अक्तूबर से 'मिशन शक्ति' के पांचवें चरण के तहत 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का देंगे प्रशिक्षण, विद्यालयों में नियमित चलेंगी यह गतिविधियां
36,772 बालिकाओं को वितरित किए जाएंगे सेनेटरी पैड
विद्यालयों में करियर काउंसलिंग सत्र का आयोजन भी होगा
लखनऊ। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए प्रदेश सरकार अक्तूबर से 'मिशन शक्ति' के पांचवें चरण की शुरुआत करेगी। मई 2025 तक चलने वाले इस चरण में जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस दौरान 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सके। इसके तहत नवंबर में विद्यालयों में विशेष शिविर का आयोजन होगा।
पीएमश्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। ताकि बेटियां अपने करियर को लेकर सजग हो। इसी क्रम में विद्यालयों में बालिकाओं को सेनेटरी पैड वितरित्त करेंगे। इसी तरह नवरात्रि में 3 से 10 अक्तूबर तक विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए किए जाएंगे।
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में बाल अधिकार, घरेलू हिंस्य, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड-टच, बैड टच जैसे मुद्दों पर बेटियों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।
पीएमश्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे। ताकि बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुक किया जाएगा।
विद्यालयों में नियमित चलेंगी यह गतिविधियां
बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए सेमिनार व जागरूकता कार्यक्रम
बाल संसद और बाल सभा का आयोजन होगा, इसमें लड़के लड़कियों को बराबर जिम्मेदारी दी जाएंगी।
उच्य प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता पर चर्चा होगी।
शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक में विधिक साक्षरता, पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
बालिका दिवस और महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, रैली, प्रभात फेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
केजीबीवी की बालिकाओं को खेलकूद, स्काउट गाइड और एनसीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कानूनी अधिकारों से होंगी परिचित
अप्रैल-मई 2025 में बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों, जैसे शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह और घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
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