इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाईज फेडरेशन के उप महासचिव अतुल मिश्रा ने कहा यूपीएस से देश के कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। करोड़ों कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन योजना लागू करने के मुद्दे पर दो अक्तूबर को आंदोलन करने का संकल्प लिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा यूपीएस की घोषणा के बाद इप्सेस की दिल्ली राज्य इकाई ने 12 सितंबर को संसद पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
सचिवालय संघ अध्यक्ष ने गिनाई यूपीएस की खामियांः
उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष अर्जुन देव भारती ने कहा है कि यूपीएस की घोषणा करने के बाद भी केंद्र सरकार कर्मचारियों को खुश करने में नाकाम रही है। पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन भुगतान का 50 फीसदी पेंशन दिए जाने का प्राविधान है जबकि यूपीएस में अंतिम 12 महीने के वेतन के औसत का 50 फीसदी पेंशन दिए जाने की बात कही गई है।
दूसरी आपत्ति सेवा अवधि को लेकर है। पुरानी पेंशन में 20 साल की सेवा को पूरे पेंशन का आधार माना गया है जबकि यूपीएस में 25 साल की सेवा को मानक बनाया गया है। सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि ओपीएस में पेंशनर्स को महंगाई में राहत मिलने की व्यवस्था है जबकि यूपीएस में मुद्रा स्फिति सूचकांक को आधार बनाया गया है। यह कर्मचारी हित में नहीं है। ओपीएस में ग्रेच्युटी की गारंटी थी जबकि यूपीएस में ग्रेच्युटी को पेंचीदा बना दिया गया है। यूपीएस में सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को बाजार की ताकतों के भरोसे छोड़ दिया गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष यूपीएस से संतुष्ट
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि उनकी मांग थी कि कर्मचारियों को शेयर मार्केट से वापस किया जाए। सेवानिवृत्ति के सम आखिरी मूल वेतन का आधार पेंशन दिया जाए और महंगाई भत्ता दिया जाए। यह तीनों मांगे मान ली गई हैं। मृत्यु हो जाने पर भी अच्छी धनराशि दिए जाने का इंतजाम किया गया है। 10 फीसदी जो वेतन से कह रहा है उसका कैलकुलेशन अभी किया जाना है, यह मांग जारी रहेगी।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए अभी खिड़की खुली अब दरवाजा खुलने का इंतजार, कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन को जारी रखने का किया आह्वान
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ ने कहा है कि लंबे आन्दोलन और प्रधानमंत्री की चुप्पी के बाद पुरानी पेंशन की बहाली की मांग पर एनपीएस को यूपीएस में बदलना लंबे आन्दोलन का ही परिणाम है। इसी तरह आगे चलकर पुरानी पेंशन भी मिलेगी।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पूर्व में शिक्षक कर्मचारी के संयुक्त व चरणबद्ध आन्दोलनों के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनजेसीए के केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता हुई है। निश्चित ही यह कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है। उम्मीद है कि अब पुरानी पेंशन बहाली का सकारात्मक हल अवश्य निकलेगा। एनपीएस को यूपीएस में बदलकर प्रधानमंत्री ने अभी खिड़की को ही खोला है। मगर इस सकारात्मक रुख से पुरानी पेंशन के दरवाजे खुलने का संकेत भी मिल चुका है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर ऐसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के चेयरमैन संतोष तिवारी ने कहा है कि हम सबको हूबहू पुरानी पेंशन ही चाहिए। इससे इतर कोई भी पेंशन स्वीकार नही है। परिषद ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 2013 में लखनऊ से दिल्ली तक साइकिल यात्रा तक निकाली है।
उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली पर ही विचार करे। अन्य योजना लाकर शिक्षक व कर्मचारियों को भ्रमित ना किया जाए हमारी एक ही मांग है पुरानी पेंशन हूबहू पुरानी पेंशन।
संगठनों का आरोप, एनपीएस और यूपीएस के नाम पर गुमराह कर रही सरकार
लखनऊ। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने एनपीएस के स्थान पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को शिक्षकों व कर्मचारियों के दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षक कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के नाम पर गुमराह कर उनका शोषण कर रही है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों कर्मचारियों पुरानी पेंशन से कुछ भी कम नहीं चाहिए। उसे पुरानी पेंशन बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को जल्द बहाल किया जाना चाहिए। इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
उधर यूनाइटेड टीचर्स एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध किया है। कहा, जब सांसदों और विधायकों को ओपीएस मिल रही है तो शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने में इतना अड़ंगा क्यों लगाया जा रहा है। हम लड़ेंगे और अंतिम दिन तक पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष करेंगे। वहीं विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय मीडिया प्रभारी विनीत कुमार सिंह ने भी इसे कर्मचारियों के साथ बड़ा धोखा बताया।
इप्सेफ दो अक्तूबर से कर्मचारी सत्याग्रह के लिए प्रतिबद्ध
पुरानी पेंशन बहाली, स्थायी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतीश पांडेय ने वेतन आयोग न्यूनतम वेतन का गठन की मांग
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन (इप्सेफ) पुरानी पेंशन बहाली, स्थाई राष्ट्रीय वेतन आयोग के गठन, आउटसोर्स कर्मचारी की सेवा सुरक्षा तथा न्यूनतम वेतन आदि मांगों को लेकर दो अक्तूबर से कर्मचारी सत्याग्रह शुरू करेगा। इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि उपरोक्त मांगों का ज्ञापन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को कई बार भेजा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया था कि इप्सेफ की मांगों पर मा प्रधानमंत्री से बातकर निराकरण कराएंगे। इस संबंध में कार्मिक सचिव से वार्ता हुई थी। पेंशन बहाली समिति का गठन भी हुआ परंतु उसकी संस्तुतियों के बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया।
संगठन के महासचिव प्रेमचन्द बताया कि पिछला वेतन आयोग 2 वर्ष पहले ही गठित हो गया था जिसका लाभ 1 जनवरी 2016 से लागू कर दिया गया था। उसी तरह आठयों वेतन आयोग भी 2 वर्ष पूर्व अर्थात 2024 में गठित होना चाहिए। उप महासचिव अतुल मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा, सुरेश रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डेलीवेजेस कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीति बन्नाई जानी चाहिए। इप्सेफ नेताओं ने देश भर के करोड़ों कर्मचारियों से अपील की इन मांगों के समर्थन में दो अक्टूबर को आंदोलन करने का संकल्प करेंगे और आगे के आंदोलन में पूरी भागीदारी करेंगे।
ऊर्जा क्षेत्र के कर्मियों को मिले पुरानी पेंशन : दुबे
लखनऊ। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन यापन देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का स्वागत किया है। वहीं फेडरेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए भी पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाए। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे एवं सचिव पी रत्नाकर राव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प नहीं है। राज्य बिजली बोर्ड के विघटन के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को पावर सेक्टर में पेंशन से महरूम कर दिया गया है। ब्यूरो
फार्मासिस्ट फेडरेशन : हूबहू बहाल हो पुरानी पेंशन
लखनऊ। फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील कुमार यादव एवं महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को हूबहू बहाल किया जाए। इसके अलावा अन्य कोई विकल्प मान्य नहीं है। ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा कि नई स्कीम में कोई गुणात्मक परिवर्तन नहीं है। ऐसे में पुरानी पेंशन जारी की जाए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पीएम का कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है। अभी खिड़की खुली है, लेकिन दरवाजा खुलने का इंतजार है। महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कलेक्टेट कर्मचारी संघ अध्यक्ष सुशाल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार का गजट आने के बाद इस प्रकरण में सभी सेवा संघों को आमसभा की जाएगी।
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