बोर्ड ने खत्म की प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता, तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट की जाएगी ऑनलाइन
अधिकांश मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए दी थी अर्जी
तीन दशक पुरानी मार्क्सशीट की जाएगी ऑनलाइन
मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में वर्ष 1995 से लेकर अब तक की मार्क्सशीट वेबसाइट पर अपलोड करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। प्रदेश के 560 अनुदानित मदरसों के लिए एक मॉडल प्रशासन योजना अनुमोदित की गई। बैठक में पोर्टल पर पंजीकरण से छूटे मदरसों को जोड़ने की अनुमति का प्रस्ताव शासन को भेजने, बजट बढ़ाने, परीक्षा फरवरी 2025 में कराने के प्रस्ताव पर भी बात की गई। मदरसा मिनी आईटीआई योजना में सुधार के लिए समिति का गठन करने पर सहमति दी गई।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी गई है। इंदिरा भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के सभागार में मंगलवार को बोर्ड के कार्यकाल की अंतिम बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इनमें से अधिकांश मदरसों ने खुद ही मान्यता खत्म करने के लिए अर्जी दी थी। वहीं, कई मदरसों में मानक से कम विद्यार्थी होने से उनकी यू-डायस पर फीडिंग नहीं की गई, जबकि कई का संचालन ही नहीं हो रहा था।
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त प्रदेश में करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें से 560 अनुदानित मदरसे हैं। बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि झांसी के 242 और मऊ के 10 मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजा था, जबकि अंबेडकरनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने 234 मदरसों की मान्यता खत्म करने की सिफारिश की थी। इनमें अधिकांश ने यू- डायस कोड से छात्रों के दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए थे। चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि अधिकांश मदरसा आधुनिकीकरण योजना से चल थे। अब योजना खत्म हो गई है।
ऑनलाइन दी जाएगी मदरसों को मान्यता मदरसा बोर्ड ने अपने कार्यकाल की
अंतिम बैठक में एक बार फिर मदरसों को नई मान्यता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। तय हुआ कि बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा की तर्ज पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की नई मान्यता के आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसा बोर्ड अपने तीन साल के कार्यकाल में होने वाली लगभग हर बैठक में नई मान्यता को लेकर चर्चा कर चुका है। कई बार शासन को प्रस्ताव भी भेजे, लेकिन शासन ने कोई निर्णय नहीं लिया था। मदरसा बोर्ड से साल 2017 से प्रदेश के मदरसों को मान्यता नहीं दी गई है। इस बार प्रदेश में कराए गए सर्वे में सामने आए 8449 मदरसों को बोर्ड से मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। मान्यता के बावजूद पोर्टल से छूटे 2500 मदरसों के साथ मानक पूरे करने वाले अस्थायी मदरसों को स्थायी मान्यता मिलना भी आसान हो जाएगा।
फरवरी 2025 में होगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं
परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षा 2025 को अगले वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित कराने पर सहमति बनी। इसके लिए सभी जरूरी कार्यवाही तत्परता से पूरा कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में लिए गए निर्णय 👇
09 सितम्बर 2024
लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की 29 साल पुरानी मार्क्सशीट को भी अब एक क्लिक पर घर बैठे देखा जा सकेगा। बोर्ड ने वर्ष 1995 से अब तक के रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया है।
मार्क्सशीट ऑनलाइन होने के बाद मौके पर ही उनका वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। मंगलवार को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगाएगा। बोर्ड का कार्यकाल भी इसी महीने 16 सितंबर को समाप्त हो रहा है।
चेयरमैन ने सभी सदस्यों की बैठक इंदिरा भवन में बुलाई है। बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुसार मदरसा बोर्ड का पाठ्यक्रम तैयार करने पर मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी।
No comments:
Write comments