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Thursday, September 12, 2024

40 हजार शिक्षकों-कर्मचारियों की विजिलेंस जांच के विरोध में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ

40 हजार शिक्षकों-कर्मचारियों की विजिलेंस जांच के विरोध में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ

12 सितंबर 2024
लखनऊ। माध्यमिक विद्यालयों में 1981 से 2020 के बीच तैनात करीब 40 हजार शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विजिलेंस जांच का मामला तूल पकड़ने लगा है। हाल ही में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी जांच के पत्र का उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने विरोध किया है।

 संघ ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। संघ के प्रांतीय संरक्षक व एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल और प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि 1981 से 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विजिलेंस जांच कराने का निर्णय हैरान करने वाला है। नियुक्तियों के नाम पर पूरे प्रदेश में भय का वातावरण पैदा किया गया है। इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए अन्यथा पठन-पाठन बंद कर आंदोलन होगा। 


एडेड विद्यालयों के 40 हजार शिक्षकों व कर्मचारियों की विजिलेंस जांच फिर तेज

माध्यमिक विद्यालयों में 1981 से 2020 तक की नियुक्तियों का मामला

विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे विवरण, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने भेजा पत्र

03 सितंबर 2024
लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में अयोध्या से शुरू हुई जांच का दायरा काफी विस्तृत होता जा रहा है। विजिलेंस की जांच के दायरे में वर्ष 1981 से 2020 तक नियुक्त लगभग 40 हजार शिक्षक-कर्मचारी आ गए हैं।


पिछले दिनों विजिलेंस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर कहा था कि विभागीय अधिकारी नियुक्तियों से जुड़े दस्तावेज नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। इसकी वजह से जांच प्रभावित हो रही है। 


इसी क्रम में अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर जिलों में वर्ष 1981 से 2020 के बीच सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्त लगभग शिक्षकों-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी की बात कहते हुए सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर कागजात विजिलेंस को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। 


हालांकि जिला स्तर पर इतने पुराने दस्तावेज एकत्र करने व उपलब्ध कराने में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं काफी शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कई का निधन भी हो चुका है।


दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि यह जांच कुछ शिक्षकों के खिलाफ होनी थी। इसे अनावश्यक विस्तार दिया जा रहा है। यह षड्यंत्र है और इससे सेवानिवृत्त व कार्यरत शिक्षकों का आर्थिक शोषण शुरू होगा। शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा। 

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