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Monday, September 16, 2024

आंगनबाड़ी, आशा और मिड-डे मील रसोईया को सम्मानजनक मानदेय के लिए संगठनों ने बनाई रणनीति, मांग को लेकर 26 नवंबर को रैली

आंगनबाड़ी, आशा और मिड-डे मील रसोईया को सम्मानजनक मानदेय के लिए संगठनों ने बनाई रणनीति, मांग को लेकर 26 नवंबर को रैली 


लखनऊ। आंगनबाड़ी, आशा और मिड-डे मील सहित सभी स्कीम वर्कर्स को सम्मानजनक मानदेय देने, 5000 पेंशन व ग्रेच्युटी, रसोइयों को न्यूनतम वेतन देने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी देने के हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने करने की मांग की गई है।


मांग को लेकर 26 नवंबर को रैली निकाली जाएगी। श्रम विभाग के हॉल में आंगनबाड़ी, आशा और मिड-डे मील कर्मियों की यूनियनों की रविवार को हुई संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। 


एटक की उषा शर्मा ने कहा कि सरकार का तर्क है कि आंगनबाड़ी, आशा, रसोइया, शिक्षामित्र और रोजगार सेवक जैसी स्कीम वर्करों को सम्मानजनक मानदेय देने के लिए संसाधन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कॉरपोरेट घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाए तो सम्मानजनक मानदेय व पेंशन दी जा सकती है। संवाद

शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन आज से

शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन आज से


प्रयागराज। शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन सोमवार (16 सितंबर) से 15 अक्तूबर तक लिए जाएंगे। 


16 से 31 अक्तूबर तक जनपदीय समिति आवेदनों का परीक्षण एवं स्थलीय सत्यापन कर पात्र शिक्षकों का चयन करते हुए मंडलीय समिति को ऑनलाइन संस्तुति भेजेगी। मंडलीय समिति 15 से 29 नवंबर तक पात्र अध्यापकों का चयन कर निदेशालय स्तरीय चयन समिति को ऑनलाइन प्रस्ताव भेजेगी।


 राज्य स्तरीय समिति 30 नवंबर से 13 दिसंबर तक चयन की कार्यवाही करेगी और 14 दिसंबर के बाद पुरस्कार वितरण होगा।


संस्कृत विद्यालयों की लौटेगी चमक, प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पहली बार संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए 13.65 करोड़ का बजट हुआ जारी

संस्कृत विद्यालयों की लौटेगी चमक, प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पहली बार संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए 13.65 करोड़ का बजट हुआ जारी

16 सितम्बर 2024
प्रयागराज। प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त और 50 साल से अधिक पुराने माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों की चमक लौटेगी। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पहली बार इन संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए बजट जारी हुआ है। शासन के उपसचिव संजय कुमार की ओर से 31 अगस्त को जारी पत्र में प्रदेशभर के 130 संस्कृत विद्यालयों के लिए 13.65 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है।

खास बात यह है कि जीर्णोद्धार पर होने वाले खर्च का 95 प्रतिशत सरकार और पांच प्रतिशत राशि विद्यालय प्रबंधन को खर्च करनी होगी। पहले सरकार ने जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च की 50 प्रतिशत राशि प्रबंधन के स्तर से वहन करने की शर्त रखी थी। इसके चलते प्रबंधकों ने जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। यही नहीं 2022 में इस मद में आवंटित 28 करोड़ रुपये की राशि लैप्स हो गई थी। 

इसी को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शर्तों में बदलाव करते हुए जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च का मात्र पांच प्रतिशत प्रबंध समिति से लेने का प्रावधान किया था। प्रदेश के जिन 130 संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत बजट जारी हुआ है उसमें प्रतापगढ़ के 24 और कौशाम्बी के 10 स्कूल शामिल हैं।



प्रोजेक्ट अलंकार से संवारे जाएंगे प्रदेश के 130 एडेड माध्यमिक संस्कृत विद्यालय, शासन से 34 करोड़ की ग्रांट मंजूर

03 सितम्बर 2024
लखनऊ। राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त () माध्यमिक विद्यालयों को संवारने के लिए शुरू की गई प्रोजेक्ट अलंकार योजना से पहली बार संस्कृत स्कूलों को भी बजट दिया गया है। चयनित 130 विद्यालयों के लिए 34 करोड़ से अधिक की ग्रांट मंजूर की है।


योजना के तहत एडेड माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों की मरम्मत, पुर्ननिर्माण व अवस्थापना सुविधाओं का काम इस राशि से कराया जाएगा। विभाग के उप सचिव संजय कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर इसको प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं।


उन्होंने कहा है कि इस राशि का शासन से 95 फीसदी व संबंधित विद्यालय की ओर से पांच फीसदी राशि दी जाएगी। शासन ने पहली किस्त के रूप में 13.65 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इस राशि के खर्च के लिए एक संयुक्त खाता खोला जाएगा। इसके बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर अगली किस्त जारी की जाएगी।

Sunday, September 15, 2024

हाईकोर्ट हुआ सख्त, बीएसए, लेखाधिकारी बताएं बिना लिखित आदेश क्यों रोक रखा है साल भर से अध्यापक का वेतन?

हाईकोर्ट हुआ सख्त, बीएसए, लेखाधिकारी बताएं बिना लिखित आदेश क्यों रोक रखा है साल भर से अध्यापक का वेतन? 


प्रयागराज,  14 सितम्बर । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी सहारनपुर को 26 सितम्बर तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है कि बिना लिखित आदेश के याची सहायक अध्यापक का वेतन भुगतान सितम्बर 23 से क्यों रोका गया है?


कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो 26 सितम्बर को दोनों अधिकारी हाजिर हों और वेतन रोकने की सफाई पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने बेसिक स्कूल सनवांतखेड़ी के सहायक अध्यापक लोकेंद्र कुमार की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि उसे अगस्त 23 तक नियमित वेतन मिलता रहा। किंतु सितम्बर 23 से बिना किसी आदेश के वेतन भुगतान रोक दिया गया है। इसलिए मय ब्याज बकाया वेतन सहित नियमित वेतन भुगतान करने का समादेश जारी किया जाय। 

याची ने दोनों अधिकारियों को प्रत्यावेदन, अनुस्मारक पत्र भेजा है किन्तु कोई आदेश जारी नहीं किया गया। सरकारी वकील ने बताया बीएसए से जानकारी मांगी गई थी किन्तु अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

एडेड माध्यमिक विद्यालयों के साथ बंद हो भेदभाव, अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में उठी मांग

एडेड माध्यमिक विद्यालयों के साथ बंद हो भेदभाव, अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में उठी मांग

15 सितम्बर 2024
लखनऊ। अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा का शनिवार को रवींद्रालय में प्रांतीय सम्मेलन हुआ। इसमें वक्ताओं ने कहा, अशासकीय माध्यमिक (एडेड) विद्यालयों में 14 साल से फीस नहीं बढ़ाई गई है। ऐसे में कक्षाओं की मरम्मत, लैब से जुड़े सामान, बोर्ड आदि सामग्री की खरीद और छात्रों को बेहतर सुविधाएं कैसी दी जाएं? पांच साल से शिक्षकों के पद भी खाली हैं।

सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण मोहन मिश्र ने प्रदेश के 4512 अशासकीय विद्यालयों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। कहा, सरकार स्ववित्तपोषित विद्यालयों को अधिक स्वतंत्रता और एडेड विद्यालयों में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने कहा कि या तो फीस बढ़ाई जाए या फिर एडेड विद्यालयों को वित्तीय सहायता दी जाए। 

महामंत्री दिनेश चंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों नियुक्ति न होने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने 11 महीने के अल्पकालिक शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है।

कोषाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो हमें भी स्वतंत्र रूप से विद्यालय संचालन की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रबंधकों की समस्याओं से शासन को अवगत कराया जाएगा।

सम्मेलन को वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यभूषण गुप्ता, उपाध्यक्ष महेशपति त्रिपाठी, डॉ. सौरभ कुमार सिंह, मंत्री विश्वेंदु प्रताप राय, उप मंत्री डॉ. उदयभान सिंह ने संबोधित किया। 



अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा गठित, सम्मेलन आज

13 सितम्बर 2024
लखनऊ । अशासकीय विद्यालयों की समस्याओं का निराकरण कराने के उद्देश्य से शुक्रवार को लखनऊ में अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा का गठन किया गया। महासभा का पहला प्रांतीय सम्मेलन शनिवार को चारबाग स्थित रवीन्द्रालय में होगा। इसमें प्रदेश भर के अशासकीय विद्यालयों के प्रबंधक भाग लेंगे और शिक्षा प्रणाली से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

महासभा की प्रथम कार्यकारिणी में कृष्ण मोहन मिश्र अध्यक्ष, सत्य भूषण गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महेश पति त्रिपाठी व डॉ. सौरभ कुमार सिंह उपाध्यक्ष, दिनेश चंद सिंह महामंत्री, विश्वेन्दु प्रताप राय मंत्री, डॉ. उदय भान सिंह उप मंत्री और अजय कुमार श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष चुने गए हैं।

 गठन के बाद प्रेसवार्ता में महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि हमारा उद्देश्य अशासकीय विद्यालयों की स्वायत्तता और उनके प्रबंधन की सम्प्रभुता को पुनः स्थापित करना है। सरकार और शिक्षा विभाग से यह अपेक्षा है कि वह इन विद्यालयों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण करेंगे और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएंगे। 
महासभा शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधार के लिए सरकार और संबंधित विभागों के साथ मिलकर कार्य करने को तैयार है। महामंत्री ने कहा कि शनिवार को प्रथम प्रांतीय सम्मेलन में प्रबंधकों की समस्याओं पर गहन चर्चा होगी और उनके समाधान के लिए सुझाव दिए जाएंगे।

Saturday, September 14, 2024

69000 शिक्षक भर्ती: PNP ने सात अभ्यर्थियों को एक अंक देकर किया उत्तीर्ण, हाईकोर्ट में लंबित अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दी जानकारी

69000 शिक्षक भर्ती: PNP ने सात अभ्यर्थियों को एक अंक देकर किया उत्तीर्ण, हाईकोर्ट में लंबित अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दी जानकारी 

■ गलत आंसर-की भरने वाले हैं ये सातों अभ्यर्थी 
■ परीक्षा नियामक के सचिव ने कोर्ट को दी जानकारी


प्रयागराज । परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 69000 शिक्षक भर्ती में गलत आंसर-की भरने वाले सात अभ्यर्थियों को एक-एक अंक देकर उत्तीर्ण घोषित कर दिया है। यह जानकारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दी।


इस पर कोर्ट ने सभी अवमानना याचिकाओं को पहले से लंबित विजय कुमार भारती की अवमानना याचिका से संबद्ध करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की के लिए एक अंक देकर नियुक्ति की मांग में दाखिल चार अवमानना याचिकाओं पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी, राहुल मिश्र एवं अन्य को सुनकर दिया है। 


कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी उपस्थित हुए। स्थायी अधिवक्ता ने उनका व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रदेश शासन के संयुक्त सचिव ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को शासनादेश भेजा है, जिसमें अवमानना याचिकाओं में शामिल सात याचियों को एक अंक देते हुए नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। 


शासन के इस आदेश के क्रम में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अवमानना याचिका से जुड़े सात याचियों को एक अंक प्रदान कर उत्तीर्ण घोषित कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाओं को पहले से लंबित विजय कुमार भारती की अवमानना याचिका पर सचिव को सेवा से है नए उपस्थिति से उन्मोचित कर दिया।

9वीं व 11वीं के लिए 18 सितम्बर से शुरू होंगे ऑनलाइन पंजीकरण

9वीं व 11वीं के लिए 18 सितम्बर से शुरू होंगे ऑनलाइन पंजीकरण


नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा में ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत 18 सितंबर से करने जा रहा है। यह पंजीकरण प्रक्रिया 16 अक्तूबर तक चलेगी।


 सीबीएसई ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि प्रक्रिया के तहत स्कूलों को छात्रों का ब्यौरा एक बार में ही सही तरीके से भरना होगा। सीबीएसई पोर्टल पर एक बार ब्यौरा जमा होने के बाद उसमें सुधार नहीं किया जा सकेगा। 


स्कूलों को पंजीकरण डेटा में छात्रों की विस्तृत जानकारी को भरना है। इस पंजीकरण प्रक्रिया में भरे गए ब्यौरे से ही दसवीं-बारहवीं की कैंडिडेट लिस्ट तैयार की जाती है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज की ओर से स्कूल प्रिंसिपल को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 


इनमें स्कूलों को कहा गया है कि उन्हें छात्र, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि व अन्य जानकारी को सावधानी से भरना है। स्कूल को छात्र का नाम, माता-पिता का नाम भी पूरा ही लिखना है, संक्षेप में लिखे गए नाम के कारण छात्रों को भविष्य में दिक्कत आएगी। इस साल सीबीएसई ने छात्र की जन्मतिथि जमा करने के लिए नया प्रारूप दिया।

26 सितम्बर को NPS/UPS के विरोध में जिला मुख्यालयों पर आक्रोश मार्च निकालेगा अटेवा, सभी संगठनो से सहायता और सहयोग की अपील

26 सितम्बर 2024 को NPS/UPS के विरोध में जिला मुख्यालयों पर आक्रोश मार्च निकालेगा अटेवा, सभी संगठनो से सहायता और सहयोग की अपील 


यूपी बोर्ड : कक्षा 9–11 के छात्रों के पंजीकरण तथा कक्षा 10–12 के छात्रों की बोर्ड परीक्षा हेतु आवेदन की तिथि फिर बढ़ाई गई

यूपी बोर्ड : कक्षा 9–11 के छात्रों के पंजीकरण तथा कक्षा 10–12 के छात्रों की बोर्ड परीक्षा हेतु आवेदन की तिथि फिर बढ़ाई गई 

यूपी बोर्ड : 100₹ विलम्ब शुल्क के साथ अब 20 सितम्बर तक भर सकेंगे परीक्षा फॉर्म, फिर बढ़ाई गई फॉर्म भरने की तारीख, 10 अक्तूबर तक पूरी करनी होगी प्रक्रिया


प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। अब 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ 20 सितंबर तक चालान जमा करना होगा। इसके बाद 25 सितंबर तक वेबसाइट पर विद्यार्थियों के विवरण अपलोड करने होंगे। शिक्षक नेताओं की मांग पर बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने तारीख बढ़ाई है। इससे फार्म भरने से वंचित रह गए विद्यार्थियों को राहत मिली है।


फॉर्म भरने की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू हुई थी। पांच अगस्त तक निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन लिए गए। इसके बाद 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ 16 अगस्त तक परीक्षा शुल्क जमा कराया गया। 20 अगस्त तक वेबसाइट पर विवरण अपलोड किए गए। इस बीच कुछ विद्यार्थी आवेदन नहीं कर पाए।


शिक्षक नेताओं की मांग बोर्ड के सचिव ने 31 अगस्त तक परीक्षा शुल्क का चालान जमा करने और पांच सितंबर तक विद्यार्थियों का विवरण वेबसाइट पर अपलोड करने का मौका दिया था। इसके बाद फिर से तारीख बढ़ाने की मांग की गई, इसलिए अब 20 सितंबर तक फीस का चालान जमा होगा।


25 सितंबर तक वेबसाइट पर डाटा अपलोड करना होगा। 26 से 30 सितंबर तक वेबसाइट पर अपलोड विद्यार्थियों के विवरण को चेक करना होगा। उसमें गलतियां होने पर एक से पांच अक्तूबर तक संशोधन करना होगा। 10 अक्तूबर तक अभ्यर्थियों की फोटोयुक्त नामावली डीआईओएस कार्यालय में जमा करवानी होगी।


ऐसे ही नौवीं और 11वीं के विद्यार्थियों का पंजीकरण 20 सितंबर तक होगा। 21 से 23 तक अपलोड डाटा चेक किया जाएगा। 24 से 26 सितंबर तक डाटा संशोधित किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद पांच अक्तूबर तक फोटोयुक्त नामावली डीआईओएस कार्यालय में जमा करनी होगी।



Friday, September 13, 2024

सीएम योगी बोले – अभी 57 जिलों में अटल आवासीय स्कूल खोलेंगे और आगे का है यह प्लान

सीएम योगी बोले – अभी 57 जिलों में अटल आवासीय स्कूल खोलेंगे और आगे का है यह प्लान
 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते कहा कि अभी तो 18 अटल आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए हैं, दूसरे चरण में 57 जनपदों में कंपोजिट विद्यालय के रूप में भी ऐसे ही विद्यालय खोलने जा रहे हैं।


तीसरे चरण में प्रदेश की सभी 350 तहसीलों में लेकर जाएंगे तो चौथे चरण में 825 विकास खंड में ऐसे विद्यालयों की स्थापना होगी। पांचवें चरण में हम न्याय पंचायत स्तर पर लेकर जाएंगे। 2000 ऐसे विद्यालय प्रदेश के अंदर दिखाई देंगे जो बच्चों को पहली से 12वीं तक उत्तम शिक्षा देने का माध्यम बनेंगे। 


मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के सभी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र शुभारंभ के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कक्षा 6-9 में प्रवेश वाले बच्चों को बैग-पुस्तकें दीं। उन्होंने कक्षा 6 में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कार और सर्टिफिकेट वितरित किया।


एक अगस्त तक शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कराएं

योगी ने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश भी दिए कि अगले वर्ष से हर हाल में 6 और कक्षा 9 के बच्चों के लिए लिखित परीक्षा 15 जून तक हो औैर 15 जुलाई तक प्रवेश लेकर एक अगस्त तक शैक्षणिक सत्र शुरू कर दिया जाए। अभिभावकों से दो बार बैठक भी करें।

माध्यमिक में भी कमजोर बच्चों का होगा चिह्निकरण, चलेंगी उपचारात्मक कक्षाएं

माध्यमिक में भी कमजोर बच्चों का होगा चिह्निकरण, चलेंगी उपचारात्मक कक्षाएं


 माध्यमिक स्कूलों में उपचारात्मक शिक्षण कार्य शुरू होगा। कक्षाओं के ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा, जिन्हें विषय समझने में दिक्कत आ रही है। यह प्रक्रिया हर विषय की कक्षा में की जाएगी। ताकि पढ़ाई में कमजोर बच्चे भी बेहतर तरीके से विषयों को समझकर पढ़ाई कर सकें। इसके लिए विषयवार शिक्षकों का उपचारात्मक कक्षाओं के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी दे दिया गया है।


पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को अब अन्य बच्चों की बराबरी में लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक स्कूलों में उपचारात्मक कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने सभी जिले के डीआईओएस को निर्देश भी जारी किए हैं। स्कूलों में उपचारात्मक कक्षाओं का संचालन करने से पहले विषयवार शिक्षकों का प्रशिक्षण दिया गया है। शिक्षकों का प्रशिक्षण सत्र पूरा होने के बाद यह शिक्षक पढ़ाई में कमजोर छात्रों के लिए स्कूलों अतिरिक्त उपचारात्मक कक्षाओं का आयोजन करेंगे।


25 फीसदी कमजोर विद्यार्थियों का होगा चयन
उपचारात्मक कक्षाओं के लिए 25 फीसदी विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। उपचारात्मक कक्षाओं के लिए कक्षा नौ से इंटर तक के ऐसे विद्यार्थियों का शामिल किया जाएगा, जो अधिकांश कक्षा से अनुपस्थित या बीमार रहा हो, जिनके सीखने की गति थोड़ा धीमी हो अथवा आत्मविश्वास की कमी या स्वयं का आकलन न कर सकता हो।


इन विषयों के लिए लगेंगी उपचारात्मक कक्षाएं
 उपचारात्मक कक्षाओं के लिए कक्षा नौ व दस के लिए विज्ञान, गणित, हिंदी व अंग्रेजी विषय को शामिल किया गया है, जबकि कक्षा 11 व 12 के लिए गणित, अंग्रेजी, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान व जीव विज्ञान को शामिल किया गया है।


रोजाना चलेंगी कक्षाएं
प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षकों को स्कूलों में कमजोर विद्यार्थियों को दूसरे बच्चों की बराबरी में लाने के लिए कक्षाओं का आयोजन करना होगा। इसके लिए रोजाना विद्यालय समय में ही कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।

Thursday, September 12, 2024

NCPCR on MADARSA: अच्छी शिक्षा के हक से वंचित कर रहे मदरसे, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सुप्रीम कोर्ट में बयान – मदरसे उचित शिक्षा के लिए अनुपयुक्त

NCPCR on MADARSA: अच्छी शिक्षा के हक से वंचित कर रहे मदरसे, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सुप्रीम कोर्ट में बयान – मदरसे उचित शिक्षा के लिए अनुपयुक्त


नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि मदरसे उचित शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुपयुक्त और अयोग्य स्थान हैं। ये शिक्षा के लिए जरूरी माहौल और सुविधाएं नहीं दे पा रहे। बच्चों को औपचारिक, गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। मनमाने तरीके से काम करते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहे हैं।


आयोग की ये लिखित दलीलें यूपी के मदरसा एक्ट को असांविधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर आई हैं। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगा। आयोग ने कहा कि मदरसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम, 2015 का उल्लंघन करते हैं। मदरसे शिक्षा के अधिकार कानून के तहत नहीं आते, इसलिए इनमें पढ़ने वाले बच्चे न सिर्फ बाकी स्कूलों में मिलने वाली औपचारिक व जरूरी शिक्षा से वंचित रहते है, बल्कि उन्हें आरटीई अधिनियम के तहत मिलने वाले अन्य फायदे भी नहीं मिल पाते। यह बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के मौलिक सांविधानिक अधिकार का उल्लंघन है। मदरसों का ज्यादातर जोर धार्मिक शिक्षा पर ही होता है, मुख्य धारा की शिक्षा में उनकी भागीदारी कम ही होती है।


भ्रामक फतवों का दिया हवाला
आयोग ने देवबंद में मौजूद दारुल उलूम मदरसे की वेबसाइट पर मौजूद कई आपत्तिजनक कंटेंट का भी हवाला दिया। आयोग के मुताबिक वेबसाइट पर एक फतवा नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध पर दिया गया था, जो न सिर्फ भ्रामक है, बल्कि पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों का भी उल्लंघन है।


मिड डे मील, यूनिफार्म, प्रशिक्षित शिक्षकों जैसी सुविधाएं नहीं
आयोग ने दलील दी कि मदरसों में बच्चों को मिड डे मील, यूनिफॉर्म और स्कूल में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों जैसी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। मदरसे आरटीई अधिनियम, 2009 या किसी भी अन्य लागू कानूनों की आवश्यकताओं का पालन नहीं करते हैं।




मदरसों की शिक्षा का स्तर सही नहीं


नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि मदरसे में दी जाने वाली शिक्षा व्यापक नहीं है। आयोग ने मदरसा शिक्षा को शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के खिलाफ बताया है।


आयोग ने शीर्ष अदालत में कहा, बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहने के कारण मदरसा बच्चों के अच्छी शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं। आयोग ने कहा, मदरसे में बच्चों को न केवल उपयुक्त शिक्षा बल्कि स्वस्थ माहौल और विकास के बेहतर अवसरों से भी वंचित किया जा रहा है। मदरसे में गैर-मुस्लिमों को इस्लामी धार्मिक शिक्षा भी दी जा रही जो अनुच्छेद 28 (3) का उल्लंघन है।


'कामिल और फाजिल' डिग्री के आधार पर नहीं मिल सकती नौकरीः यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यूपी मदरसा बोर्ड द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर दी जाने वाली 'कामिल और फाजिल' डिग्री के आधार पर युवाओं को न तो राज्य और न ही भारत सरकार में नौकरी मिल सकती है। कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि मदरसा बोर्ड की डिग्रियों को को किसी यूनिवर्सिटी की डिग्री के समकक्ष नहीं हैं और न ही किसी बोर्ड के पाठ्यक्रम या विश्वविद्यालय के किसी डिग्री के विकल्प के रूप में मान्यता दी गई है। सरकार ने बताया कि ऐसे में, मदरसा बोर्ड से स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई करने वाले छात्र केवल उन्हीं नौकरियों के लिए ही योग्य हो सकते हैं जिनके लिए हाईस्कूल / इंटरमीडिएट योग्यता की आवश्यकता होती है।


काम करने का तरीका भी मनमानाः
आयोग ने कहा कि मदरसे में बच्चों को न केवल उपयुक्त शिक्षा बल्कि स्वस्थ माहौल और विकास के बेहतर अवसरों से भी वंचित किया जा रहा है। आयोग ने कहा कि ऐसे संस्थान में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे मुख्य धारा के स्कूल में प्रदान किए जाने वाले स्कूली पाठ्यक्रम के बुनियादी ज्ञान से वंचित होंगे। एनसीपीसीआर ने मदरसा न सिर्फ शिक्षा के लिए असंतोषजनक और अपर्याप्त मॉडल है बल्कि उनके काम करने का तरीका भी मनमाना है, जो पूरी तरह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 29 के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रिया के अभाव में है।


कामिल-फाजिल डिग्री न्यूनतम शैक्षिक योग्यताएं

इसके अलावा, राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर, यूपी मदरसा बोर्ड अरबी-फारसी और दीनयात विषयों की शिक्षा के लिए विशेष पाठ्यक्रम क्रमशः कामिल और फाजिल डिग्री प्रदान करता है। यह मदरसों में अरबी- फारसी और दीनयात विषयों की शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षिक योग्यताएं हैं। यूपी सरकार ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा।

40 हजार शिक्षकों-कर्मचारियों की विजिलेंस जांच के विरोध में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ

40 हजार शिक्षकों-कर्मचारियों की विजिलेंस जांच के विरोध में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ

12 सितंबर 2024
लखनऊ। माध्यमिक विद्यालयों में 1981 से 2020 के बीच तैनात करीब 40 हजार शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विजिलेंस जांच का मामला तूल पकड़ने लगा है। हाल ही में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी जांच के पत्र का उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने विरोध किया है।

 संघ ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। संघ के प्रांतीय संरक्षक व एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल और प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि 1981 से 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विजिलेंस जांच कराने का निर्णय हैरान करने वाला है। नियुक्तियों के नाम पर पूरे प्रदेश में भय का वातावरण पैदा किया गया है। इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए अन्यथा पठन-पाठन बंद कर आंदोलन होगा। 


एडेड विद्यालयों के 40 हजार शिक्षकों व कर्मचारियों की विजिलेंस जांच फिर तेज

माध्यमिक विद्यालयों में 1981 से 2020 तक की नियुक्तियों का मामला

विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे विवरण, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने भेजा पत्र

03 सितंबर 2024
लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में अयोध्या से शुरू हुई जांच का दायरा काफी विस्तृत होता जा रहा है। विजिलेंस की जांच के दायरे में वर्ष 1981 से 2020 तक नियुक्त लगभग 40 हजार शिक्षक-कर्मचारी आ गए हैं।


पिछले दिनों विजिलेंस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर कहा था कि विभागीय अधिकारी नियुक्तियों से जुड़े दस्तावेज नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। इसकी वजह से जांच प्रभावित हो रही है। 


इसी क्रम में अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर जिलों में वर्ष 1981 से 2020 के बीच सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्त लगभग शिक्षकों-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी की बात कहते हुए सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर कागजात विजिलेंस को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। 


हालांकि जिला स्तर पर इतने पुराने दस्तावेज एकत्र करने व उपलब्ध कराने में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं काफी शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कई का निधन भी हो चुका है।


दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि यह जांच कुछ शिक्षकों के खिलाफ होनी थी। इसे अनावश्यक विस्तार दिया जा रहा है। यह षड्यंत्र है और इससे सेवानिवृत्त व कार्यरत शिक्षकों का आर्थिक शोषण शुरू होगा। शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा। 

Wednesday, September 11, 2024

बोर्ड ने खत्म की प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता, तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट की जाएगी ऑनलाइन

बोर्ड ने खत्म की प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता, तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट की जाएगी ऑनलाइन

अधिकांश मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए दी थी अर्जी


तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट की जाएगी ऑनलाइन

मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में वर्ष 1995 से लेकर अब तक की मार्क्सशीट वेबसाइट पर अपलोड करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। प्रदेश के 560 अनुदानित मदरसों के लिए एक मॉडल प्रशासन योजना अनुमोदित की गई। बैठक में पोर्टल पर पंजीकरण से छूटे मदरसों को जोड़ने की अनुमति का प्रस्ताव शासन को भेजने, बजट बढ़ाने, परीक्षा फरवरी 2025 में कराने के प्रस्ताव पर भी बात की गई। मदरसा मिनी आईटीआई योजना में सुधार के लिए समिति का गठन करने पर सहमति दी गई।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी गई है। इंदिरा भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के सभागार में मंगलवार को बोर्ड के कार्यकाल की अंतिम बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इनमें से अधिकांश मदरसों ने खुद ही मान्यता खत्म करने के लिए अर्जी दी थी। वहीं, कई मदरसों में मानक से कम विद्यार्थी होने से उनकी यू-डायस पर फीडिंग नहीं की गई, जबकि कई का संचालन ही नहीं हो रहा था।

यूपी मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त प्रदेश में करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें से 560 अनुदानित मदरसे हैं। बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि झांसी के 242 और मऊ के 10 मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजा था, जबकि अंबेडकरनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने 234 मदरसों की मान्यता खत्म करने की सिफारिश की थी। इनमें अधिकांश ने यू- डायस कोड से छात्रों के दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए थे। चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि अधिकांश मदरसा आधुनिकीकरण योजना से चल थे। अब योजना खत्म हो गई है।

ऑनलाइन दी जाएगी मदरसों को मान्यता मदरसा बोर्ड ने अपने कार्यकाल की

अंतिम बैठक में एक बार फिर मदरसों को नई मान्यता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। तय हुआ कि बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा की तर्ज पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की नई मान्यता के आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसा बोर्ड अपने तीन साल के कार्यकाल में होने वाली लगभग हर बैठक में नई मान्यता को लेकर चर्चा कर चुका है। कई बार शासन को प्रस्ताव भी भेजे, लेकिन शासन ने कोई निर्णय नहीं लिया था। मदरसा बोर्ड से साल 2017 से प्रदेश के मदरसों को मान्यता नहीं दी गई है। इस बार प्रदेश में कराए गए सर्वे में सामने आए 8449 मदरसों को बोर्ड से मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। मान्यता के बावजूद पोर्टल से छूटे 2500 मदरसों के साथ मानक पूरे करने वाले अस्थायी मदरसों को स्थायी मान्यता मिलना भी आसान हो जाएगा।


फरवरी 2025 में होगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं

परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षा 2025 को अगले वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित कराने पर सहमति बनी। इसके लिए सभी जरूरी कार्यवाही तत्परता से पूरा कराने के निर्देश दिए गए।

बैठक में लिए गए निर्णय 👇



मदरसा बोर्ड में अब एक क्लिक पर मिलेंगी तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट, वर्ष 1995 से अब तक के रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय
 


09 सितम्बर 2024
लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की 29 साल पुरानी मार्क्सशीट को भी अब एक क्लिक पर घर बैठे देखा जा सकेगा। बोर्ड ने वर्ष 1995 से अब तक के रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया है। 


मार्क्सशीट ऑनलाइन होने के बाद मौके पर ही उनका वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। मंगलवार को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगाएगा। बोर्ड का कार्यकाल भी इसी महीने 16 सितंबर को समाप्त हो रहा है। 


चेयरमैन ने सभी सदस्यों की बैठक इंदिरा भवन में बुलाई है। बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुसार मदरसा बोर्ड का पाठ्यक्रम तैयार करने पर मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी। 

69000 शिक्षक भर्ती: एक नंबर से चयन से वंचित अभ्यर्थियों को भी है अपनी नियुक्ति का इंतजार

69000 शिक्षक भर्ती: एक नंबर से चयन से वंचित अभ्यर्थियों को भी है अपनी नियुक्ति का इंतजार


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती का मामला पहली बार सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंचा है। इससे पहले एक नंबर से चयन से वंचित रहे अभ्यर्थियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। र्थयों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अभ्यर्थियों की ने शैक्षिक परिभाषा के सवाल पर एक अंक बढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन 2200 से ज्यादा अभ्यर्थी दो साल से आदेश के पालन का इंतजार कर रहे हैं।


दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती की फाइनल आंसर की जारी होने के साथ ही मई 2020 में अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में शैक्षिक परिभाषा के सवाल को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें 25 अगस्त 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक नंबर बढ़ाते हुए कोर्ट में आए याचियों को अंतिम कटऑफ, गुणांक मेरिट के अनुसार चयन करने का आदेश दिया था। अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि इस मामले में विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर 9 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए याचियों के पक्ष में फैसला सुनाया।


परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जनवरी 2023 में ऑनलाइन प्रत्यावेदन लेकर 2249 अभ्यर्थियों की सूची तैयार की थी। इसे सचिव बेसिक शिक्षा में कटऑफ, गुर्णांक मेरिट निर्धारित करने के लिए भेजा था। 


अभ्यर्थियों ने महीनों दिया था धरना

एक नंबर बढ़ाने के आदेश को लागू कराने व नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने अगस्त 2023 से दिसंबर 2023 तक लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया था, लेकिन अब तक विभाग भर्ती का कटऑफ, गुणांक निर्धारित नहीं कर सका है। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूरी सूची निरस्त कर नए सिरे से सूची बनाने का आदेश हो जाता है। दुर्गेश ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों को भी तैनाती दे।

69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने फिर घेरा डिप्टी सीएम केशव का घर

69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने फिर घेरा डिप्टी सीएम केशव का घर

11 सितम्बर 2024
लखनऊ। सुप्रीमकोर्ट के 69 हजार शिक्षक भर्ती की नई चयन सूची पर रोक के अंतरिम आदेश के बाद मंगलवार को आरक्षित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले का सरकार द्वारा पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी जतायी। धरने पर बैठे करीब 30 अभ्यर्थियों ने नारेबाजी की।

डिप्टी सीएम के आवास पर न होने से अभ्यर्थियों की भेंट नहीं हो सकी। करीब तीन घंटे बाद आवास पर ज्ञापन देकर चले गए। धरने का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि सरकार मामले को जानबूझ कर लटका रही है। 

हाईकोर्ट का फैसला आने के बावजूद सरकार ने नई चयन सूची नहीं जारी की। मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण पर सरकार से जवाब मांगा है। सरकार कुछ ऐसा जवाब दाखिल करे, जिससे सभी का हित हो। हम आरक्षित वर्ग को न्याय मिल सके।



69000 शिक्षक भर्ती : सीएम योगी से नहीं हो सकी आंदोलनरत अभ्यर्थियों की मुलाकात 

अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें

8 सितम्बर 2024
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के अनुपालन के लिए आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात प्रस्तावित थी। किंतु कतिपय कारणों से यह मुलाकात नहीं हो सकी। अब आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों व चयनितों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं।


अभ्यर्थियों का नेतृत्व करने वाले अमरेंद्र पटेल ने कहा कि पिछले दिनों मुलाकात में मंत्री ओपी राजभर और जिला प्रशासन ने शनिवार को सीएम से उनकी मुलाकात कराने की बात कही थी, लेकिन इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली। इस वजह से उनकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई।


दूसरी तरफ अब दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। चयनित शिक्षकों व अनारक्षित वर्ग की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सोमवार को सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। वहीं आरक्षित वर्ग पहले ही मामले में कैविएट दाखिल कर चुका है। बता दें कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद उसे लागू करने के लिए लगातार आंदोलन व मंत्रियों के आवास का घेराव कर रहे हैं। 



69000 शिक्षक भर्ती: धरने पर बैठे अभ्यर्थियों की आज सीएम योगी से गोरखपुर में होगी मुलाकात, मंत्री संजय निषाद के आवास का किया घेराव

07 सितम्बर 2024
इलाहाबाद हाईकोर्ट डबल बेंच का आदेश लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रयास रंग ला रहा है। कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर व जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया गया है। इसके लिए अभ्यर्थियों से प्रतिनिधिमंडल का नाम भी मांगा गया है। वहीं शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया।

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि आंदोलनरत आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार देर शाम गोरखपुर में मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से आंदोलन कर रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से पांच नाम मांगे गए थे, जो भेज दिए गए हैं। मुख्यमंत्री से मिलकर हम अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे, ताकि प्रभावित सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके।

वहीं दूसरी तरफ आंदोलन के क्रम में अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया। यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी प्रदर्शन करते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रहे थे। मंत्री के लखनऊ में न होने के कारण अभ्यर्थियों की उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं पुलिस उन्हें बस से ईको गार्डन ले गई। बता दें कि इससे पहले अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव किया था।


69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों को सीएम से वार्ता का मिला आश्वासन, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने घेरा मंत्री राजभर का आवास

06 सितम्बर 2024
लखनऊ। हाईकोर्ट डबल बेंच के आदेश के पालन के लिए लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बृहस्पतिवार को पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का पालन करने व नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे।

मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याएं सुनीं और ज्ञापन लिया। राजभर ने आश्वासन दिया कि वे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सात सितंबर को करवाएंगे। इस मामले का समाधान जल्द ही किया जाएगा। सीएम से मिलने के लिए उन्होंने पांच अभ्यर्थियों के नाम भी मांगे।


धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा अभ्यर्थी चार साल से सड़कों पर भटक रहे हैं। अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने भर्ती की मूल चयन सूची रद्द कर सरकार को तीन महीने में आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई काम शुरू नहीं किया है। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है।



बारिश में भी डटे रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी, नियुक्ति के लिए घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का आवास

05 सितम्बर 2024
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश का अनुपालन कराने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का आवास घेरा। सुबह लगभग 11 बजे बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी यहां धरने पर बैठ गए और नियुक्ति दिए जाने की मांग की। वहीं दोपहर में हुई भारी बरसात के बीच भी वे डटे रहे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद ही लौटे।

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं व मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं। हम सभी अभ्यर्थी पिछले चार साल से भटक रहे हैं। अब कोर्ट के फैसले का पालन किया जाना चाहिए, किंतु विभागीय अधिकारी इसमें भी हीलाहवाली कर रहे हैं।


हाईकोर्ट ने पुरानी चयन रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। किंतु सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है। 


जल्द अभ्यर्थियों की सीएम से कराएंगे मुलाकात 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने धरना दे रहे अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर बात की। इसमें उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। अभ्यर्थियों का ज्ञापन लेते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जल्द ही वह मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात करेंगे। साथ ही अभ्यर्थियों की भी मुलाकात कराएंगे। प्रतिनिधिमंडल में अमरेन्द्र पटेल, वीरेन्द्र, विजय, अर्चना, विक्रम शामिल थे।


आरक्षण घोटाले के पीड़ित अभ्यर्थियों की नई चयन सूची जारी करे सरकार

लखनऊ। 69000 शिक्षक घोटाला के खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा ने बुधवार को मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरक्षण घोटाले के पीड़ित अभ्यर्थियों की नई चयन सूची जारी करने की सरकार से मांग की। जिलाधिकारी के जरिये राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित कर मामले में दखल देने की अपील की। 

परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सह सचिव राजीव गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण घोटाला के खिलाफ हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने के बजाय नई चयन सूची की मांग कर र रहे छात्रों पर लाठीचार्ज कर रही है लेकिन अभी तक आरक्षण घोटाले के एक भी दोषी को सजा नहीं दी गई। वहीं, नीरज कनौजिया ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती को आजादी के बाद का सबसे बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला बताया। 



कैबिनेट मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन, अपनी मांगों को लेकर 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का जोरदार हंगामा

मंत्री को सौंपा ज्ञापन न्याय पाने तक संघर्ष जारी रखने का एलान

04 सितम्बर 2024
लखनऊ- 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन यूपी की राजधानी लखनऊ में जारी है. आज 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ने कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।

मंत्री आशीष पटेल के आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी बैठे है. प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक नियुक्ति देने की मांग.आशीष और अनुप्रिया पटेल के आवास का घेराव किया.पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को हटाने की मांग है. मंत्री के आवास पर प्रदर्शन के दौरान महिला अभ्यर्थी बेहोश भी हो गई.


बता दें कि कल भी शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन करते हुए उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था. कल भी प्रर्दशन करने वाले अभ्यर्थीयों का कहना था कि वो नियुक्ति मांगने के लिए आए हुए है. वह यह प्रदर्शन नई सूची बनाकर तत्काल नियुक्ति की मांग करने के लिए कर रहे है.प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थीयों का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा.


69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा मंत्री आशीष पटेल का आवास

अभ्यर्थियों ने कहा- जल्द नियुक्ति दी जाए, दागी अधिकारी हटाए जाएं


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अपना दल (एस) पार्टी कार्यालय व मंत्री आशीष पटेल के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ डबल बेंच के फैसले का पालन किए जाने के लिए मंत्री के घर के सामने धरने पर बैठे। कड़ी धूप होने से कुछ अभ्यर्थियों की तबीयत भी खराब हुई। इन्हें अस्पताल भेजा गया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो निर्णय आया है, सरकार उसे जल्द लागू करे और न्याय देते हुए नियुक्ति का रास्ता साफ करे। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी की जा सके। 

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि भर्ती में बड़े स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है।

चुनाव में लगे सभी कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त मानदेय की मांग

चुनाव में लगे सभी कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त मानदेय की मांग


लखनऊ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव में ड्यूटी करने वाले निर्वाचन विभाग के अधिकारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन/मानदेय देने का आदेश दिया है। 

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से चुनाव में लगे सभी कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय देने की मांग की है। 


एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि बीएलओ, सुपरवाइजर लगातार चुनाव के कार्य में लगे होते हैं। लाखों शिक्षक, शिक्षामित्र चुनाव का करीब 40 फीसदी कार्य करते हैं। इन्हें अतिरिक्त वेतन, मानदेय न देकर सिर्फ निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों को एक माह का वेतन देना न्यायोचित नहीं है। सभी कर्मियों के साथ एक जैसा व्यवहार ही किया जाए।

Tuesday, September 10, 2024

महिला शिक्षामित्रों को ससुराल में तबादले का मिल सकता है मौका, चाइल्ड केयर लीव और आयुष्मान की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधा देने पर विचार करने का मिला आश्वासन

महिला शिक्षामित्रों को ससुराल में तबादले का मिल सकता है मौका, चाइल्ड केयर लीव और आयुष्मान की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधा देने पर विचार करने का मिला आश्वासन 
शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि व

प्रशिक्षित वेतनमान पर उच्च स्तर से अनुमति लेकर सकारात्मक निर्णय लेने की बात कही। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि मृत शिक्षामित्रों के परिजनों को नौकरी देने व सेवानिवृत्त आयु 62 साल करने की मांग पर सहमति नहीं बनी।

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मिला शिक्षामित्रों का  प्रतिनिधिमंडल


लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षामित्रों को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग महिला शिक्षामित्रों को जिनकी नियुक्ति शादी के पहले हुई है, उनको ससुराल वाले जिले में तबादला देने पर सकारात्मक निर्णय लेगा। यह आश्वासन सोमवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम के साथ हुई शिक्षकों की वार्ता में मिला। 


आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता में अधिकारियों ने चाइल्ड केयर लीव देने व आयुष्मान की तर्ज पर किसी अन्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधा देने पर विचार करने का आश्वासन दिया। वहीं शिक्षामित्रों के मानदेय व में वृद्धि व प्रशिक्षित वेतनमान पर उच्च स्तर से अनुमति लेकर सकारात्मक निर्णय लेने की बात कही।


एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि मृत शिक्षामित्रों के परिजनों को नौकरी देने व सेवानिवृत्त आयु 62 साल करने की मांग पर सहमति नहीं बनी। प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, राधेरमण त्रिपाठी, शिव शंकर पांडेय, विश्वनाथ सिंह, उमेश पांडेय, गदाधर दुबे, अभय सिंह, रीना सिंह, उदयवीर सिंह आदि शामिल थे। 




महिला शिक्षामित्रों को स्थानांतरण का विकल्प देने पर विचार

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में कार्यरत महिला शिक्षामित्रों को स्थानांतरण का विकल्प देने पर विचार किया जाएगा। ऐसी तमाम शिक्षामित्र हैं जो शादी से पहले नौकरी पा गईं थी। उस समय उन्हें उनके मायके की ग्राम पंचायत के परिषदीय स्कूलों में तैनाती दे दी गई। अब शादी के बाद उन्हें रोज ड्यूटी करने के लिए अपनी ससुराल से दूर जाना पड़ता है। जिन महिला शिक्षामित्रों की शादी दूसरे जिलों में हुई है, उन्हें ज्यादा कठिनाई उठानी पड़ती है।

सोमवार को आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम ने आश्वासन दिया कि वह महिला शिक्षामित्रों को स्थानांतरण की सुविधा दिलाने पर गंभीरता से विचार करेंगे। 

सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में एसोसिएशन के संरक्षक डा. दिनेश चंद्र शर्मा व अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह कुशवाहा ने उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को 11 आकस्मिक अवकाश ही दिए जाते हैं, जबकि शिक्षकों को 14 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं। उन्होंने इसे बढ़ाने की मांग की। महिला शिक्षामित्रों को प्रसूति अवकाश के साथ चाइल्ड केयर लीव देने की भी मांग की गई। मानदेय में वृद्धि किए जाने और शिक्षकों की तरह ही 62 वर्ष में रिटायर किए जाने की भी मांग की।

CBSE Sample Papers Download: सीबीएसई ने जारी किया 10वीं और 12वीं का सैंपल पेपर

CBSE Sample Papers Download: सीबीएसई ने जारी किया 10वीं और 12वीं का सैंपल पेपर


लखनऊ। सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए सैंपल प्रश्नपत्र और मार्किंग स्कीम जारी कर दिया है। cbseacademic.nic.in पर जाकर इसे डाउनलोड कर सकते हैं। 


सैंपल प्रश्नपत्र बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होते हैं। सीबीएसई की ओर से यह विल्कुल फ्री हैं। जिन्हें विद्यार्थी पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं। पेपर की मार्किंग स्कीम भी बगल के लिंक में है, देख सकते हैं कि प्रश्न को हल करने के बाद कितने नंबर मिलेंगे।


 सीबीएसई कोऑर्डिनेटर  ने बताया कि इससे विद्यार्थियों को काफी सहूलियत मिलती है, इससे वह परीक्षा की पहले से अच्छी तैयारी कर सकते हैं। बदलते समय के साथ-साथ पढ़ाई का पैटर्न भी बदला है। अगर पहले से पता चल जाए तो तैयारी में आसानी होती है।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा की कार्ययोजना बताए सरकार हाईकोर्ट ने सरकार को दिया निर्देश

स्कूली बच्चों की सुरक्षा की कार्ययोजना बताए सरकार हाईकोर्ट ने सरकार को दिया निर्देश

एक अक्तूबर को फिर होगी सुनवाई, बाराबंकी में स्कूल की घटना पर भी मांगा जवाब


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ने सुरक्षा मानकों व नियम कानूनों का उल्लंघन कर चल रहे स्कूलों के मामले का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूलों और विद्यार्थियों की सुरक्षा की कार्ययोजना बनाकर 1 अक्तूबर को पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने बाराबंकी में एक स्कूल ढहने पर बच्चों को चोट लगने की जानकारी के - साथ जवाब मांगा है। वहीं, लखनऊ में - छोटे बच्चों की वैन को स्कूल परिसर में लाने-ले जाने के आदेश मामले में डीसीपी यातायात को तलब किया है।


न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश गोमती रिवर बैंक रेजीडेंट्स की और से वर्ष 2020 में दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। इसमें शहर के आवासीय क्षेत्रों में मानकों के उल्लंघन में चल रहे स्कूलों का मुद्दा खास तौर पर उठाया गया है। ऐसे 16 स्कूलों की लगाई गई सूची में जापलिंग रोड के सीएमएस स्कूल समेत अन्य स्कूलों के नाम हैं।


इस मामले में पहले कोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट तलब की थी। साथ ही जानकारी देने को प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को तलब किया था। कोर्ट के आदेश के तहत बीते 5 माह से  नीति बनाने की प्रक्रिया में हैं। इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वर्ष 2021 के नए दिशानिर्देशों के तहत सुरक्षा संबंधी कार्ययोजना बनाकर 1 अक्तूबर तक पेश करे।


मामले में नियुक्त न्यायमित्र अधिवक्ता ने अर्जी दाखिल कर कोर्ट को बताया कि हाल ही में बाराबंकी के जहांगीराबाद स्थित अवध चिल्ड्रेन एकेडमी नामक प्राइवेट स्कूल की एक मंजिल ढहने से 15-20 बच्चों को चोट लगी है। इस पर कोर्ट ने टेस्ट केस मानकर संबंधित अफसरों से कई बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।


सितंबर को माध्यमिक शिक्षा सचिव वेदपाल मिश्र कोर्ट में पेश हुए। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार और संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था अमित वर्मा के अनुपालन के हलफनामे पेश किए गए। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि संबंधित अफसर सुप्रीम कोर्ट के अविनाश मेहरोत्रा के मामले में दिए गए सुरक्षा संबंधी निर्देशों को लागू करने के कोर्ट ने पूछा कि क्या घटना के पहले स्कूल का कोई सेफ्टी ऑडिट हुआ था। अगर हुआ तो उसकी रिपोर्ट दाखिल करें। अदालत ने कई बिंदुओं पर घटना का पूरा ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अन्य प्राधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण किया हो तो उसकी रिपोर्ट भी दें।



लखनऊ में छोटे बच्चों को स्कूल परिसर से लाने और ले जाने के मामले में डीसीपी यातायात तलब

हाईकोर्ट ने इसी मामले में लखनऊ में छोटे बच्चों की स्कूल परिसर से लाने ले जाने के मामले में डीसीपी यातायात को भी 1 अक्तूबर को तलब किया है। कोर्ट के पहले के आदेश के तहत संयुक्त पुलिस आयुक्त अमित वर्मा ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के पालन में शहर के कुछ स्कूलों ने पांचवीं कक्षा तक के छोटे बच्चों को वैन से स्कूल परिसर से लाने और ले जाने की व्यवस्था कर ली है। जबकि कुछ स्कूल अभी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि निर्देशों का पालन न करने वालों की जानकारी दें जिससे कोर्ट इसपर आदेश दे सके। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यातायात को लेकर पहले जारी निर्देशों का पालन जारी रखा जाए और इन्हें लखनऊ के बाकी स्कूलों में भी पालन कराया जाए।

Monday, September 9, 2024

छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे, अब बेसिक शिक्षकों के भरोसे साक्षरता !

छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे, अब बेसिक शिक्षकों के भरोसे साक्षरता !

पहले से ही गैर शैक्षणिक कार्यों से जूझ रहे हैं शिक्षक, अब और होगी दिक्कत 

करीब छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, अन्य व्यवस्था नहीं


लखनऊ । 15 वर्ष से अधिक निरक्षरों को साक्षर बनाने की मुहिम धीमी पड़ती नजर आ रही है। 2018 में निरक्षरों के लिए डेडीकेटेड लोक शिक्षा केन्द्रों को बंद कर दिया गया। अब पहले से ही तमाम गैर शैक्षणिक कार्यों से जूझ रहे बेसिक शिक्षकों को यह कार्य थमा दिया गया है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि साक्षरता मिशन को कैसे अंजाम दिया जाएगा।
साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत 2012 में लोक शिक्षा समिति का गठन कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक लोक शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई थी। प्रत्येक लोक शिक्षा केन्द्र पर दो प्रेरक नियुक्त किए गए थे। इन प्रेरकों का कार्य 15 से 65 वर्ष की आयु के निरक्षरों को कर उन्हें साक्षर बनाना था।

नियमित अंतराल पर निरक्षरों की परीक्षा आयोजित कर उन्हें साक्षर बनाया जाता था। प्रेरकों को दो हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय भी दिया जाता था लेकिन 2018 में इस योजना को बंद कर दिया गया। प्रेरकों के मानदेय का मामला अब भी शासन के पास है।


चिन्हित बच्चों को पढ़ाएं या वालंटियर खोजें?
वर्तमान समय में निरक्षरों और उन्हें साक्षर करने वाले वालंटियर्स को खोजने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षकों को दी गई है। पहले से ही अनेक गैर शैक्षणिक कार्यों में उलझे बेसिक शिक्षकों के पास पूरी गंभीरता से इस कार्य को करने के लिए समय नहीं है। सूत्र बताते हैं कि किसी तरह चिन्हित किए गए निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे हैं। इस मसले पर सिर्फ कागजी बाजीगरी की जा रही है। बीते साल 23 हजार निरक्षर चिन्हित किए गए थे। इस वर्ष चिन्हीकरण जारी है।


स्कूली खेल प्रतियोगिताओं में अब सिर्फ यूपी बोर्ड के छात्र ही लेंगे हिस्सा

स्कूली खेल प्रतियोगिताओं में अब सिर्फ यूपी बोर्ड के छात्र ही लेंगे हिस्सा

प्रतियोगिताओं में नहीं खेल पाएंगे आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड के खिलाड़ी


प्रयागराज। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से सत्र 2024- 25 का खेल कैलेंडर जारी किया गया है। इसमें अब स्कूली खेलों में सिर्फ यूपी बोर्ड के खिलाड़ी ही हिस्सा ले सकेंगे।

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के खिलाड़ी अब इन प्रतियोगिताओं का हिस्सा नहीं होंगे। नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।


स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से खेले जाने वाली माध्यमिक विद्यालय प्रतियोगिताओं में बीते वर्षों में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के खिलाड़ी यूपी बोर्ड के खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरते थे लेकिन इस बार नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।


वहीं, सीके नायडू अंडर-19 प्रतियोगिता के ट्रायल के लिए यूपी बोर्ड के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। संयोजक विद्यालय डॉ. केएन काटजू के क्रीडा अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने बताया 20 सितंबर को सीके नायडू प्रतियोगिता के लिए होने वाला ट्रायल अगली तिथि तक रद्द कर दिया गया है।

मौसम को देखते हुए जल्द ही नई तिथि घोषित की जाएगी। अगली तिथि से पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं अपना रजिस्ट्रेशन जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज की वेबसाइट पर अवश्य करा लें।

अन्तर्जनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों को अब वेतन वृद्धि का इंतजार, सर्विस बुक ऑनलाइन इंक्रीमेंट, फिर भी लगाने में आनाकानी कर रहे बीईओ

अन्तर्जनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों को अब वेतन वृद्धि का इंतजार

सर्विस बुक ऑनलाइन इंक्रीमेंट , फिर भी लगाने में आनाकानी कर रहे बीईओ


लखनऊ : डेढ़ साल चली लंबी प्रक्रिया के बाद दूसरे जिलों से तबादला होकर आए बेसिक शिक्षकों को अभी तक इंक्रीमेंट का इंतजार कर रहे हैं।


जून में प्रदेश के करीब 2,700 शिक्षकों के अंतरजनपदीय म्यूचुअल तबादले पूरे हो गए थे। जुलाई में सबका इंक्रीमेंट लगता है। तबादला होकर आए शिक्षकों का अगस्त तक का वेतन आ गया लेकिन इंक्रीमेंट लगकर नहीं आया। 


कई शिक्षकों ने अप्लीकेशन लिखकर इंक्रीमेंट लगाने की मांग की है। इसके बावजूद बीईओ इसमें आनाकानी कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बीईओ जिस जिले से आए हैं, वहां से रेकॉर्ड का मिलान करने की बात कह रहे हैं जबकि सभी शिक्षकों की सर्विस बुक ऑनलाइन हैं। तुरंत सभी रेकॉर्ड का मिलाने किया जा सकता है। 


बाराबंकी से लखनऊ के माल ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय लोधई में शिक्षक निर्भय सिंह ने बताया कि वह बीईओ को अप्लीकेशन भी लिख चुके हैं लेकिन अभी तक इंक्रीमेंट नहीं लगा। बहराइच से गोंडा के प्राथमिक विद्यालय कुंडरी खेमपुर में तबादला होकर आए शिक्षक पवन मिश्र और रचना राय ने भी बताया कि अभी तक उनका इंक्रीमेंट नहीं लगा। अभी उनके रेकॉर्ड मंगाकर मिलान करने की बात अधिकारी कह रहे हैं। 


बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि स्पष्ट निर्देश हैं कि जुलाई में सभी का इंक्रीमेंट लग जाना चाहिए। यदि कहीं से भी इस तरह की शिकायत है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

Sunday, September 8, 2024

यूपी के निजी इंजीनियरिंग और व्यावसायिक संस्थाओं में इस साल भी नहीं बढ़ेगी फीस, शासन ने सभी डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों को दिए निर्देश

यूपी के निजी इंजीनियरिंग और व्यावसायिक संस्थाओं में इस साल भी नहीं बढ़ेगी फीस

शासन ने सभी डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों को दिए निर्देश

 सत्र 2023-24 में लागू मानक शुल्क ही 2024-25 में भी होगा प्रभावी


लखनऊ। शासन ने इस सत्र 2024-25 में भी प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग व व्यावसायिक संस्थानों में फीस न बढ़ाने का निर्णय लिया है। निजी क्षेत्र की सभी डिग्री, डिप्लोमा व सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तर के इंजीनियरिंग व व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं में सत्र 2023-24 में लागू मानक शुल्क (ट्यूशन फी) ही प्रभावी होगा।


प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से उप्र निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्था के लिए गठित प्रवेश व फीस नियमन समिति की हाल ही में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि निजी क्षेत्र के डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय इंजीनियरिंग व व्यावसायिक संस्थानों में चल रहे पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में मानक शुल्क यथावत रखा जाएगा। इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अन्नावि दिनेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।


बाद में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की ओर से अपने संबद्ध सभी संस्थानों को निर्देश जारी किया गया है कि इसके अनुसार ही प्रवेश लेना सुनिश्चित करें। बता दें कि कोविड के बाद से शासन ने विद्यार्थियों के हित में अभी तक फीस नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। 

69000 शिक्षक भर्ती: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें

69000 शिक्षक भर्ती:  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें


69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट पर सोमवार 9 सितंबर को  सुनवाई होगी। यह रिट सेवा सुरक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर दायर की गई थी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि इस भर्ती से संबंधित कई रिट दायर की गई हैं और उम्मीद है कि आज सभी पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। इस सुनवाई में आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।




69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की रिट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 9 सितम्बर को 

06 सितंबर 2024
69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवा सुरक्षा आदि को लेकर रिट दायर की थी। रवि सक्सेना आदि की इस रिट पर 9 सितंबर को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी।


अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि इस मामले में कई रिट हुई हैं। उम्मीद है कि सभी पर एक साथ 9 सितंबर को सुनवाई होगी। इसमें एक ही भर्ती में कई बार आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।


बीएड काउंसलिंग के अभ्यर्थियों को आज प्रवेश लेने का अंतिम मौका

बीएड काउंसलिंग के अभ्यर्थियों को आज प्रवेश लेने का अंतिम मौका 


झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा कराई जा रही बीएड काउंसलिंग के तहत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में मौका है। प्रथम और द्वितीय चरण बीयू कॉलेज आवंटन कर चुका है। बताया गया कि प्रथम चरण की काउंसलिंग में ही प्रदेश के सरकारी कॉलेजों की अधिकतर सीटें भर चुकी हैं। 


प्रदेश भर के बीएड कॉलेजों में लगभग 2.43 लाख सीटें हैं। बीयू द्वारा प्रथम चरण की काउंसलिंग में एक से 75 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। जबकि, द्वितीय चरण की काउंसलिंग में 75,001 से 1.93 लाख यानी अंतिम रैंक तक के अभ्यर्थी को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया गया। 

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय तबादले पर जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट खफा, विभाग को सशर्त मोहलत

हाईकोर्ट ने शिक्षकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण पर जवाब मांगा


प्रयागराज । बेसिक शिक्षा परिषद में अध्यापकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के मामले में जवाब दाखिल न करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि 30 सितंबर तक अधिकारी हलफनामा दाखिल करें या फिर स्वयं अदालत में उपस्थित हों। प्रतिभा वर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने दिया है। 


तमाम सहायक अध्यापकों ने  पारस्परिक स्थानांतरण मामले में कि परिषद अध्यापकों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण करने के बजाय सीधे उन विद्यालयों में स्थानांतरण कर रहा है जहां उनके पेयर अध्यापक नियुक्त थे।


कोर्ट ने इस मामले में संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। मगर परिषद और राज्य सरकार की ओर से कोई हलफनामा नहीं दिया गया। राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की अधिवक्ता ने कहा कि जवाब तैयार है और जल्द दाखिल कर दिया जाएगा।




बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय तबादले पर जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट खफा, विभाग को सशर्त मोहलत


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अध्यापकों की ओर से अंतर्जनपदीय सहमति स्थानांतरण को लेकर दाखिल याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग ने जवाब दाखिल नहीं किया। इससे खफा कोर्ट ने 30 सितंबर तक बेसिक शिक्षा परिषद के जिम्मेदार अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने की सशर्त मोहलत दी है। अब जवाब न देने पर उन्हें अदालत में हाजिर होना होगा। 


यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर की अदालत ने प्रतिभा वर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते दिया है। विभिन्न जिलों के कई शिक्षकों ने तमाम सहायक अध्यापकों ने अंतर्जनपदीय सहमति स्थानांतरण के मामले में याचिका दाखिल की है। दलील दी है कि बेसिक शिक्षा नियमावली के विपरीत विभाग अध्यापकों का स्थानांतरण एक से दूसरे जिले में न कर उन विद्यालयों में कर रहा है, जहां उनके समकक्ष अध्यापक नियुक्त हैं।

Saturday, September 7, 2024

जुड़वा बच्चों के बाद अगले बच्चे हेतु मातृत्व अवकाश का आवेदन खारिज करने पर बीएसए कासगंज हाईकोर्ट में तलब, देखें कोर्ट ऑर्डर

जुड़वा बच्चों के बाद अगले बच्चे हेतु मातृत्व अवकाश का आवेदन खारिज करने पर बीएसए कासगंज हाईकोर्ट में तलब, देखें कोर्ट ऑर्डर

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

07 सितम्बर 2024
प्रयागराज । संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश में संचालित संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से शुक्रवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, डीआईओएस और निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं को छात्रवृत्ति के आवेदन की समय सारिणी भेजी गई है।

समय सारिणी के अनुसार छात्र-छात्राएं 25 सितंबर तक अपनी संस्था के प्रधानाचार्य को ऑफलाइन आवेदन देंगे। प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य 26 से 28 सितंबर के बीच आवेदन पत्रों की जांच करते हुए डीआईओएस को भेजेंगे। डीआईओएस के स्तर से 29 सितंबर से पांच अक्तूबर तक आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी। उसके बाद जनपद स्तरीय समिति से आवेदन पत्रों की स्वीकृति तथा संबंधित डीआईओएस की ओर से लाभार्थी के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि ट्रांसफर करने की अंतिम तिथि 12 अक्तूबर है।



अब संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति

03 सितम्बर 2024
प्रयागराज। संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को अब छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके लिए संशोधित छात्रवृत्ति योजना बनाई गई है। समाज कल्याण विभाग से यह छात्रवृत्ति दी जाएगी इसका आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर अलग से एक विंडो बनाई जाएगी।

आवेदन के लिए जल्द ही तिथि घोषित कर दी जाएगी। इससे पहले संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती थी, वह भी काफी कम थी। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 50 हजार रुपये वार्षिक होनी चाहिए थी।

अब संशोधित छात्रवृत्ति में आय सीमा खत्म कर दी गई है। प्रदेश सरकार का मानना है इसमें पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राएं अत्यंत निर्धन पारिवारिक पृष्ठभूमि के होते हैं। 



छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत विद्यार्थी अगले वर्ष से ऑनलाइन भरेंगे फार्म, इस बार ऑफलाइन मिलेगा वजीफा

छात्रवृत्ति बढ़ोतरी का आदेश जारी किया गया, दो किस्तों में भुगतान

 लखनऊ : संस्कृत स्कूलों व महाविद्यालयों के विद्यार्थी अगले वर्ष से छात्रवृत्ति के लिए आनलाइन आवेदन करेंगे। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) को इसके लिए 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई है। समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए प्रयोग किए जाने को एनआइसी की मदद से ही विद्यार्थियों का आनलाइन डाटा अपलोड किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने छात्रवृत्ति बढ़ाए जाने पर अपनी मुहर लगाई थी।

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार के मुताबिक नियमावली तैयार करने और आनलाइन आवेदन की व्यवस्था किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आफलाइन ही आवेदन करेंगे।

ऐसे विद्यार्थी जिन्हें परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और उनकी कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति हो वह ही इसके लिए पात्र होंगे। छात्रवृत्ति का भुगतान दो किस्तों में दशहरा व होली से पहले किया जाएगा। प्रश्थमा के छात्रों के लिए कक्षावार अलग- अलग वार्षिक छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। कक्षा छह व कक्षा सात के छात्रों को वार्षिक 600 रुपये, कक्षा आठ के छात्रों को वार्षिक 900 रुपये, पूर्व मध्यमा यानी कक्षा नौ व कक्षा 10 के छात्रों को 1,200 रुपये वार्षिक, उत्तर मध्यमा यानी कक्षा 11 व कक्षा 12 के छात्रों को साल भर में 1,800 रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी। शास्त्री यानी स्नातक में 2,400 रुपये और आचार्य यानी परास्नातक कक्षा के छात्रों को 3,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।



इस बार ऑफलाइन मिलेगा संस्कृत के छात्रों को वजीफा, संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शासनादेश जारी 

लखनऊ । संस्कृत छात्रों को संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। इसके अनुसार वर्ष 2024-25 में इसका भुगतान आफलाइन ही किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) से इसके लिए समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। छात्रवृत्ति के लिए नई नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित छात्रवृत्ति योजना की पारदर्शी आनलाइन प्रक्रिया को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना में लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल में अलग से विंडो बनाया जाए। इसके लिए एनआईसी को अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था के लिए वेतन के मद में प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये की अतिरिक्त बजट व्यवस्था कराई जाए। छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया के लिए एक समय सारिणी भी निर्धारित की जाए, जिसमें आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति खाते में ट्रांसफर करने तक की अंतिम तिथि निर्धारित की जाए



संस्कृत संस्थानों के 1.5 लाख छात्रों को मिलेगा नई छात्रवृत्ति योजना का लाभ, योगी सरकार ने 24 साल बाद संस्कृत छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई  6वीं से 12वीं तक के छात्रों की छात्रवृत्ति में तीन गुना वृद्धि

योगी सरकार ने ली संस्कृत के विद्यार्थियों की सुध, 24 साल बाद बढ़ाई गई छात्रवृत्ति 

11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों की मिली है स्वीकृति


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कैबिनेट के तहत राज्य के संस्कृत संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के फैसले का लाभ करीब 1.5 से ज्यादा छात्रों को मिलेगा। 24 साल बाद संस्कृत संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति में की गई वृद्धि से योगी सरकार ने न सिर्फ 2001 से चली आ रही व्यवस्था में बड़ा सुधार किया है बल्कि युवाओं को संस्कृति से जोड़ने की दिशा में भी अनूठी पहल की है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संस्कृत के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में तीन गुना तक इजाफा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। महत्वपूर्ण ये है कि पहली बार कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को भी छात्रवृत्ति से जोड़ा गया है। इसमें वार्षिक आय की शर्त को भी हटा लिया गया है, जिससे अब किसी भी आय वर्ग के विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने के लिए पात्र होंगे।


आचार्य के लिए मिलेगी 250 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति

वर्ष 2001 में संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की जो व्यवस्था थी, उसके अनुसार पूर्व मध्यमा (कक्षा 9-10) के छात्रों को 50 रुपये प्रतिमाह, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11-12) के छात्रों के लिए 80 रुपये प्रतिमाह, शास्त्री के लिए 80 और आचार्य के लिए 120 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते थे। योगी सरकार ने 24 साल बाद इस छात्रवृत्ति में संशोधन करते हुए इसमें तीन गुना तक वृद्धि की है।

सरकार का मानना है कि संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं निर्धन परिवारों से होते हैं, इसलिए अब नई व्यवस्था के तहत प्रथमा (कक्षा 6,7 और 8) के छात्रों को भी पहली बार छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। पहले की व्यवस्था में इन कक्षाओं के छात्रों को किसी भी तरह की छात्रवृत्ति की सुविधा नहीं थी। नई व्यवस्था में प्रथमा के कक्षा 6 एवं 7 के छात्रों के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। 

इसके साथ ही, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।


संस्कृत को उचित स्थान दिलाने के लिए निरंतर हो रहे प्रयास

योगी सरकार का विजन है कि संस्कृत को उचित स्थान मिलना चाहिए। सरकार लगातार संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान के लिए प्रयास कर रही है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार की योजना लागू की जा चुकी है। उप्र संस्कृत संस्थान की तरफ से निशुल्क कोचिंग भी दिलाई जा रही है।

 संस्कृत के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2019 से अब तक दो आईएएस, दो एसडीएम, एक डिप्टी एसपी, 3 नायब तहसीलदार सहित कुल 49 अभ्यर्थियों का विभिन्न सेवाओं में चयन हो चुका है। यही नहीं 11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों को मंजूरी मिली है।


संस्कृत भाषा का अध्ययन करने वाले निर्धन छात्रों के उत्साह के लिए छात्रवृत्ति को बढ़ा के उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रशंसनीय कार्य का श्रीकाशीविद्वत्परिषद् परिवार स्वागत करता है।-प्रो. रामनारायण द्विवेदी महामंत्री, श्रीकाशीविद्वत परिषद् वाराणसी

उत्तर प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को प्रोत्साहन हेतु छात्रवृत्ति की घोषणा से संस्कृत विद्यालयों में छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों से संभव हो पाया है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत बधाई व धन्यवाद । –विनोद कुमार मिश्रा, महामंत्री, माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति

इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तर प्रदेश लगातार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। यह निर्णय भी बहुत ही सराहनीय है। इससे संस्कृत के छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी और वे भी संस्कृत को आधुनिक युग की भाषा बनाने के लिये प्रेरित होंगे। –आचार्य सर्वेश शुक्ला, संस्थापक, श्री स्वामी आत्मानन्द संस्कृत शिक्षण संस्थाऩ, नैमिषारण्य, सीतापुर



संस्कृत स्कूल व कॉलेजों में 24 साल बाद बढ़ी छात्रवृत्ति, संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिपरिषद का अहम फैसला

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि करने का फैसला लिया गया। यह बढ़ोत्तरी 24 साल बाद की गई है। कैबिनेट ने वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 13 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।



कक्षा छह व सात के छात्रों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति 

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उनके विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रथमा (कक्षा 6 एवं 7) के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और मध्यमा (कक्षा 8) के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 , उत्तर मध्यमा के लिए 150 रुपये, शास्त्रत्त्ी के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।


राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा दूर, जल्द होगा गठन, नियमावली भी हो गई तैयार, नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई

राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा दूर, जल्द होगा गठन, नियमावली भी हो गई तैयार,  नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई


प्रयागराज। विद्यालय में नियमित पढ़ाई न कर पाने वाले विद्यार्थियों के लिए गठित किए जा रहे राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा अब दूर हो गई है। इसकी नियमावली भी तैयार कर ली गई है। इसी हफ्ते उसे शासन को भेज दिया गया है। शासन से स्वीकृत होने के बाद आने वाले कुछ महीनों में इसका गठन किया जा सकता है। उसके बाद प्रवेश का क्रम शुरू हो जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत इसमें पढ़ाई होगी।


यूपी बोर्ड के अंतर्गत पत्राचार शिक्षा संस्थान 1980 से चल रहा है। इसमें बच्चों का पंजीकरण 11 वीं और 12वीं में होता है। दो दशक से पहले इसे मुक्त विद्यालय परिषद बनाने की योजना बनी थी। 29 अगस्त 2008 को इसका अधिनियम पारित हो गया। सितंबर में प्रमुख सचिव ने इसका शासनादेश जारी किया। शासनादेश में लिखा कि परिषद संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण कराएं। 


पत्राचार संस्थान के अफसरों ने कहा कि यूपी बोर्ड की तरह मुक्त विद्यालय परिषद काम करेगा। इसलिए इसके सोसाइटी पंजीकरण की जरूरत नहीं है। इसके बाद पत्राचार संस्थान से उचित पैरवी न होने पर फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। पिछले वर्ष अपर निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी को यहां का कार्यभार मिला। उन्होंने पुरानी फाइल निकलवाई और शासन में कई बैठकें करवाई। 


अफसरों ने माना की पूर्व में जारी हुआ शासनादेश विसंगतिपूर्ण था। इसलिए पिछले दिनों उसे वापस ले लिया गया। अब इसके गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ने लगी है। अपर निदेशक की निगरानी में इसकी नियमावली भी बनाई गई थी। अब वह उसे भी भेज दिया गया है। मुक्त विद्यालय परिषद बनने पर नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई होगी।


अधिनियम से पहले ही बन गई फर्जी वेबसाइट

प्रयागराज। मुक्त विद्यालय परिषद का अधिनियम बना लेकिन धरातल पर नहीं आ सका। लेकिन इसके नाम से पहले ही फर्जी वेबसाइट बन गई। कुछ लोग इस नाम का सोसाइटी पंजीकरण कराकर प्रवेश लेने लगे। परीक्षा करवाकर अंक पत्र बांटने लगे। ठगों ने परिषद के नाम से चार वेबसाइट भी बना ली थी। पिछले दिनों अपर निदेशक अजय द्विवेदी ने साइबर थाने में ठगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। साइबर टीम फर्जी वेबसाइट को बंद कराने की प्रक्रिया कर रही है।