ट्रेड यूनियन का हिस्सा न बनें शिक्षक, सीएम योगी की शिक्षक दिवस पर नसीहत
राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में सीएम योगी ने 54 शिक्षकों को किया सम्मानित
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक को राष्ट्र और समाज निर्माता के रूप में खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए नवाचार पर काम करने की जरूरत है। पढ़ाई का ऐसा फार्मूला या तरीका ढूढ़ें, जो बेहद आसान हो। एक शिक्षक ट्रेड यूनियन का हिस्सा नहीं हो सकता, उसे बनना भी नहीं चाहिए। यह शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल है। जब भी आप अपने आप को ट्रेड यूनियन बनाने का प्रयास करेंगे तो आप अपने सम्मान के साथ स्वयं खिलवाड़ करेंगे।
सीएम योगी बृहस्पतिवार को योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में 54 शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
शिक्षकों को पुरस्कार देते समय योगी ने उनसे आत्मीय संवाद कर बधाई दी और खूब प्रोत्साहित भी किया। सीएम ने शिक्षकों से कहा कि मांग को रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीके हैं। आज तो डिजिटल माध्यम से मेल से भेजे जा सकते हैं। अधिकारियों को भेजने के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज सकते हैं।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सरलता से लिखा मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी। कहा, भारत हमेशा से गुरु परंपरा को सम्मान देने वाला देश रहा है। गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव इसलिए है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। जो ज्ञानी नहीं हो सकता, वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति वहां की संस्कृति और शिक्षित नागरिक होते हैं। आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जिसने शिक्षा व्यवस्था के बल पर विशेष स्थान बनाया है। यह शिक्षकों की बदौलत संभव हुआ है।
शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक पुरस्कार में चयनित शिक्षकों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया। इस मौके पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी मौजूद रहीं। अलीगढ़ के शिक्षक मूलचंद के पैर में चोट होने के कारण सीएम ने उनके पास जाकर पुरस्कृत किया।
अपने रहन-सहन और पहनावे पर ध्यान दें शिक्षक माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
गुलाब देवी ने कहा कि भौतिकवादी युग में शिक्षकों को अपने रहन-सहन और पहनावे पर ध्यान देना होगा। जैसा आचरण करेंगे, छात्र उसका ही अनुसरण करेंगे। शिक्षक, छात्र की अज्ञानता दूर कर उनका मार्ग प्रशस्त करते हैं। शिक्षक छात्रों के व्यक्तित्व विकास में संकल्पबद्ध होकर अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
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